1 00:00:41,250 --> 00:00:43,330 एनार। 2 00:01:03,730 --> 00:01:05,640 नहीं रुको। 3 00:01:06,440 --> 00:01:08,110 रुको। रुक जाओ। 4 00:01:31,550 --> 00:01:33,420 ये क्या है? 5 00:01:35,300 --> 00:01:37,890 मैं यहाँ पर कैसे पहुँच गया? 6 00:01:42,930 --> 00:01:44,850 कहीं यहाँ से गिर न जाऊँ। 7 00:01:46,230 --> 00:01:48,060 अगर नीचे गिर गया तो। 8 00:01:58,240 --> 00:02:00,410 नहीं ऐसा मत करो। 9 00:02:02,120 --> 00:02:03,830 रहम करो मुझ पर। 10 00:02:21,430 --> 00:02:23,470 अच्छा तो तुम जाग गए थॉरफिन? 11 00:02:24,010 --> 00:02:27,230 आज सपना देखते हुए तुम कुछ ज़्यादा ही चिल्ला रहे थे। 12 00:02:32,980 --> 00:02:36,650 मैंने सपना देखा कि मैं पहाड़ से नीचे गिर रहा हूँ। 13 00:02:37,570 --> 00:02:40,700 हमेशा तो तुम सपना भूल जाते हो आज कैसे याद रह गया। 14 00:02:41,370 --> 00:02:42,620 पता नहीं कैसे। 15 00:02:42,990 --> 00:02:45,950 तुम्हें पता है तुम नींद में कुछ भी बड़बड़ा रहे थे। 16 00:02:46,250 --> 00:02:50,080 कभी तुम कहते थे पिताजी। कभी कह रहे थे आस्कलाड। 17 00:02:50,620 --> 00:02:54,420 यह आस्कलाड किसी का नाम है क्या? कुछ बताओगे उसके बारे में? 18 00:04:37,270 --> 00:04:38,900 चाहे कुछ भी कर लूँ। 19 00:04:40,150 --> 00:04:44,400 जितनी भी कोशिश करूँ मैं अपना पूरा सपना याद नहीं रख पाता। 20 00:04:44,490 --> 00:04:46,570 {\an8}तनहा इंसान। 21 00:04:49,490 --> 00:04:52,660 मैं सिर्फ़ ये जानता हूँ कि वो सपने डरावने होते हैं। 22 00:04:53,910 --> 00:04:55,710 और मुझे लगता है। 23 00:04:55,790 --> 00:04:57,420 लगता है जैसे 24 00:04:58,630 --> 00:05:02,420 मैं सपने का वो हिस्सा भूल गया जो मेरे लिए ख़ास है। 25 00:05:03,050 --> 00:05:04,720 और फिर अचानक माँ आ गयी। 26 00:05:07,220 --> 00:05:11,680 मुझे ऐसा लगता है मानो मेरे गले में फांस अटकी हुई है। 27 00:05:12,680 --> 00:05:13,930 मैं डर जाता हूँ। 28 00:05:14,730 --> 00:05:16,440 काश मैं सब भूल पाता। 29 00:05:17,270 --> 00:05:19,900 पर लगता है ये कुछ ऐसा है जो मुझे नहीं भूलना चाहिए। 30 00:05:25,360 --> 00:05:26,990 लेकिन पता नहीं क्या है। 31 00:05:41,000 --> 00:05:42,920 थॉरफिन खींचो। 32 00:05:43,010 --> 00:05:44,090 ठीक है। 33 00:05:45,300 --> 00:05:49,140 ज़रा देखो तो इनकी गेहूँ की फ़सल कितनी बड़ी हो गई है। 34 00:05:49,760 --> 00:05:52,430 ज़मीन उपजाऊ है क्योंकि इन्होंने हाल में ही साफ़ की है। 35 00:05:53,310 --> 00:05:54,470 या फिर 36 00:05:54,560 --> 00:05:55,730 एनार की वजह से। 37 00:05:56,440 --> 00:05:59,730 उसके आने के बाद से इन्होंने बहुत सारी ज़मीन साफ़ कर ली है। 38 00:06:10,280 --> 00:06:13,040 मालिक का तो दिमाग़ काम ही नहीं कर रहा। 39 00:06:13,120 --> 00:06:17,250 खेती का काम हम जैसे आज़ाद लोगों के लिए ही है 40 00:06:17,540 --> 00:06:19,830 पर वो ग़ुलामों से खेती करवा रहे हैं। 