1 00:00:08,717 --> 00:00:10,552 {\an8}डायनासॉरों ने 15 करोड़ सालों से भी... 2 00:00:10,552 --> 00:00:12,179 {\an8}डेविड एटनबरो द्वारा प्रस्तुत 3 00:00:12,179 --> 00:00:14,806 {\an8}...ज़्यादा समय तक पृथ्वी पर राज किया। 4 00:00:15,682 --> 00:00:18,727 वे पृथ्वी के लगभग हर कोने में मौजूद थे 5 00:00:19,311 --> 00:00:23,148 और लगभग हर कल्पनीय आकृति और आकार में पाए जाते थे। 6 00:00:24,358 --> 00:00:27,402 कुछ वास्तव में असाधारण थे। 7 00:00:30,822 --> 00:00:34,535 अब हम जानते हैं कि टी. रेक्स एक ताक़तवर तैराक था... 8 00:00:36,787 --> 00:00:40,082 वेलोसिरैपटर्स धूर्त, पंखों वाले शिकारी थे, 9 00:00:42,000 --> 00:00:45,963 और यह कि कुछ डायनासॉरों का व्यवहार बहुत ज़्यादा अजीब था। 10 00:00:48,841 --> 00:00:52,594 लेकिन लगभग हर दिन ऐसी नई जानकारियाँ मिल रही हैं 11 00:00:52,594 --> 00:00:57,641 जो हमें इस ग्रह पर छह करोड़ साठ लाख साल पहले की ज़िंदगी के बारे में बहुत सी बातें बताती हैं। 12 00:01:02,604 --> 00:01:05,482 प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट पर इस बार, 13 00:01:05,482 --> 00:01:08,026 हम आपको बताएँगे, नए जानवरों के बारे में 14 00:01:09,403 --> 00:01:13,740 और एक साथी खोजने की उनकी तलाश के नए पहलुओं के बारे में, 15 00:01:15,576 --> 00:01:18,203 एक परिवार को पालने में आने वाली चुनौतियों के बारे में, 16 00:01:19,496 --> 00:01:21,415 और उनकी भयानक लड़ाइयों के बारे में। 17 00:01:29,506 --> 00:01:33,969 हम उस समय की यात्रा करेंगे जब प्रकृति में उसके सबसे विशिष्ट जीव रहते थे। 18 00:01:37,514 --> 00:01:41,727 यह है "प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट 2"। 19 00:01:45,522 --> 00:01:51,111 प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट 2 20 00:01:54,823 --> 00:02:00,078 समुद्र 21 00:02:04,499 --> 00:02:05,584 समुद्र। 22 00:02:06,877 --> 00:02:10,172 प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट पर सबसे बड़ा पर्यावास... 23 00:02:14,426 --> 00:02:18,514 और आज तक के सबसे बड़े शिकारियों में से एक... 24 00:02:24,937 --> 00:02:27,064 विशाल मोज़ासॉर का घर। 25 00:02:46,792 --> 00:02:51,463 लेकिन सभी मोज़ासौर्स 50 फ़ुट लम्बे भयानक भीमकाय जानवर नहीं होते। 26 00:02:52,965 --> 00:02:56,677 इस चट्टान में पनाह लेने वाली यह जानवर फ़ॉस्फ़ोरोसॉरस है। 27 00:02:58,470 --> 00:03:00,722 यह भी एक मोज़ासॉर है। 28 00:03:01,265 --> 00:03:04,560 सबसे छोटी मोज़ासॉरों में से एक, दस फ़ुट से भी कम लम्बी। 29 00:03:08,313 --> 00:03:11,775 यह दिन के वक़्त में शिकारियों से छुपकर रहती है। 30 00:03:15,821 --> 00:03:21,034 लेकिन एक घंटे में एक या दो बार, साँस लेने के लिए इसे बाहर निकलकर सतह पर आना पड़ता है। 31 00:03:25,914 --> 00:03:29,459 अपनी क़िस्म के सभी जीवों की तरह, यह भी हवा से ऑक्सीजन प्राप्त करती है। 32 00:03:37,092 --> 00:03:39,928 सबसे बड़े मोज़ासौर्स के सामने यह बहुत छोटी लगती है। 33 00:03:47,728 --> 00:03:51,106 लेकिन यह भी एक जानलेवा शिकारी है... 34 00:03:54,359 --> 00:03:57,154 और यह हमेशा छुपकर नहीं रहती। 