1 00:00:42,917 --> 00:00:44,085 रुको! वापस आओ! 2 00:00:53,845 --> 00:00:55,972 वह क्यों भाग गया? 3 00:00:55,972 --> 00:00:57,724 जहाँपनाह। 4 00:00:57,724 --> 00:01:01,686 वो शायद आपके हुलिए की वजह से डर कर भाग गया। 5 00:01:01,686 --> 00:01:03,438 बात क्या है? 6 00:01:03,438 --> 00:01:05,482 उसे इंसानी शक्ल रोग है। 7 00:01:05,482 --> 00:01:07,484 ये कैसे हो सकता है? 8 00:01:07,484 --> 00:01:09,069 आपको यक़ीन है? 9 00:01:09,069 --> 00:01:12,280 ज़्यादातर मरीज़ प्रभावित हिस्से को आग से जला देते हैं। 10 00:01:14,699 --> 00:01:17,535 उसके चेहरे पर अभी भी जलने के निशान हैं। 11 00:01:17,535 --> 00:01:22,248 मगर सीएनले साम्राज्य के साथ इसे भी ख़त्म हो जाना चाहिए था, है ना? 12 00:01:22,248 --> 00:01:25,293 और वैसे भी, ये रोग बहुत संक्रामक है। 13 00:01:25,293 --> 00:01:28,630 अभी तक तो माउंट यूजून के इलाके में इस रोग के फैलने की कोई ख़बर नहीं है। 14 00:01:30,298 --> 00:01:32,217 मुझे पता है मैंने क्या देखा। 15 00:01:32,217 --> 00:01:35,386 शायद वो अब ठीक हो चुका है, 16 00:01:35,386 --> 00:01:37,388 बस दाग बाकी रह गए हैं। 17 00:01:38,556 --> 00:01:40,225 तुम्हारा मतलब है 18 00:01:40,225 --> 00:01:41,810 कि वह सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहा होगा? 19 00:01:43,853 --> 00:01:44,854 मुमकिन है। 20 00:01:46,815 --> 00:01:48,441 हम बहुत सी चीज़ों के बारे में नहीं जानते। 21 00:01:48,441 --> 00:01:49,901 हमें लिंग वेन को ख़बर करनी चाहिए। 22 00:01:49,901 --> 00:01:53,696 उस लड़के को जल्द से जल्द ढूँढ़ने के लिए हमें और आदमियों की जरूरत होगी। 23 00:01:56,574 --> 00:01:59,786 मो शेंग टोंग शू के उपन्यास हेवन ऑफ़िशिअल्स ब्लेसिंग पर आधारित 24 00:01:59,786 --> 00:02:02,122 जिनजिआंग लिटरेचर सिटी पर प्रकाशित किया गया 25 00:03:54,692 --> 00:03:57,153 अच्छा। 26 00:03:57,153 --> 00:03:58,738 इंसानी शक्ल रोग 27 00:03:58,738 --> 00:04:00,114 सचमुच काफ़ी गंभीर समस्या है। 28 00:04:00,114 --> 00:04:02,075 आप चिंता न करें, जहाँपनाह। 29 00:04:02,075 --> 00:04:04,744 हम उस लड़के को ढूँढ़ने की पूरी कोशिश करेंगे। 30 00:04:07,747 --> 00:04:09,749 क्या कोई और बात है जो आपको परेशान कर रही है? 31 00:04:11,459 --> 00:04:14,796 तुम्हें लगता है कि इंसानी शक्ल रोग के इस मामले का मतलब... 32 00:04:14,796 --> 00:04:16,547 शांत हो जाएं। 33 00:04:16,547 --> 00:04:18,967 जब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती उस पर ज़्यादा मत सोचिए। 34 00:04:20,677 --> 00:04:23,054 मुझे माउंट यूजून के बारे में कुछ और बात भी बतानी थी। 35 00:04:24,097 --> 00:04:26,474 आध्यात्मिक संचार व्यूह का प्रयोग करते हैं। 36 00:04:26,474 --> 00:04:28,393 अधिकारी वहीं पर चर्चा कर रहे हैं। 