41 00:06:20,380 --> 00:06:25,380 भले ही मालिक ने इन्हें इज़ाज़त दी है पर जो हो रहा है ठीक नहीं हो रहा। 42 00:06:26,010 --> 00:06:29,130 अगर ग़ुलामों के साथ हमारे जैसा व्यवहार किया जाएगा 43 00:06:29,470 --> 00:06:32,050 तो पूरी दुनिया में उथल-पुथल मच जाएगी। 44 00:06:32,470 --> 00:06:33,930 क्यों ठीक कहा न मैंने? 45 00:06:42,770 --> 00:06:47,150 आस्कलाड वही आदमी है जिसने मेरे पिता की जान ली थी। 46 00:06:50,450 --> 00:06:52,200 वो डेनमार्क की फ़ौज में था। 47 00:06:54,450 --> 00:06:58,000 ताक़तवर था और साथ ही बेरहम भी। 48 00:07:00,420 --> 00:07:02,710 -पकड़ो इसे। -हाँ फेंको। 49 00:07:04,590 --> 00:07:07,840 तो क्या तुमने सपने में इसको देखा था? 50 00:07:07,920 --> 00:07:10,130 ये मैं यकीन से नहीं कह सकता। 51 00:07:11,470 --> 00:07:12,550 अच्छा। 52 00:07:13,890 --> 00:07:17,980 मैं आस्कलाड के पीछे-पीछे जंग के मैदान में चला गया था। 53 00:07:19,350 --> 00:07:22,150 ताकि अपने पिता की मौत का बदला ले सकूं। 54 00:07:23,110 --> 00:07:28,030 मैं जंग में शामिल रहा दस साल नहीं 11 साल तक 55 00:07:30,990 --> 00:07:32,570 मैं उससे नफ़रत करता था। 56 00:07:33,950 --> 00:07:35,490 मारना चाहता था उसे। 57 00:07:39,540 --> 00:07:42,620 तो क्या तुमने उससे अपना बदला ले लिया? 58 00:07:45,210 --> 00:07:46,380 नहीं। 59 00:07:47,550 --> 00:07:51,300 आस्कलाड किसी और के हाथों मारा गया 60 00:07:52,340 --> 00:07:54,930 मेरी आँखों के सामने ही। 61 00:07:59,560 --> 00:08:01,730 थॉरफिन ज़रा मुझे और घास देना। 62 00:08:02,900 --> 00:08:04,020 ठीक है। 63 00:08:06,900 --> 00:08:07,900 ये पकड़ो। 64 00:08:10,530 --> 00:08:11,400 ठीक है 65 00:08:11,490 --> 00:08:14,070 देखो मैं तुम्हारे बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानता। 66 00:08:14,700 --> 00:08:18,910 लेकिन फिर भी मैं समझने लगा हूँ कि तुम इतने बेचैन क्यों रहते हो। 67 00:08:22,000 --> 00:08:24,330 अगर तुम सपने में उसे देखते हो तो 68 00:08:24,830 --> 00:08:27,290 इसका मतलब है तुम उसे भूला नहीं पाए हो अभी। 69 00:08:28,460 --> 00:08:30,550 शायद तुम्हारी बात सही है 70 00:08:31,670 --> 00:08:33,300 मुमकिन है ऐसा ही हो। 71 00:08:34,340 --> 00:08:35,390 लेकिन 72 00:08:37,550 --> 00:08:39,180 बात सिर्फ़ इतनी ही नहीं है। 73 00:08:39,560 --> 00:08:41,390 इसके अलावा और भी कुछ है। 74 00:08:42,600 --> 00:08:45,650 मुझे लगता है कुछ बहुत ख़ास है जिसे मैं भूल गया हूँ। 75 00:08:47,690 --> 00:08:50,440 और वो बहुत ही ज़्यादा ख़ास है। 76 00:08:59,830 --> 00:09:04,330 ख़ैर ये कुछ ऐसा नहीं है जो तुम किसी के कहने पर भुला सको। 77 00:09:04,500 --> 00:09:05,460 लेकिन 78 00:09:07,920 --> 00:09:09,090 अब किसी भी हाल में 79 00:09:09,750 --> 00:09:12,630 तुम अपने दुश्मन से बदला तो ले नहीं सकते है न। 