35 00:04:00,032 --> 00:04:03,160 सही समय आने पर यह शिकारी बन जाती है। 36 00:04:07,956 --> 00:04:11,084 और वह सही समय सूरज डूबने के बाद आता है। 37 00:04:30,771 --> 00:04:35,400 रात का अंधेरा होते ही, इसकी पानी की दुनिया में बदलाव होने लगते हैं। 38 00:04:52,709 --> 00:04:57,464 अब, करोड़ों जीव समुद्र की गहराई से ऊपर आना शुरू करेंगे 39 00:04:57,464 --> 00:04:59,466 और सतह के पास जाकर अपना पेट भरेंगे। 40 00:05:04,137 --> 00:05:10,060 पृथ्वी पर सबसे बड़ी प्रवास यात्रा लगभग एकदम घुप्प अंधेरे में होती है 41 00:05:11,812 --> 00:05:15,649 और उसे सिर्फ़ रात में देखने वाले कैमरों द्वारा देखा जा सकता है। 42 00:05:22,197 --> 00:05:27,744 रात में चलने वाले इन पर्यटकों में सबसे शानदार एक क़िस्म की लालटेन मछलियाँ होती हैं। 43 00:05:32,291 --> 00:05:37,796 इनकी मंद, डरावनी रोशनी इनके शरीरों के अंदर होने वाली एक रासायनिक प्रतिक्रिया का उत्पाद है। 44 00:05:44,761 --> 00:05:49,641 इस जीवदीप्ति की चमक से शिकारियों को असमंजस में डाला जा सकता है। 45 00:05:52,811 --> 00:05:58,233 और नीचे से देखने पर, इस चमक की वजह से ये मछलियाँ समुद्र की चाँदनी सतह में 46 00:05:58,233 --> 00:06:01,528 घुलमिल जाती हैं और आसानी से नज़र नहीं आतीं। 47 00:06:05,782 --> 00:06:10,495 लेकिन ये फ़ॉस्फ़ोरोसॉरस से नहीं छिप सकतीं। 48 00:06:14,499 --> 00:06:18,462 इसके आकार को देखते हुए, इसकी आँखें मोज़ासॉरों में सबसे बड़ी होती हैं... 49 00:06:21,548 --> 00:06:25,928 जिससे यह इस मायाजाल से धोखा नहीं खाती और अपने शिकार को पहचान लेती है। 50 00:06:46,782 --> 00:06:48,784 सुबह होने से पहले ही, 51 00:06:48,784 --> 00:06:52,412 प्रवासी झुंड एक बार फिर समुद्र की गहराइयों में डूब गया है। 52 00:06:55,082 --> 00:07:01,004 और फ़ॉस्फ़ोरोसॉरस को भी अपनी दिन में छुपने वाली जगह पर लौटना होगा। 53 00:07:07,302 --> 00:07:10,931 सबसे बड़े मोज़ासौर्स शिकार की खोज में निकल चुके हैं। 54 00:07:27,614 --> 00:07:31,577 इसे रात होने तक इंतज़ार करना होगा जब शिकार करना दोबारा सुरक्षित होगा। 55 00:07:41,587 --> 00:07:45,716 दिन के समय में, प्रीहिस्टोरिक समुद्र में एक अलग क़िस्म के शिकारी के लिए 56 00:07:45,716 --> 00:07:48,010 मौक़े उपलब्ध होते हैं। 57 00:07:53,724 --> 00:07:56,560 उत्तरी अमेरिका के गर्म, उथले समुद्रों में, 58 00:07:56,560 --> 00:08:01,148 मछलियों की संख्या निशाचर लालटेन मछलियों के झुंड के लगभग बराबर हो सकती है। 59 00:08:10,240 --> 00:08:16,580 और ये छह फ़ुट लम्बे हेसपेरोर्निस का ध्यान बहुत जल्दी अपनी तरफ़ खींचती हैं। 60 00:08:33,429 --> 00:08:39,520 हेसपेरोर्निस उड़ने में असमर्थ ज़रूर है लेकिन इसने समुद्री जीवन के लिए ख़ुद को बहुत अच्छे से ढाल लिया है। 61 00:08:56,870 --> 00:09:00,874 यह अपने बड़े, ताक़तवर पैरों की वजह से बहुत तेज़ी से आगे बढ़ता है। 62 00:09:03,502 --> 00:09:06,797 एक बार कोई बदनसीब मछली इसकी सूई जैसे नुकीले 63 00:09:06,797 --> 00:09:10,968 दाँतों से भरी चोंच में फँस जाए, तो उसके लिए बचकर निकलना नामुमकिन है। 