37 00:04:28,393 --> 00:04:29,644 उसका बर्ताव बुरा है। 38 00:04:29,644 --> 00:04:31,020 -मैंने पी लिया। -वो अनुभवी है। 39 00:04:31,020 --> 00:04:32,647 -किस्मत की बात है... -यह त्याग है... 40 00:04:32,647 --> 00:04:34,023 -आप दयालु हैं। -आप खुलकर जीते हैं। 41 00:04:34,023 --> 00:04:35,942 -सच में। -मैं अच्छा हूँ मगर... 42 00:04:35,942 --> 00:04:36,901 बहुत हुआ। 43 00:04:36,901 --> 00:04:38,903 शुआन जी हरे भूत का पता नहीं बता रही 44 00:04:38,903 --> 00:04:40,488 और पेई मिंग से मिलने की ज़िद कर रही है। 45 00:04:40,488 --> 00:04:41,906 -कोई उसे ले जा सकता है? -वही तो। 46 00:04:41,906 --> 00:04:44,993 जनरल नन यांग, दूसरे किसी महल में जगह नहीं है। 47 00:04:44,993 --> 00:04:46,452 आपके महल की मरम्मत हो चुकी है। 48 00:04:46,452 --> 00:04:48,162 उसे और कुछ दिन रहने दीजिए 49 00:04:48,162 --> 00:04:50,039 जब तक हम कैद के लिए पहाड़... 50 00:04:50,039 --> 00:04:51,457 थोड़ा जल्दी कर सकते हैं? 51 00:04:51,457 --> 00:04:53,668 मेरा महल क्या पागलखाना है? 52 00:04:53,668 --> 00:04:56,629 जनरल पेई जूनियर, आपके यहाँ जगह है? 53 00:04:59,716 --> 00:05:02,468 जनरल शुआन जी हमेशा से गुस्सैल और जिद्दी रही हैं। 54 00:05:02,468 --> 00:05:05,471 सिर्फ़ जनरल नन यांग ही उन्हें संभाल सकते हैं। 55 00:05:05,471 --> 00:05:07,890 मिंग गुआंग महल इस वक़्त संकट में है। 56 00:05:09,017 --> 00:05:10,476 शुआन जी पहले ही एक समस्या है। 57 00:05:10,476 --> 00:05:12,895 मगर अब, हरा भूत, शी रॉन्ग भी शामिल हैं। 58 00:05:12,895 --> 00:05:14,355 हरा भूत, शी रॉन्ग एक सरदर्द है। 59 00:05:14,355 --> 00:05:16,774 हरा भूत, शी रॉन्ग? 60 00:05:16,774 --> 00:05:20,153 माउंट यूजून के लटकती लाशों के जंगल का क्या माजरा है? 61 00:05:20,153 --> 00:05:22,071 हरा भूत, शी रॉन्ग भी वहाँ था? 62 00:05:23,489 --> 00:05:25,325 आप हमेशा की तरह देर से आए हैं, 63 00:05:25,325 --> 00:05:26,659 जहाँपनाह। 64 00:05:28,244 --> 00:05:30,079 माफ़ कीजिए, काम में व्यस्त हो गया था। 65 00:05:31,664 --> 00:05:33,791 हरा भूत माउंट यूजून पर नहीं था, 66 00:05:33,791 --> 00:05:36,794 मगर शुआन जी ने उसे लटकती लाशों का जंगल चढ़ावे में दिया था। 67 00:05:36,794 --> 00:05:38,880 फिर से वही लटकती लाशों का जंगल। 68 00:05:38,880 --> 00:05:42,550 शी रॉन्ग की पसंद हमेशा ही भद्दी रही है। 69 00:05:42,550 --> 00:05:45,219 उसके साथ के भूतों को भी उसकी पसंद रास नहीं आती। 70 00:05:45,219 --> 00:05:46,262 धत्त तेरे की! 71 00:05:46,262 --> 00:05:48,681 मुझे परवाह नहीं। क्या जनरल पेई लौट आए हैं? 72 00:05:48,681 --> 00:05:50,933 उस पागल औरत से हरे भूत का पता लेकर उसे चलता करो! 73 00:05:50,933 --> 00:05:52,393 -धत्त। -हाँ। 