80 00:09:13,010 --> 00:09:14,050 और वैसे भी 81 00:09:15,300 --> 00:09:16,640 क्या मिलेगा? 82 00:09:16,970 --> 00:09:20,060 उस आदमी से बदला लेकर जो अब ज़िंदा ही नहीं है। 83 00:09:20,760 --> 00:09:22,020 क्यों सही कहा न? 84 00:09:25,980 --> 00:09:27,600 रुक जाओ थॉरफिन! 85 00:09:27,690 --> 00:09:30,570 हिम्मत वाले और सच्चे योद्धा बनो 86 00:09:32,110 --> 00:09:34,320 थोर्स के बेटे समझे। 87 00:09:37,450 --> 00:09:40,240 अब मैं उससे नफ़रत नहीं करता 88 00:09:43,120 --> 00:09:45,830 और यही मेरी परेशानी है। 89 00:09:49,630 --> 00:09:52,920 और बिना उससे नफ़रत किए मैं 90 00:09:56,050 --> 00:09:57,180 तन्हा इंसान हूँ। 91 00:10:02,010 --> 00:10:05,350 मैं हमेशा अपने दिल में नफ़रत पालकर जीता आया हूँ। 92 00:10:08,810 --> 00:10:12,650 जंग के मैदान के सिवाय मैं कुछ नहीं जानता। 93 00:10:14,030 --> 00:10:16,820 छत बनाने के बारे में मुझे कुछ नहीं पता। 94 00:10:17,610 --> 00:10:19,160 मैं कुछ नहीं कर सकता। 95 00:10:19,820 --> 00:10:22,240 ये भी नहीं जानता कि मुझे क्या करना चाहिए। 96 00:10:25,500 --> 00:10:27,120 मैं अंदर से एकदम खाली हूँ। 97 00:10:31,670 --> 00:10:33,340 काम करते रहो। 98 00:10:33,420 --> 00:10:35,050 हाँ जी कर रहे हैं। 99 00:10:35,380 --> 00:10:38,590 इस तरह बातें बनाने में अपना वक़्त मत ज़ाया करो। 100 00:10:38,680 --> 00:10:41,760 सिर्फ़ यही एक काम नहीं है जो मुझे करवाना है। 101 00:10:53,190 --> 00:10:55,650 ध्यान से देखना। मैं कैसे फेंकता हूँ। 102 00:11:09,580 --> 00:11:10,790 अरे वाह। 103 00:11:11,960 --> 00:11:13,380 अब तुम जाल फेंको। 104 00:11:13,790 --> 00:11:15,920 बड़ी और मोटी मछलियाँ पकड़ना। 105 00:11:20,510 --> 00:11:23,350 अरे ये क्या जाल तो फैला ही नहीं। 106 00:11:23,600 --> 00:11:25,180 ठीक से काम करो। 107 00:11:25,260 --> 00:11:28,890 पता है इन दिनों हम मीट नहीं खा सकते क्योंकि लेंट चल रहा है। 108 00:11:29,350 --> 00:11:32,690 क्या तुम चाहते हो ये बूढ़ा रोटी के साथ कुछ भी न खाए? 109 00:11:36,730 --> 00:11:38,780 वाह तुमने तो अच्छा फेंका। 110 00:11:38,860 --> 00:11:41,660 कोई फ़ायदा नहीं एक भी मछली नहीं फँसी। 111 00:11:42,110 --> 00:11:46,910 और ज़्यादा घुमाकर फेंको ऐसे ऐसे फैलाकर। 112 00:11:46,990 --> 00:11:49,870 जाल को बार-बार एक ही जगह पर मत फेंको। 113 00:11:49,960 --> 00:11:50,910 ठीक है। 114 00:11:57,840 --> 00:12:02,470 तुम्हें धीरे धीरे सब काम सीखने होंगे मन लगाकर एक-एक करके। 115 00:12:05,800 --> 00:12:09,060 अगर तुम तनहा महसूस करते हो ख़ाली हो 116 00:12:09,140 --> 00:12:10,850 तो तुम कुछ भी सीख सकते हो। 117 00:12:10,930 --> 00:12:15,060 नई ज़िन्दगी की शुरूवात के लिए भीतर से ख़ाली होना ज़रूरी है । 