64 00:09:25,107 --> 00:09:28,819 हेसपेरोर्निस बहुत लम्बे समय तक अपने शिकार का लुत्फ़ अकेले नहीं उठा पाता। 65 00:09:31,989 --> 00:09:35,325 ज़ीपैकटाइनस, जिसे एक्स-फ़िश के नाम से जाना जाता है। 66 00:09:37,661 --> 00:09:41,623 भोजन की संभावना देखकर ये बहुत जल्दी बड़ी संख्या में इकट्ठी हो जाती हैं। 67 00:09:47,045 --> 00:09:53,051 ये 17 फ़ुट से भी लम्बी होती हैं और समुद्र की सबसे बड़ी और तेज़ मछलियों में से एक होती हैं। 68 00:10:07,524 --> 00:10:12,654 अपने बहुत बड़े मुँह की वजह से, ज़ीपैकटाइनस एक बार में कई मछलियों को अपने मुँह में समेट लेती है 69 00:10:12,654 --> 00:10:16,950 और ये अपने आकार से आधे आकार के शिकार को भी पूरा निगल जाने के लिए जानी जाती है। 70 00:10:22,706 --> 00:10:25,292 पहले तो, सबके लिए काफ़ी भोजन उपलब्ध होता है। 71 00:10:27,628 --> 00:10:33,008 लेकिन जैसे ही मछलियों की संख्या घटने लगती है, एक्स-फ़िश अपना ध्यान कहीं और लगा लेती है। 72 00:10:37,137 --> 00:10:39,973 शिकारी का शिकार होने वाला है। 73 00:10:57,824 --> 00:11:04,206 हेसपेरोर्निस के पास सिर्फ़ एक ही रास्ता है : अपनी जान बचाने के लिए तैरकर भाग जाना। 74 00:11:22,933 --> 00:11:24,977 ज़ीपैकटाइनस की गति उनसे तेज़ है। 75 00:11:27,229 --> 00:11:29,731 हेसपेरोर्निस ज़्यादा फुर्तीला है। 76 00:11:44,204 --> 00:11:49,126 लेकिन एक्स-फ़िश की नज़रों में, सब कुछ एक शिकार है... 77 00:11:54,047 --> 00:11:56,258 उसकी ख़ुद की क़िस्म की मछलियाँ भी। 78 00:12:05,517 --> 00:12:08,937 कुछ ही मिनटों में दावत लगभग ख़त्म हो जाती है... 79 00:12:11,732 --> 00:12:13,775 और शिकारी आगे निकल जाते हैं। 80 00:12:24,703 --> 00:12:29,082 समुद्र में सिर्फ़ जानलेवा शिकारियों का ही ख़तरा नहीं है। 81 00:12:29,082 --> 00:12:32,002 ख़तरा ख़ुद समुद्र से भी हो सकता है। 82 00:12:42,971 --> 00:12:46,016 यहाँ, प्रीहिस्टोरिक यूरोप के द्वीपों के आसपास, 83 00:12:46,016 --> 00:12:50,521 ज्वार का वेग भी जानलेवा चुनौतियाँ पैदा करता है। 84 00:12:54,107 --> 00:12:56,902 ख़ास तौर पर, सबसे नन्हे जीवों के लिए। 85 00:13:11,625 --> 00:13:14,169 ये एमोनाइट के अंडे हैं। 86 00:13:16,088 --> 00:13:17,381 हज़ारों की संख्या में। 87 00:13:23,387 --> 00:13:25,681 ये बहकर समुद्र के किनारे की तरफ़... 88 00:13:30,060 --> 00:13:31,770 ज्वार तालों में आ गए हैं। 89 00:13:41,321 --> 00:13:45,492 यहाँ, ये बिना किसी ख़तरे के विकसित हो सकते हैं। 90 00:13:49,830 --> 00:13:53,458 ये अंडे बहुत छोटे हैं, प्रत्येक का आकार एक इंच से भी काफ़ी कम है। 91 00:13:57,796 --> 00:14:01,341 अब वक़्त आ गया है कि बच्चे अंडे तोड़कर बाहर निकल आएँ। 92 00:14:12,603 --> 00:14:15,063 ये जेट प्रणोदन से आगे बढ़ने लगते हैं। 93 00:14:15,981 --> 00:14:19,109 लेकिन तैरने का नया हुनर सीखना आसान नहीं है। 94 00:14:29,369 --> 00:14:33,415 अभी तक, ये ज्वार ताल एक शिशु-गृह का काम कर रहे थे। 95 00:14:34,750 --> 00:14:39,254 लेकिन जैसे ही ज्वार पीछे हटता है, ये समुद्र से अलग हो जाते हैं। 96 00:14:46,929 --> 00:14:49,181 दूसरे जीव बचकर निकल सकते हैं। 