74 00:05:52,393 --> 00:05:55,688 जनरल पेई की मोहब्बत की वजह से यह परेशानी हुई है। 75 00:05:55,688 --> 00:05:58,149 शुआन जी, जनरल पेई पर पूरी लट्टू थी। 76 00:05:58,149 --> 00:05:59,692 -एक बार मिलने दो। -वो काबू में रहें। 77 00:05:59,692 --> 00:06:03,488 वही तो। अराजकता फैलाकर सबको परेशान नहीं करना चाहिए। 78 00:06:03,488 --> 00:06:06,699 उससे कुछ नहीं होगा। वो और पागल हो जाएंगी। 79 00:06:06,699 --> 00:06:08,951 शुआन जी ग्रीन होस्ट की सहकर्मी हैं क्या? 80 00:06:08,951 --> 00:06:10,578 हाँ। 81 00:06:10,578 --> 00:06:13,498 शुआन जी कई सदियों से मृत है। 82 00:06:13,498 --> 00:06:16,334 हालांकि उन्हें हमेशा शिकायत थी मगर उन्होंने कभी परेशान नहीं किया। 83 00:06:17,502 --> 00:06:20,922 मगर जब उन्होंने हरे भूत के लिए काम करना शुरू किया 84 00:06:20,922 --> 00:06:23,091 -तब से वो एक परेशानी बन गई। -अब समझ आया। 85 00:06:23,091 --> 00:06:25,051 शुआन जी ख़ुद से ताकतवर नहीं थी। 86 00:06:25,051 --> 00:06:28,054 अगर शी रॉन्ग नहीं होता, तो वो कोई परेशानी नहीं फैलाती। 87 00:06:28,054 --> 00:06:32,100 हालांकि जनरल पेई यहाँ नहीं हैं, मगर जनरल पेई जूनियर हैं। 88 00:06:32,100 --> 00:06:34,060 रुको। हम शी रॉन्ग को ढूँढ़ लेंगे, 89 00:06:34,060 --> 00:06:36,646 मगर मिंग गुआंग महल को भी कुछ ज़िम्मेदारी लेनी होगी। 90 00:06:36,646 --> 00:06:38,189 -सही बात है! -ख़ामोश! 91 00:06:38,189 --> 00:06:40,525 माउंट यूजून की समस्या सुलझा ली गई थी 92 00:06:40,525 --> 00:06:42,068 सीए लिएैन और उन लोगों की मदद से 93 00:06:42,068 --> 00:06:43,653 जो काम करते हैं 94 00:06:43,653 --> 00:06:47,323 जनरल शुआन चेन, जनरल नन यांग और जनरल मिंग गुआंग के लिए। 95 00:06:47,323 --> 00:06:48,783 आपकी मदद की शुक्रगुजार हूँ। 96 00:06:48,783 --> 00:06:50,451 इस काम के प्रभारी होने के नाते, 97 00:06:50,451 --> 00:06:53,079 क्या आप और कुछ कहना चाहेंगे, जहाँपनाह? 98 00:06:53,079 --> 00:06:55,248 मैंने एक भ्रूण आत्मा को गाते सुना 99 00:06:55,248 --> 00:06:57,458 जब मैं पालकी में बैठा हुआ था। 100 00:06:57,458 --> 00:07:00,294 मगर दोनों सहायक देवता उसे सुन नहीं पाए। 101 00:07:00,294 --> 00:07:02,588 मुझे लगता है उसकी शक्तियाँ काफ़ी अद्भुत हैं। 102 00:07:02,588 --> 00:07:03,881 आप इस बारे में जानते हैं? 103 00:07:03,881 --> 00:07:05,049 एक भ्रूण आत्मा? 104 00:07:05,049 --> 00:07:06,843 हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता। 105 00:07:06,843 --> 00:07:09,554 क्योंकि सिर्फ़ जहाँपनाह ने ही उसे सुना है, 106 00:07:09,554 --> 00:07:11,889 तो क्या ये मुमकिन है कि यह एक माया हो? 107 00:07:11,889 --> 00:07:15,017 ये पूरी कहानी ही संदेहजनक है। मिंग गुआंग महल को इसका स्पष्टीकरण... 108 00:07:15,017 --> 00:07:17,937 मुझे भ्रूण आत्मा की परवाह नहीं! पहले शुआन जी को ले जाओ! 109 00:07:20,565 --> 00:07:22,442 सही पहाड़ मिलने तक इंतज़ार कर लें। 