118 00:12:16,190 --> 00:12:18,150 आप चोरी-छिपे हमारी बातें सुन रहे थे? 119 00:12:18,230 --> 00:12:19,480 यूँ ही सुनाई दे गईं। 120 00:12:25,490 --> 00:12:28,700 क्या मैं नई ज़िन्दगी शुरू कर सकता हूँ? 121 00:12:29,330 --> 00:12:32,920 काम करते रहो। तुम्हारे हाथ क्यों रुक गए। 122 00:12:41,420 --> 00:12:44,010 आज तो बहुत ठंड है। ज़रूर बर्फ़ गिरेगी। 123 00:12:44,550 --> 00:12:47,760 इतनी ठंड में मछलियाँ पकड़ना बहुत मुश्किल काम है। 124 00:12:48,510 --> 00:12:51,480 चलो आज देखते हैं मैं जीतता हूँ या मौसम? 125 00:12:52,270 --> 00:12:57,440 कल तो हम बस ज़्यादा कुछ नहीं पकड़ पाए सिवाय थोड़ी मछलियों के लानत है। 126 00:12:58,570 --> 00:12:59,780 क्यों है न थॉरफिन? 127 00:13:02,070 --> 00:13:05,240 मुझे माफ़ करना मैंने तुम्हारी बात सुनी नहीं। 128 00:13:05,820 --> 00:13:08,870 क्या मतलब तुम फिर से कुछ सोचने लगे हो? 129 00:13:12,000 --> 00:13:15,250 तुम्हें सच में लगता है कोई इंसान बदल भी सकता है? 130 00:13:16,580 --> 00:13:18,380 किसी में बदलाव कैसे आ सकता है? 131 00:13:21,460 --> 00:13:26,510 सुनो थॉरफिन तुम शायद पहले कभी एक योद्धा हुआ करते थे न? 132 00:13:26,680 --> 00:13:28,260 हुंह? हूँ। 133 00:13:28,600 --> 00:13:30,970 योद्धा तो बस एक ही चीज़ सोचते हैं वो है। 134 00:13:31,470 --> 00:13:35,020 ज़िन्दगी का मतलब है कुल्हाड़ी लेकर लड़ाई के मैदान में जाना 135 00:13:35,100 --> 00:13:36,440 लूटपाट करना और 136 00:13:36,520 --> 00:13:38,400 खाना पीना 137 00:13:38,480 --> 00:13:39,520 मैंने सही कहा ना? 138 00:13:42,030 --> 00:13:44,700 हाँ बहुत हद तक ऐसे ही होते हैं। 139 00:13:45,200 --> 00:13:47,160 पर मैं कभी कुल्हाड़ी लेकर नहीं गया। 140 00:13:49,490 --> 00:13:51,700 अब तुम्हें देखकर कोई नहीं कह सकता 141 00:13:51,790 --> 00:13:55,080 कि तुम पहले कभी एक बहुत अच्छे योद्धा हुआ करते थे। 142 00:13:58,000 --> 00:13:59,500 तुम्हें ऐसा लगता है? 143 00:14:00,340 --> 00:14:01,750 तुम्हें ऐसा लगता है? 144 00:14:02,920 --> 00:14:05,050 जाओ एक बार आइना देखकर आओ। 145 00:14:05,260 --> 00:14:06,840 तब समझ में आएगा तुम्हें 146 00:14:11,680 --> 00:14:15,180 शुक्र है कि मैं तुमसे उन दिनों नहीं मिला जब तुम 147 00:14:15,600 --> 00:14:17,600 एक योद्धा हुआ करते थे। 148 00:14:18,810 --> 00:14:22,320 क्योंकि हो सकता है कि तब तुम मुझे मार ही डालते। 149 00:14:25,530 --> 00:14:28,030 लेकिन थॉरफिन लोग बदल भी सकते हैं। 150 00:14:28,990 --> 00:14:33,870 और आजकल शायद तुम सही राह पर हो जहां तुम एक बेहतर इंसान बन सको। 151 00:14:45,920 --> 00:14:48,130 तुम्हें ऐसा लगता है? 152 00:14:49,590 --> 00:14:50,590 हाँ बेशक। 153 00:14:54,520 --> 00:14:56,810 तुम्हारा शुक्रिया एनार। 