97 00:14:54,269 --> 00:14:56,230 लेकिन असहाय एमोनाइट के लिए, 98 00:14:56,230 --> 00:15:00,067 इनका शिशु-गृह ही इनके लिए जल्दी ही एक जानलेवा ख़तरा साबित हो सकता है। 99 00:15:07,616 --> 00:15:12,704 भरी दोपहर में, ताल का पानी भाप बनकर उड़ना शुरू हो जाता है। 100 00:15:15,249 --> 00:15:18,585 अगर यह पूरी तरह सूख गया, तो ये सब मर जाएँगे। 101 00:15:24,049 --> 00:15:25,801 लेकिन सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है। 102 00:15:27,302 --> 00:15:30,013 एमोनाइट बच्चे कुछ बहुत अनूठा कर सकते हैं। 103 00:15:31,849 --> 00:15:36,186 इनमें से प्रत्येक को अपनी जान बचाने के लिए साथ आना पड़ता है। 104 00:15:39,523 --> 00:15:43,402 संयुक्त प्रयास का मतलब है कि ये आपस में मिलकर एक इकाई के रूप में आगे बढ़ते हैं। 105 00:15:46,613 --> 00:15:50,534 प्रत्येक एमोनाइट इस छोटी सी बहती हुई लहर के सहारे चलती है, 106 00:15:52,202 --> 00:15:55,372 जिसे पीछे वाली एमोनाइट पत्थर के ऊपर से धकेलती हैं... 107 00:16:00,836 --> 00:16:04,298 और वे अंततः गहरे पानी में पहुँच जाती हैं। 108 00:16:09,178 --> 00:16:12,347 अब ये ज्वार के आने का इंतज़ार करती हैं। 109 00:16:42,836 --> 00:16:44,755 लेकिन सब नहीं बच पाती हैं। 110 00:16:49,468 --> 00:16:52,054 अनगिनत एमोनाइट वहीं पीछे छूट जाती हैं... 111 00:16:57,726 --> 00:17:02,981 इन छोटे पाइरोरैप्टर्स के जैसे मुर्दाख़ोरों का भोजन बनने के लिए। 112 00:17:13,407 --> 00:17:17,996 बाक़ी की एमोनाइट पानी के तेज़ बहाव से ज़मीन से मीलों दूर चली जाती हैं। 113 00:17:23,335 --> 00:17:28,799 जिनमें से कुछ तो इतनी दूर यहाँ, प्रशांत महासागर के बिल्कुल मध्य में पहुँच जाती हैं। 114 00:17:31,510 --> 00:17:35,013 ये विशाल प्रवालद्वीप और उनके मध्य की झीलें 115 00:17:35,013 --> 00:17:38,684 हज़ारों मीलों में एकमात्र ऐसी जगह है जहाँ इन्हें आश्रय मिल सकता है। 116 00:17:46,233 --> 00:17:52,614 यह दुर्लभ जगह एलाज़्मासॉर की एक क़िस्म, टूरांगीसॉरस के लिए एक सुरक्षित स्थान है। 117 00:18:04,334 --> 00:18:08,088 लेकिन इन उथले समुद्रों से बाहर, कहानी बिल्कुल अलग है। 118 00:18:13,719 --> 00:18:18,390 हर दिन, एलाज़्मासॉरों को समुद्र की गहराई में जाने का जोखिम उठाना पड़ता है। 119 00:18:24,104 --> 00:18:30,110 इन प्रवालद्वीप की घाटियाँ उथले समुद्रों से लेकर भोजन से भरपूर मैदानों तक जाती हैं। 120 00:18:34,823 --> 00:18:38,869 यह गहरा समुद्र सिर्फ़ भूखे एलाज़्मासॉरों को ही आकर्षित नहीं करता, 121 00:18:39,745 --> 00:18:42,080 बल्कि उनका शिकार करने वाले शिकारियों को भी आकर्षित करता है। 122 00:18:49,338 --> 00:18:51,340 समुद्र के सबसे बड़े शिकारी को। 123 00:18:55,677 --> 00:18:58,597 पचास फ़ुट लम्बे मोज़ासॉरस को। 124 00:19:13,946 --> 00:19:19,993 समुद्र तल से उठकर ऊपर आने वाले पोषक तत्वों की वजह से यहाँ मछलियाँ काफ़ी मात्रा में मिल जाती हैं। 125 00:19:25,666 --> 00:19:29,711 सुडौल शरीरों और चार ताक़तवर पंखों के चलते 126 00:19:29,711 --> 00:19:32,631 एलाज़्मासॉर बहुत फुर्तीले होते हैं। 127 00:19:39,054 --> 00:19:43,016 लेकिन एक होशियार और धैर्यवान शिकारी इनकी रोज़ की खाने की जगहों के ज़रिए 128 00:19:44,351 --> 00:19:47,396 इनकी गतिविधियों का अंदाज़ा लगा सकता है। 