110 00:07:25,069 --> 00:07:28,531 रही बात भ्रूण आत्मा की, मैं उसके बारे में पता करती हूँ। 111 00:07:28,531 --> 00:07:30,324 और कुछ? 112 00:07:30,324 --> 00:07:31,284 एक और बात। 113 00:07:31,284 --> 00:07:34,287 मैंने एक नौजवान को देखा जो चाँदी की तितलियों पर काबू कर सकता है। 114 00:07:34,287 --> 00:07:36,372 -वो कौन है? -जहाँपनाह। 115 00:07:36,372 --> 00:07:37,915 -क्या कहा? -चाँदी की तितलियाँ। वो है क्या? 116 00:07:37,915 --> 00:07:40,626 -उसने कहा वो हुआ चेंग से मिला। -ये सब क्या है? 117 00:07:41,627 --> 00:07:43,129 उसका नाम हुआ चेंग है? 118 00:07:43,129 --> 00:07:45,590 उस पर जंचता है। 119 00:07:48,468 --> 00:07:50,678 तुमने चार महान आपदाओं के बारे में नहीं सुना? 120 00:07:54,098 --> 00:07:56,100 इसमें महाराज पनाह की ग़लती नहीं है। 121 00:07:56,100 --> 00:07:58,686 वह कई सदियों तक मृत्युलोक में थे। 122 00:07:58,686 --> 00:08:00,021 उन्हें नहीं पता होगा। 123 00:08:03,816 --> 00:08:05,526 चार महान आपदाएं क्या हैं? 124 00:08:09,280 --> 00:08:11,782 ये चार भूत सम्राट हैं। 125 00:08:11,782 --> 00:08:15,828 रात को भटकने वाला हरा लालटेन, हरा भूत, उनमें से एक है। 126 00:08:15,828 --> 00:08:17,830 मगर वह सबसे कमज़ोर है 127 00:08:17,830 --> 00:08:19,499 और विनाश की श्रेणी तक भी नहीं पहुँचा। 128 00:08:19,499 --> 00:08:21,876 और उसकी पसंद घटिया है। उसे भद्दी चीज़ें पसंद हैं। 129 00:08:21,876 --> 00:08:23,294 वह उपद्रवी भी है। 130 00:08:23,294 --> 00:08:25,963 फिर आता है काला भूत, काले पानी में डूबने वाले नाँव। 131 00:08:25,963 --> 00:08:27,423 वह कभी-कभार ही दिखता है। 132 00:08:27,423 --> 00:08:29,967 स्वर्ग लोक को इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है 133 00:08:29,967 --> 00:08:32,553 सिवाय इस बात के कि वह पानी का भूत है। 134 00:08:32,553 --> 00:08:35,389 अगला है श्वेत वेश में विपत्ति। 135 00:08:35,389 --> 00:08:37,600 उसका एक और नाम है। 136 00:08:37,600 --> 00:08:38,809 बाई वुशीयांग। 137 00:08:40,061 --> 00:08:42,188 सीएनले 138 00:08:50,821 --> 00:08:55,243 मुसीबतें बाई वुशीयांग के साथ चलती हैं। सबसे पहला साम्राज्य जो उसने बर्बाद किया... 139 00:08:55,243 --> 00:08:57,745 क्या आपका गला ठीक है, लिंग वेन? 140 00:08:57,745 --> 00:08:59,080 जहाँपनाह, 141 00:08:59,080 --> 00:09:01,624 बाई वुशीयांग कई सदियों से मृत है। 142 00:09:04,085 --> 00:09:05,294 जानता हूँ। 143 00:09:05,294 --> 00:09:06,546 मेरी चिंता मत कीजिए। 144 00:09:09,215 --> 00:09:13,928 अगर बाई वुशीयांग जिंदा भी है, फिर भी उसका सामना करने का ये वक़्त नहीं। 