154 00:15:02,190 --> 00:15:03,020 क्या हुआ 155 00:15:03,860 --> 00:15:04,820 एनार? 156 00:15:17,580 --> 00:15:19,370 हमारा गेहूँ। 157 00:15:46,480 --> 00:15:47,820 सब का सब 158 00:15:49,110 --> 00:15:50,360 बर्बाद हो गया। 159 00:15:50,780 --> 00:15:53,700 यह किसने और क्यों? 160 00:15:56,790 --> 00:15:59,790 गेहूँ की फ़सल मौसम की मार सह सकती है। 161 00:16:00,460 --> 00:16:03,500 हवा के गिराने पर भी फसल वापस खड़ी हो जाती है। 162 00:16:03,960 --> 00:16:06,750 उन्हें पता था कि फ़सल को कैसे बर्बाद करना है। 163 00:16:07,630 --> 00:16:10,470 उन्होंने तो फ़सल की जड़ें ही उखाड़ दीं। 164 00:16:11,430 --> 00:16:13,640 उनको इसकी कीमत चुकानी ही होगी। 165 00:16:20,230 --> 00:16:21,560 रुको कहाँ जा रहे हो? 166 00:16:21,640 --> 00:16:23,350 ये सेवकों का काम है। 167 00:16:23,770 --> 00:16:26,360 सिर्फ़ वही यह घिनौनी हरकत कर सकते हैं। 168 00:16:26,690 --> 00:16:28,650 रुक जाओ। क्या करने जा रहे हो तुम? 169 00:16:29,280 --> 00:16:30,570 एनार। 170 00:16:30,650 --> 00:16:32,070 तुम समझ नहीं रहे हो? 171 00:16:32,320 --> 00:16:34,570 अगर ग़ुलाम आज़ाद इंसान पर हमला करे तो। 172 00:16:34,660 --> 00:16:36,450 कोई फर्क नहीं पड़ता। 173 00:16:36,740 --> 00:16:38,240 मैं उनकी जान ले लूँगा। 174 00:16:39,040 --> 00:16:40,250 ख़ुद पर क़ाबू रखो। 175 00:16:40,450 --> 00:16:42,790 हमारे पास सुबूत नहीं है कि ये काम उन्होंने किया है। 176 00:16:43,000 --> 00:16:45,580 अगर हम पूछेंगे तो वो हमें मना ही करेंगे। 177 00:16:45,670 --> 00:16:47,040 देखो रुक जाओ एनार। 178 00:16:47,290 --> 00:16:49,510 पहले हम चलकर पातेर से बात कर लेनी चाहिए। 179 00:16:51,800 --> 00:16:54,010 इतना शांत रहना अच्छा नहीं। 180 00:16:54,680 --> 00:16:57,470 तुम समझ ही नहीं रहे कि हुआ क्या है। 181 00:16:59,010 --> 00:17:02,890 अब यह मिट्टी उपजाऊ नहीं रही और हमारी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है। 182 00:17:03,890 --> 00:17:06,860 दोबारा फ़सल उगाने के लिए बीज भी उधार लेने होंगे। 183 00:17:07,690 --> 00:17:12,610 लेकिन... लेकिन उससे भी ज़्यादा उन्हें यह बात 184 00:17:13,320 --> 00:17:17,870 पता होनी चाहिए कि फसल उगने पर जो ख़ुशी होती है। उसकी क्या अहमियत होती है। 185 00:17:19,120 --> 00:17:21,290 आखिर वो लोग भी तो किसान हैं। 186 00:17:23,960 --> 00:17:26,580 तो फिर क्यों क्यों किया उन्होंने? 187 00:17:27,210 --> 00:17:29,040 तुम्हारा खून खौलना चाहिए। 188 00:17:29,130 --> 00:17:32,170 उन दो कौड़ी के लोगों ने हमारी फसल बर्बाद कर दी। 189 00:17:38,510 --> 00:17:39,760 लेकिन अब तक। 190 00:17:40,470 --> 00:17:44,230 मैं भी तो लोगों से छीना करता था। 191 00:17:44,640 --> 00:17:48,360 उन्हें लूटता था। उनकी ज़िन्दगी बर्बाद किया करता था। 