129 00:20:00,784 --> 00:20:04,121 मोज़ासॉरस घात लगाकर हमला करने वाला शिकारी है। 130 00:20:09,418 --> 00:20:15,883 यह विशाल जानवर अपनी विशाल पूँछ का इस्तेमाल करके अपनी गति को बहुत तेज़ी से बढ़ाता है। 131 00:20:29,188 --> 00:20:31,273 इस बार, नसीब अच्छा नहीं था। 132 00:20:41,533 --> 00:20:44,036 दरअसल, ज़्यादातर शिकार विफल होते हैं। 133 00:20:47,206 --> 00:20:50,334 लेकिन इतने सारे एलाज़्मासॉरों के यहाँ रहते हुए, 134 00:20:50,334 --> 00:20:53,921 जल्दी ही इसे दूसरा मौक़ा मिलेगा। 135 00:21:10,771 --> 00:21:17,236 घाटी की गहरी ज़मीन के रंगों में छुप जाने की वजह से मोज़ासॉर बिना दिखाई दिए पास जा सकता है... 136 00:21:19,780 --> 00:21:23,951 एक युवा, अनुभवहीन शिकार का इंतज़ार करते हुए। 137 00:21:24,826 --> 00:21:26,578 आदर्श शिकार। 138 00:21:50,394 --> 00:21:53,897 मोज़ासॉरस अपने शिकार पर इतने बल से वार कर सकते हैं 139 00:21:53,897 --> 00:21:56,233 कि टक्कर भर से शिकार मर सकता है। 140 00:21:58,402 --> 00:22:04,449 यह वार इतना तेज़ होता है कि एलाज़्मासॉर लगभग निश्चित रूप से इसे भांप नहीं पाता है। 141 00:22:09,955 --> 00:22:16,920 समुद्र का जीवन ख़तरनाक हो सकता है और वह भी सिर्फ़ विशाल जीवों की वजह से नहीं। 142 00:22:19,214 --> 00:22:22,384 ज्वार तालों से बचकर निकलने वाले एमोनाइट के बच्चों में से, 143 00:22:22,384 --> 00:22:26,597 सौ में से एक भी समुद्र में कुछ महीने ज़िंदा नहीं रह पाता। 144 00:22:29,850 --> 00:22:32,728 लेकिन कुछ बच्चों का नसीब ख़ास तौर पर अच्छा रहा है। 145 00:22:34,271 --> 00:22:38,692 समुद्र का बहाव उन्हें एक ऐसी जगह ले आया है जो ज़िंदा रहने के लिए आदर्श है : 146 00:22:40,319 --> 00:22:43,280 यूरोप के तट पर समुद्री घास के नदीतल। 147 00:22:53,498 --> 00:22:59,004 यहाँ, आश्चर्यजनक रूप से विविध आकार और आकृतियों में... 148 00:23:00,422 --> 00:23:01,590 एमोनाइट के झुंड बनते हैं। 149 00:23:24,321 --> 00:23:28,742 यह अजीब, छह फ़ुट लम्बा विशाल जीव बैक्यूलाइटीज़ है, 150 00:23:28,742 --> 00:23:31,328 जो समुद्रतल के पास अपना पेट भरता है। 151 00:23:39,211 --> 00:23:41,922 और आकार में लगभग इसी के बराबर, 152 00:23:41,922 --> 00:23:46,468 डिप्लोमोसेरस, जिसकी आकृति एक बड़ी पेपर क्लिप जैसी है। 153 00:23:54,476 --> 00:23:59,189 ये सब यहाँ फलते-फूलते हैं, क्योंकि यहाँ भोजन काफ़ी मात्रा में उपलब्ध है। 154 00:24:02,025 --> 00:24:07,948 प्लवक। छोटे कड़े खोल वाले जानवर। कुछ तो मछली भी खाते हैं। 155 00:24:19,751 --> 00:24:22,337 परिपक्व होने पर ये जिस आकृति में 156 00:24:22,337 --> 00:24:26,091 विकसित होने वाले हैं, इन बच्चों ने वह असाधारण आकृति लेनी शुरू कर दी है। 157 00:24:28,552 --> 00:24:33,223 इन बाहर को निकली हुई कुंडलियों वाले एमोनाइट युवा नोस्टोसेरस है। 158 00:24:39,855 --> 00:24:42,316 ये वयस्क नोस्टोसेरस हैं। 159 00:24:44,067 --> 00:24:47,446 इन्हें गहरे समुद्रों के समुद्रतल में रहना पसंद हैं। 