145 00:09:13,928 --> 00:09:18,140 जो चाँदी की तितलियाँ आपने देखीं उनका दूसरा नाम है। "घातक प्रेत तितलियाँ।" 146 00:09:18,140 --> 00:09:21,852 उनका मालिक स्वर्ग लोक के लिए एक बड़ा सिरदर्द है, 147 00:09:21,852 --> 00:09:25,189 हुआ चेंग, जिसे ख़ूनी बारिश का फूल नाम से भी जाना जाता है। 148 00:09:27,191 --> 00:09:30,695 हुआ चेंग एक जाली नाम होगा। और उसका हुलिया भी एक छलावा है। 149 00:09:30,695 --> 00:09:32,738 इससे क्या फ़र्क पड़ता है? 150 00:09:32,738 --> 00:09:35,616 तैंतीस देवताओं को एक साथ युद्ध की चुनौती देने के बाद, 151 00:09:35,616 --> 00:09:37,368 कोई भी उसकी शक्ल नहीं भूल सकता। 152 00:09:37,368 --> 00:09:39,287 उसने 33 देवताओं को एक साथ चुनौती दी? 153 00:09:41,038 --> 00:09:43,291 यह वही साल था जब हुआ चेंग बहुत मशहूर हो गया। 154 00:09:43,291 --> 00:09:46,586 उसने 35 देवताओं को द्वंद्वयुद्ध की चुनौती दी। 155 00:09:46,586 --> 00:09:49,589 अगर वो हारता, तो वो अपनी अस्थियां स्वर्ग लोक में रख देता। 156 00:09:49,589 --> 00:09:53,718 मगर, यदि कोई देवता हारता, तो उन्हें फिर से मनुष्य रूप धारण करना होता। 157 00:09:53,718 --> 00:09:56,596 तो 33 मूर्खों ने चुनौती स्वीकार कर ली। 158 00:09:56,596 --> 00:09:59,515 सामरिक देवता द्वंद्वयुद्ध हार गए और नागरिक देवता विवाद। 159 00:09:59,515 --> 00:10:01,475 पूरा समूह ख़त्म हो गया। 160 00:10:01,475 --> 00:10:04,353 जब हुआ चेंग ने उन्हें अपना वादा पूरा करने को कहा, 161 00:10:04,353 --> 00:10:06,480 उन्हें लगा हुआ चेंग तो सिर्फ़ एक अहंकारी भूत है 162 00:10:06,480 --> 00:10:09,525 और वह स्वर्ग लोक से बगावत करने की हिम्मत नहीं करेगा। 163 00:10:09,525 --> 00:10:11,152 तो उन सभी ने उसे नज़रअंदाज़ कर दिया। 164 00:10:11,152 --> 00:10:14,572 फिर हुआ चेंग ने मृत्युलोक में उनके मंदिर और महल जला डाले। 165 00:10:14,572 --> 00:10:18,326 क्योंकि देवताओं की आध्यात्मिक शक्तियों के स्रोत मंदिर और भक्त हैं, 166 00:10:19,410 --> 00:10:23,914 उनके न होने से 33 देवताओं का पतन हुआ। 167 00:10:25,458 --> 00:10:28,252 इतना ही नहीं, इन मूर्खों ने, घमंड की वजह से 168 00:10:28,252 --> 00:10:31,172 अपने परम भक्तों के सपनों में युद्ध किया। 169 00:10:31,172 --> 00:10:34,717 जब वे हार गए, तो भक्त हुआ चेंग को पूजने लगे। 170 00:10:34,717 --> 00:10:37,553 स्वर्ग लोक की नाक कट गई थी। 171 00:10:37,553 --> 00:10:40,556 -वह पागल है। -वह चालाक लोमड़ी है। 172 00:10:40,556 --> 00:10:44,644 सामरिक देवता हुआ चेंग की डरावनी कृपाण से बुरी तरह हारे 173 00:10:44,644 --> 00:10:47,146 और अपना आत्मसम्मान खो बैठे। 174 00:10:47,146 --> 00:10:49,148 नागरिक देवताओं की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। 