192 00:17:50,150 --> 00:17:54,490 तुम्हारी तरह मुझे सेवकों पर ग़ुस्सा होने का कोई हक़ नहीं है। 193 00:17:55,490 --> 00:17:56,860 मैं भी उन्ही के जैसा था। 194 00:17:57,990 --> 00:18:02,700 और अगर तुम फिर भी उन सेवकों को मारना चाहते हो। 195 00:18:03,870 --> 00:18:08,710 तो तुम्हें मुझे भी अपने हाथों से सौ बार मार देना चाहिए। 196 00:18:19,140 --> 00:18:21,760 पहले ठंडे दिमाग़ से सोचो। 197 00:18:22,760 --> 00:18:23,970 बात मान जाओ 198 00:18:24,890 --> 00:18:26,270 एनार। 199 00:18:33,400 --> 00:18:35,070 ये क्या हाल कर दिया। 200 00:18:35,150 --> 00:18:37,910 जिसने भी किया बहुत ग़लत किया। 201 00:18:39,160 --> 00:18:43,080 अच्छा बताओ जब यह सब हो रहा था तो तुमने देखा नहीं? 202 00:18:43,830 --> 00:18:45,080 नहीं। 203 00:18:45,160 --> 00:18:49,000 इस खेत को तब तक ऐसे ही रहने दो जब तक मैं जाँच-पड़ताल न कर लूँ। 204 00:18:49,250 --> 00:18:54,090 शायद यहाँ से इस बात का कोई सुराग़ मिल जाए कि ये काम किसने किया है। 205 00:18:54,760 --> 00:18:57,970 अच्छा तुम्हें किसी पर शक है कि ये काम किसने किया होगा? 206 00:18:59,760 --> 00:19:02,350 यह सेवकों ने किया होगा यकीनन। 207 00:19:03,350 --> 00:19:05,100 ओह तो यह बात है। 208 00:19:05,180 --> 00:19:08,940 तो ठीक है जो कुछ यहाँ हुआ है मैं मालिक को इस बता दूँगा। 209 00:19:09,140 --> 00:19:10,850 तुम बाक़ी काम मुझपर छोड़ दो। 210 00:19:14,320 --> 00:19:18,280 जब मैं ग़ुलाम था तो मुझे भी ऐसे ही परेशान किया जाता था। 211 00:19:18,360 --> 00:19:19,240 मैंने भी बहुत कुछ सहा। 212 00:19:19,950 --> 00:19:24,870 और मैं समझ ही नहीं पाता था कि मुझे तंग करने वाले वो सब क्यों किया करते थे 213 00:19:24,950 --> 00:19:27,250 जिससे उन्हें कोई फ़ायदा नहीं होता था। 214 00:19:28,580 --> 00:19:31,500 भेदभाव रखने वाले लोग हर जगह होते हैं। 215 00:19:32,130 --> 00:19:34,380 लेकिन हर कोई ऐसा नहीं करता। 216 00:19:35,050 --> 00:19:37,760 उम्मीद मत खोना बस हौसला रखना। 217 00:19:56,530 --> 00:19:57,900 ऐसा लगता है कि 218 00:20:00,450 --> 00:20:03,620 मालिक अर्नहेड को पसंद करते हैं। 219 00:20:07,450 --> 00:20:13,040 उसे ऐसा कुछ नही कहा गया है कि वो काम करके अपनी आज़ादी ख़रीद सकती है। 220 00:20:16,800 --> 00:20:20,630 लगता है उसने तो आज़ाद होने का सपना देखना ही छोड़ दिया है। 221 00:20:21,590 --> 00:20:25,430 अगर कोई मालिक आपको पसंद करता है तो आप उससे बंध जाते हैं। 222 00:20:25,600 --> 00:20:28,520 अगर वो नफ़रत करता हैं तो आपका जीना मुश्किल कर देगा। 223 00:20:30,770 --> 00:20:35,770 आख़िर हम लोग यह कैसी ज़िन्दगी जी रहे हैं? 224 00:20:46,830 --> 00:20:50,160 जितनी मुझे उम्मीद थी उससे भी बड़ा काम कर दिया हमने। 225 00:20:50,250 --> 00:20:51,290 अब मैं थक गया हूँ। 226 00:20:51,370 --> 00:20:52,410 बेकार की बातें मत बनाओ। 