160 00:25:10,636 --> 00:25:14,223 एमोनाइट इन प्रीहिस्टोरिक समुद्रों में 161 00:25:14,223 --> 00:25:17,434 लगभग 40 करोड़ सालों से फल-फूल रही हैं। 162 00:25:24,733 --> 00:25:26,652 यहाँ हज़ारों तरह की प्रजातियाँ हैं। 163 00:25:37,079 --> 00:25:41,333 ये उन सबसे कामयाब जानवरों के समूहों में से एक हैं... 164 00:25:44,586 --> 00:25:51,385 जो गर्म, मध्यम तापमान वाले समुद्रों और यहाँ तक कि ध्रुवों पर सबसे ठंडे समुद्रों में भी ज़िंदा रहती हैं। 165 00:25:57,850 --> 00:26:02,729 जैसे यहाँ, अंटार्कटिका के आसपास के जमे हुए समुद्र में। 166 00:26:13,115 --> 00:26:19,288 एक लगभग सूरज-विहीन सर्दी के बाद, क्षितिज के पास सूरज बर्फ़ को पिघलाना शुरू कर रहा है... 167 00:26:21,206 --> 00:26:25,711 जिससे एक बार फिर एक विशाल मौसमी पर्यटक के लिए इस जगह पर आना मुमकिन होगा। 168 00:26:30,465 --> 00:26:34,344 मोर्टर्नेरिया, एक अजीब क़िस्म का एलाज़्मासॉर। 169 00:26:36,388 --> 00:26:38,098 इनका ख़ून गर्म होता है, 170 00:26:38,098 --> 00:26:42,895 और इनकी चमड़ी मोटी होती है, जिससे इनके शरीर में गर्मी बनी रहती है। 171 00:26:48,150 --> 00:26:52,321 ये दुनिया के सबसे ज़्यादा संकोची और पकड़ में ना आने वाले जानवरों में से एक हैं। 172 00:26:56,116 --> 00:27:01,163 यह समूह दक्षिणी अमेरिका से लगभग 2,000 मील की यात्रा करके 173 00:27:02,831 --> 00:27:05,501 बसंत के मौसम में यहाँ आया है। 174 00:27:09,338 --> 00:27:14,718 यह पहली बार होगा कि इस साल पैदा हुए बच्चे समुद्री बर्फ़ देखेंगे। 175 00:27:18,013 --> 00:27:21,016 हवा से ऑक्सीजन लेने वाले सरीसृपों के लिए यह ख़तरनाक हो सकता है। 176 00:27:26,813 --> 00:27:30,817 ये सिर्फ़ उन्हीं जगहों से हवा प्राप्त कर पाएँगे, जहाँ से बर्फ़ टूटी हुई होगी। 177 00:27:33,195 --> 00:27:36,281 बर्फ़ की इन दरारों को ढूँढने के लिए वयस्कों को सावधानी से आगे बढ़ना होगा, 178 00:27:37,032 --> 00:27:39,326 और बच्चों को उनके नज़दीक रहना होगा। 179 00:27:54,424 --> 00:28:00,097 ये ठंडे समुद्र इस विशाल जीव के पसंदीदा भोजन से भरे हुए हैं। 180 00:28:03,851 --> 00:28:08,522 छोटे जीवों से भरी ध्रुवीय दलदल। 181 00:28:14,278 --> 00:28:19,575 समुद्रतल के प्रत्येक वर्ग फ़ुट क्षेत्र में सैंकड़ों छोटे जानवर हो सकते हैं। 182 00:28:26,164 --> 00:28:30,627 चिपचिपी दलदल से खाने लायक़ जानवरों को अलग करना एक चुनौती है। 183 00:28:34,131 --> 00:28:36,675 लेकिन इनके पास एक उम्दा उपाय है। 184 00:28:39,094 --> 00:28:43,390 दलदल से मुँह भरकर, ये अपने जबड़ों को थोड़ा खुला छोड़ देते हैं, 185 00:28:45,309 --> 00:28:49,438 जिससे भोजन छनकर अलग हो जाता है। 186 00:28:54,610 --> 00:28:59,823 ये एकमात्र ऐसे जानवर हैं जिन्होंने अपने खाने के दाँतों को इस तरह विकसित किया है। 187 00:29:31,355 --> 00:29:34,775 मोर्टर्नेरिया पूरी गर्मियाँ यहीं भोजन करेगा, 188 00:29:34,775 --> 00:29:38,862 जब तक कि ध्रुवीय सर्दी में पानी दोबारा जम नहीं जाता। 189 00:29:51,250 --> 00:29:55,128 यहाँ से ज़्यादा गर्म समुद्रों में, इन्हें दूसरी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 190 00:29:58,298 --> 00:30:03,011 लेकिन सबसे उपाय-कुशल जानवर प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट के 191 00:30:04,429 --> 00:30:08,100 इन विशाल समुद्रों में हमेशा मौक़े तलाश लेंगे। 