175 00:10:49,148 --> 00:10:52,401 यक़ीनन कईयों के कान से खून निकल गया, हुआ चेंग के द्वारा बोले गए 176 00:10:52,401 --> 00:10:55,321 अपशब्द सुनकर। 177 00:10:56,989 --> 00:10:59,617 और आक्रामक चाँदी की तितलियों को मत भूलना! 178 00:10:59,617 --> 00:11:03,871 हाँ, अनेक देवता आज भी उनके ज़िक्र से कांप उठते हैं। 179 00:11:03,871 --> 00:11:06,207 पता नहीं क्यों, मुझे चाँदी की तितलियाँ बहुत प्यारी लगती हैं। 180 00:11:18,511 --> 00:11:21,389 तो हुआ चेंग ने 35 देवताओं को चुनौती दी, 181 00:11:21,389 --> 00:11:23,265 पर केवल 33 ने चुनौती स्वीकार की। 182 00:11:23,265 --> 00:11:24,308 बाकी दो कौन हैं? 183 00:11:26,644 --> 00:11:28,479 वैसे, शुआन चेन और नन यांग, 184 00:11:28,479 --> 00:11:30,564 आपको ये सब कैसे पता? 185 00:11:32,024 --> 00:11:35,236 -उन्हें सब पता होता है, है ना? -उनसे पूछो! 186 00:11:35,236 --> 00:11:38,697 जहाँपनाह, क्या आपको यक़ीन है कि आप हुआ चेंग से ही मिले? 187 00:11:38,697 --> 00:11:40,032 वो कैसा दिखता था? 188 00:11:41,158 --> 00:11:44,662 उसने लाल रंग का लबादा पहना हुआ था, पैरों में काले जूते, हाथ में छाता था। 189 00:11:44,662 --> 00:11:46,997 उसने आपके साथ क्या किया? 190 00:11:46,997 --> 00:11:48,874 उसने शुआन जी की जादुई रचना को तोड़कर 191 00:11:48,874 --> 00:11:50,292 मुझे रास्ता दिखाया। 192 00:11:50,292 --> 00:11:52,294 बस इतना ही? 193 00:11:52,294 --> 00:11:53,629 हाँ। 194 00:11:53,629 --> 00:11:55,673 -क्या? -उसका ऐसा करना अजीब है। 195 00:11:55,673 --> 00:11:58,217 -क्या यह उसकी साज़िश थी? -आख़िर उसे क्या चाहिए था? 196 00:11:58,217 --> 00:11:59,635 मुझे नहीं पता। 197 00:11:59,635 --> 00:12:02,138 अब जब चार में से दो महान आपदाएं हमारे सामने आ चुकी हैं, 198 00:12:02,138 --> 00:12:04,098 तो शायद वो मिले हुए हैं। 199 00:12:04,098 --> 00:12:06,642 अगर हम गुमराह होकर आपस में ही लड़ पड़े, 200 00:12:06,642 --> 00:12:09,103 तो इसमें उन्हीं का फ़ायदा है। 201 00:12:09,103 --> 00:12:10,229 हाँ। 202 00:12:10,229 --> 00:12:12,398 हुआ चेंग की गतिविधियाँ संदिग्ध हैं। 203 00:12:12,398 --> 00:12:14,400 हमें अंधेरे में तीर नहीं चलाना चाहिए। 204 00:12:14,400 --> 00:12:17,194 मेरे ख़याल से सबसे ज़रूरी है कि हम पता लगाएं क्या चल रहा है 205 00:12:17,194 --> 00:12:19,071 ना कि किसी को दोषी ठहराएं। 206 00:12:19,071 --> 00:12:21,740 मिंग गुआंग महल, जाँच में पूरी सहायता करेगा। 207 00:12:21,740 --> 00:12:23,909 आपका क्या विचार है, मोहतरमा लिंग वेन? 208 00:12:23,909 --> 00:12:27,580 यह सही रहेगा। यह विषय आज की सभा से परे है। 209 00:12:27,580 --> 00:12:29,415 मुझे महाराज को बताना होगा। 210 00:12:29,415 --> 00:12:32,376 आज सभा यहीं समाप्त करते हैं। 211 00:12:32,376 --> 00:12:34,712 शुक्रिया, लेडी लिंग वेन और जहाँपनाह। 