227 00:20:52,500 --> 00:20:54,790 हम दूसरे रास्ते से चलते हैं एनार। 228 00:20:55,000 --> 00:20:56,670 चलो चलो चलकर अब आराम करेंगे। 229 00:20:56,750 --> 00:20:57,790 अरे रुक जाओ। 230 00:20:57,880 --> 00:20:59,000 एनार! 231 00:20:59,380 --> 00:21:02,050 हमें दूसरा रास्ता लेने की कोई ज़रूरत नहीं। 232 00:21:04,930 --> 00:21:07,550 वाह शैतान का नाम लो और शैतान हाज़िर। 233 00:21:12,140 --> 00:21:16,060 क्यों क्या हो गया? चेहरे पर बारह क्यों बजे हुए हैं? 234 00:21:16,940 --> 00:21:18,570 ख़ुद पर क़ाबू रखो एनार। 235 00:21:18,650 --> 00:21:20,070 उनकी बात मत सुनो। 236 00:21:28,280 --> 00:21:31,450 हुंह। क्या बात है? रास्ते से हट जा। 237 00:21:32,080 --> 00:21:36,210 हमारे खेत को तुम्हीं लोगों ने बर्बाद किया है न? 238 00:21:36,290 --> 00:21:38,210 क्या कहा? तुम्हारे खेत को? 239 00:21:38,840 --> 00:21:41,960 हुंह यह क्या अनाप सनाप बके जा रहा है। 240 00:21:44,930 --> 00:21:46,090 एनार! 241 00:21:46,180 --> 00:21:50,470 ओह अच्छा समझ गया तो तुम्हारे खेत को किसी ने उजाड़ दिया है। 242 00:21:50,560 --> 00:21:52,720 बहुत अफ़सोस हुआ मुझे ये सुनकर। 243 00:21:52,810 --> 00:21:55,940 पर अब तुम हिम्मत हारकर मत बैठ जाना। 244 00:21:59,020 --> 00:22:01,780 वो सारी फ़सल ग़ुलामों ने उगाई थी तो। उसपर 245 00:22:02,690 --> 00:22:05,780 इतनी गंदी गेहूँ उगती कि कोई खा न पाता। 246 00:22:24,550 --> 00:22:27,470 अरे इसे क्या हुआ? इसने तो हमला कर दिया। 247 00:22:35,810 --> 00:22:37,020 ये क्या हो गया। 248 00:22:41,570 --> 00:22:44,360 लगता है इसका जबड़ा टूट गया। 249 00:22:47,030 --> 00:22:49,110 क्या मुक्का मारा है? 250 00:22:49,200 --> 00:22:50,870 हुंह अभी बताता हूँ तुझे। 251 00:22:50,950 --> 00:22:54,290 इतनी हिम्मत ग़ुलामों। छोडूंगा नहीं तुमको। 252 00:22:57,580 --> 00:22:59,960 बात बात में ग़ुलाम कहना बंद करो। 253 00:23:00,830 --> 00:23:02,750 मुंह कम चलाओ और हाँथ ज़्यादा। 254 00:23:02,840 --> 00:23:05,260 पागल मत बनो रुक जाओ। 255 00:23:07,010 --> 00:23:08,630 थॉरफिन। तुम ठीक हो? 256 00:23:09,930 --> 00:23:11,680 -छोड़ दो मुझे। बहुत हो गया। -छोडूंगा नहीं तुझे। 257 00:23:12,430 --> 00:23:13,390 तुझे तो मैं। 258 00:23:18,690 --> 00:23:19,730 यह ले। 259 00:23:20,650 --> 00:23:21,610 रुक जाओ। 260 00:23:29,530 --> 00:23:30,490 कौन? 261 00:23:31,280 --> 00:23:32,320 कौन है? 262 00:23:32,700 --> 00:23:33,620 कौन हैं आप? 263 00:23:48,050 --> 00:23:49,550 पिताजी? 264 00:23:52,430 --> 00:23:56,470 वो मुझे कुछ बता रहे हैं। 265 00:23:59,480 --> 00:24:00,850 कोई फ़ायदा नहीं। 266 00:24:02,770 --> 00:24:04,980 मैं गिर रहा हूँ। 267 00:25:53,090 --> 00:25:53,970 शपथ। 268 00:25:54,050 --> 00:25:55,130 {\an8}शपथ