192 00:30:19,570 --> 00:30:24,575 {\an8}प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट : रहस्योद्घाटन 193 00:30:24,575 --> 00:30:28,370 {\an8}मोज़ासॉर कितना तेज़ तैर सकता था? 194 00:30:29,371 --> 00:30:34,001 प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट की धरती पर डायनासॉरों का राज हुआ करता था। 195 00:30:34,668 --> 00:30:38,964 लेकिन समुद्रों में सरीसृपों के एक बहुत अलग समूह का वर्चस्व था : 196 00:30:38,964 --> 00:30:40,340 मोज़ासौर्स का। 197 00:30:40,841 --> 00:30:43,385 और यह उन्हीं में से एक की खोपड़ी है। 198 00:30:49,558 --> 00:30:53,312 मोज़ासौर्स समुद्री मछलियाँ थीं। 199 00:30:53,312 --> 00:30:57,733 {\an8}जैसे एक बहुत विशाल, तैरने वाला, व्हेल के आकार का कोमोडो ड्रैगन। 200 00:30:57,733 --> 00:30:59,902 {\an8}डॉ. माइकल हबीब यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया 201 00:31:01,153 --> 00:31:06,325 पतली नाक, खुरदरी त्वचा, हाथ-पाँव की जगह चार पंख 202 00:31:06,825 --> 00:31:11,872 और एक लम्बी पूँछ, जो किसी शार्क की उल्टी पूँछ जैसी लगती है। 203 00:31:12,998 --> 00:31:14,791 ऐसा होता है मोज़ासॉर। 204 00:31:19,296 --> 00:31:22,883 इनमें से सबसे बड़ा मोज़ासॉरस हॉफ़मनाई था। 205 00:31:25,010 --> 00:31:26,887 यह एक घात लगाकर हमला करने वाला शिकारी था। 206 00:31:27,846 --> 00:31:30,599 लेकिन इसकी सफलता का रहस्य क्या था? 207 00:31:34,394 --> 00:31:36,522 {\an8}ये पलकें झपकते ही अपनी गति... 208 00:31:36,522 --> 00:31:38,607 {\an8}कियर्स्टन फ़ॉरमोसो - यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न कैलिफ़ोर्निया 209 00:31:38,607 --> 00:31:41,026 {\an8}...बहुत तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। 210 00:31:41,735 --> 00:31:45,864 आधुनिक दुनिया में, यह क्षमता हम मगरमच्छों जैसे सरीसृपों में देखते हैं। 211 00:31:54,164 --> 00:31:58,168 इनकी मांसपेशियाँ छोटे-छोटे अंतराल के लिए ज़बरदस्त ऊर्जा प्रदान कर सकती हैं। 212 00:32:01,922 --> 00:32:04,842 चूँकि मोज़ासॉरस सरीसृप हैं, चूँकि ये छिपकलियाँ हैं, 213 00:32:04,842 --> 00:32:07,636 इनकी मांसपेशियों में भी शायद वैसी ही क्षमता रही होगी। 214 00:32:11,807 --> 00:32:14,434 इन्होंने ख़ुद में एक और ऐसी विशेषता विकसित की थी 215 00:32:15,018 --> 00:32:17,604 जिससे ये अपने शिकारी को और बेहतर तरीक़े से चौंका सकते थे। 216 00:32:19,189 --> 00:32:21,900 तैरने के बारे में एक पेचीदा बात यह है 217 00:32:21,900 --> 00:32:25,279 कि बहुत तेज़ गति से तैरना शुरू करने के लिए 218 00:32:25,279 --> 00:32:28,323 आपको एक ख़ास तरह की तरकीब की ज़रूरत होती है। 219 00:32:28,323 --> 00:32:33,829 और इसे करने के सबसे अच्छे तरीक़ों में से एक है ख़ुद को सी-आकार में मोड़ लेना 220 00:32:33,829 --> 00:32:36,874 और फिर अपने शरीर के एक तरफ़ से पानी को धकेलना। 