212 00:12:34,712 --> 00:12:36,464 अलविदा। 213 00:12:36,464 --> 00:12:37,840 -अलविदा। -मैं चलता हूँ। 214 00:12:37,840 --> 00:12:38,841 -अलविदा। -अलविदा। 215 00:12:38,841 --> 00:12:41,844 मैं अब जा रहा हूँ। 216 00:12:41,844 --> 00:12:43,095 अलविदा। 217 00:12:44,263 --> 00:12:46,015 मुझे फिर भी शुआन जी से निपटना पड़ेगा। 218 00:12:46,015 --> 00:12:47,349 -फिर मिलते हैं। -नन यांग। 219 00:12:49,351 --> 00:12:50,352 शुआन चेन से भी। 220 00:12:57,860 --> 00:13:00,237 मेरे लिए सहायक देवता भेजने के लिए धन्यवाद। 221 00:13:02,865 --> 00:13:03,908 मैं शुक्रगुजार हूँ। 222 00:13:07,953 --> 00:13:10,498 मुझे लगता है जहाँपनाह का सच में पहले अपना ख़याल रखना 223 00:13:10,498 --> 00:13:12,082 बहुत ज़रूरी है। 224 00:13:12,082 --> 00:13:14,627 आपको लगता है आप माउंट यूजून के भक्तों के चढ़ावे से 225 00:13:14,627 --> 00:13:17,213 अपने पुण्य का ऋण चुका पाएंगे? 226 00:13:17,213 --> 00:13:18,923 आपको क्या लगता है, जनरल नन यांग? 227 00:13:35,856 --> 00:13:37,566 आकर मेरी मदद करो। 228 00:13:37,566 --> 00:13:38,526 जी, मोहतरमा। 229 00:13:41,862 --> 00:13:43,739 इन्हें ध्यान से जाँचना होगा। 230 00:13:57,503 --> 00:13:59,296 लिंग वेन, मुझे आपसे बात करनी है। 231 00:14:00,631 --> 00:14:04,093 जो 88.8 लाख पुण्य का मेरा कर्ज... 232 00:14:05,302 --> 00:14:08,847 जहाँपनाह, आप सही वक़्त पर आए हैं। मुझे भी आपको कुछ बताना है। 233 00:14:11,058 --> 00:14:12,643 बधाई हो। 234 00:14:12,643 --> 00:14:14,645 माउंट यूजून के भक्तों ने चढ़ावे भेज दिए। 235 00:14:16,605 --> 00:14:17,940 आपको जो पुण्य मिले हैं, 236 00:14:19,233 --> 00:14:20,150 उनसे आपका ऋण... 237 00:14:21,443 --> 00:14:23,487 चुकता हो गया है। 238 00:14:23,487 --> 00:14:25,322 सच में? पूरा ख़त्म? 239 00:14:25,322 --> 00:14:28,242 मगर माउंट यूजून के पुण्य काफ़ी नहीं हो सकते। 240 00:14:28,242 --> 00:14:30,369 ख़ैर, ऋण चुका दिया गया है। 241 00:14:30,369 --> 00:14:32,413 इससे ज़्यादा जानना आपके लिए ज़रूरी नहीं। 242 00:14:33,706 --> 00:14:34,582 धन्यवाद। 243 00:14:36,667 --> 00:14:38,460 वैसे, 244 00:14:38,460 --> 00:14:41,338 यहाँ क्या हो रहा है? 245 00:14:49,597 --> 00:14:51,765 उस दिन की हमारी सभा के बाद, 246 00:14:51,765 --> 00:14:54,310 मैने हुआ चेंग के बारे में हमारी चर्चा, सम्राट को बताई। 247 00:14:54,310 --> 00:14:56,353 अब हम तहक़ीक़ात कर रहे हैं। 248 00:14:57,521 --> 00:14:59,648 जब आप मृत्युलोक में थे, 249 00:14:59,648 --> 00:15:02,067 आपने स्वर्ग लोक के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। 250 00:15:03,819 --> 00:15:05,988 आप मुश्किल दौर से गुज़री हैं। 