221 00:32:37,958 --> 00:32:40,210 आजकल मछलियाँ इस तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। 222 00:32:41,378 --> 00:32:42,921 इसे सी-स्टार्ट कहा जाता है। 223 00:32:43,505 --> 00:32:49,052 {\an8}इसके ज़रिए वे एक ही पल में रुकी हुई स्थिति से बहुत तेज़ गति प्राप्त कर लेती हैं। 224 00:32:49,052 --> 00:32:50,429 {\an8}वेग - त्वरण - समय 225 00:32:50,429 --> 00:32:53,765 {\an8}मोज़ासौर्स भी शायद ऐसा ही कुछ करने में सक्षम थे, 226 00:32:53,765 --> 00:32:55,893 लेकिन बेशक एक कहीं बड़े स्तर पर। 227 00:33:02,107 --> 00:33:08,572 तो, मोज़ासॉरस हॉफ़मनाई जैसा एक विशाल जीव आख़िर कितना तेज़ तैर सकता था? 228 00:33:09,531 --> 00:33:16,079 यह पता लगाने के लिए, प्रीहिस्टोरिक प्लैनेट टीम ने एक अनूठा वैज्ञानिक अध्ययन किया। 229 00:33:18,957 --> 00:33:22,753 कुछ समय पहले तक, किसी ने भी इस तरह के प्रदर्शन मूल्यों का 230 00:33:22,753 --> 00:33:25,881 विस्तार से मूल्यांकन करने की कोशिश नहीं की थी। 231 00:33:25,881 --> 00:33:27,674 हमारा काम ऐसे पहले प्रयासों में से एक है 232 00:33:27,674 --> 00:33:31,637 जिसने इन जानवरों की क्षमताओं का आंकलन करके उन्हें आँकड़ों में प्रस्तुत किया है। 233 00:33:31,637 --> 00:33:35,641 और हमें जो परिणाम प्राप्त हुए हैं, वे काफ़ी हैरत में डालने वाले हैं। 234 00:33:35,641 --> 00:33:37,267 {\an8}शरीर की लम्बाई 235 00:33:38,352 --> 00:33:40,521 {\an8}टीम ने ये गणनाएँ चार बार कीं... 236 00:33:40,521 --> 00:33:41,605 {\an8}कुल 10,886 किलो कुल 42 फ़ुट 237 00:33:41,605 --> 00:33:42,856 {\an8}...ताकि इनमें कोई त्रुटि ना हो। 238 00:33:42,856 --> 00:33:45,275 {\an8}पूँछ की लम्बाई 239 00:33:45,275 --> 00:33:49,196 {\an8}सभी चार अलग-अलग परीक्षणों से कुल मिलाकर समान निष्कर्ष सामने आया। 240 00:33:50,572 --> 00:33:53,992 ये जानवर बहुत तेज़ त्वरण पैदा करने में सक्षम थे। 241 00:34:11,844 --> 00:34:15,931 यह मोज़ासॉर, मुमकिन है यह अपने शरीर की लम्बाई का 75 प्रतिशत 242 00:34:15,931 --> 00:34:17,641 एक सेकंड में पार कर सकता था। 243 00:34:18,766 --> 00:34:23,397 इसका मतलब है, अगर यह मोज़ासॉर आपसे 17 मीटर की दूरी पर है, 244 00:34:23,397 --> 00:34:26,900 तो एक सेकंड में, यह 75 प्रतिशत आपके नज़दीक होगा। 245 00:34:26,900 --> 00:34:29,360 और दूसरे सेकंड में, यह आपको भी पार कर चुका होगा 246 00:34:29,360 --> 00:34:31,154 और शायद रास्ते में आपको खा भी चुका होगा। 247 00:34:33,657 --> 00:34:36,201 एक मोज़ासॉरस से टक्कर होना 248 00:34:36,201 --> 00:34:39,288 एक बड़े आकार के सेमीट्रक से टक्कर होने जैसा है। 249 00:34:39,955 --> 00:34:44,710 टक्कर के बाद इसके दंश की बात तो दूर, इस जानवर की टक्कर भर से, 250 00:34:45,377 --> 00:34:48,297 शिकार का दम काफ़ी हद तक निकल जाएगा। 251 00:34:52,426 --> 00:34:54,928 मोज़ासौर्स एक सेकंड के अंदर ही 252 00:34:54,928 --> 00:34:56,972 अपनी गति को 30 मील प्रति घंटा तक बढ़ा सकते हैं। 253 00:35:00,934 --> 00:35:07,024 यही वजह है कि ये, विवादस्पद रूप से, आज तक के सर्वश्रेष्ठ समुद्री शिकारी हैं। 254 00:37:49,269 --> 00:37:51,271 उप-शीर्षक अनुवादक : पुनीत