251 00:15:05,988 --> 00:15:09,033 ख़ैर, आने वाले समय के लिए आपकी कोई योजना है, जहाँपनाह? 252 00:15:10,200 --> 00:15:12,411 इसी सिलसिले में मैं यहाँ आया हूँ। 253 00:15:12,411 --> 00:15:14,121 हालांकि, मैं तीन बार स्वर्ग लोक आया हूँ, 254 00:15:14,121 --> 00:15:17,291 मगर मेरे कोई मंदिर या भक्त नहीं हैं 255 00:15:17,291 --> 00:15:19,251 जिससे आपको और महाराज को काफ़ी परेशानी हुई। 256 00:15:20,419 --> 00:15:22,379 तो मैंने इस बारे में गंभीरता से सोचा 257 00:15:22,379 --> 00:15:24,715 और मैंने फ़ैसला किया है कि मैं आत्मनिर्भर बनूँगा। 258 00:15:24,715 --> 00:15:26,675 क्योंकि यहाँ मेरे पास करने को कुछ नहीं है, 259 00:15:26,675 --> 00:15:29,011 मैं मृत्युलोक जाकर 260 00:15:29,011 --> 00:15:30,930 ख़ुद के लिए एक मंदिर बनाऊँगा। 261 00:15:34,475 --> 00:15:35,476 फिर मिलेंगे! 262 00:15:36,769 --> 00:15:37,603 रुको! 263 00:15:47,571 --> 00:15:50,658 सच में? प्रवेश द्वार के पास खाली पड़े उस मकान में कोई रहने आया है? 264 00:15:50,658 --> 00:15:52,242 अब वो एक ताओवादी मंदिर है! 265 00:15:52,242 --> 00:15:54,078 देखरेख कौन कर रहा है? चल कर देखते हैं! 266 00:15:59,291 --> 00:16:00,250 आपका स्वागत है। 267 00:16:04,213 --> 00:16:05,214 मालिक। 268 00:16:06,632 --> 00:16:09,009 आपका मंदिर किस देवता के लिए बना है? 269 00:16:09,009 --> 00:16:10,678 सीएनले के युवराज के लिए। 270 00:16:11,720 --> 00:16:12,888 वो कौन हैं? 271 00:16:12,888 --> 00:16:14,723 वो एक युवराज थे। 272 00:16:14,723 --> 00:16:16,433 वो क्या कर सकते हैं? 273 00:16:16,433 --> 00:16:17,977 वो अपने भक्तों की रक्षा कर सकते हैं। 274 00:16:17,977 --> 00:16:20,396 क्या युवराज हमें संपत्ति का वरदान दे सकते हैं? 275 00:16:21,397 --> 00:16:23,399 शायद नहीं। माफ़ कीजिए। 276 00:16:23,399 --> 00:16:24,900 तो फिर नौकरी या तरक्की? 277 00:16:24,900 --> 00:16:26,819 वो भी नहीं दे सकते। 278 00:16:31,073 --> 00:16:33,742 फिर आपके भगवान किसी काम के नहीं। इसलिए आप इतने गरीब हैं। 279 00:16:33,742 --> 00:16:35,703 पुरुषों को ग़लत व्यापार, स्त्री को ग़लत आदमी से शादी, 280 00:16:35,703 --> 00:16:38,414 और ताओवादियों को ग़लत देवता की पूजा नहीं करनी चाहिए। 281 00:16:38,414 --> 00:16:40,624 आपको पानी के देवता की पूजा करनी चाहिए। 282 00:16:40,624 --> 00:16:42,418 वो संपत्ति देते हैं तो उन्हें ज़्यादा चढ़ावे आते हैं! 283 00:16:44,336 --> 00:16:46,130 लेडी लिंग वेन भी ठीक ही हैं। 284 00:16:46,130 --> 00:16:48,507 वो हमें शिक्षा का वरदान दे सकती हैं! 285 00:16:48,507 --> 00:16:49,341 पर... 286 00:16:50,634 --> 00:16:53,846 या आप पूजा कर सकते हो... 287 00:16:53,846 --> 00:16:55,347 किसकी? 288 00:16:55,347 --> 00:16:57,349 जनरल “डिक“। 289 00:17:02,229 --> 00:17:03,772 खू़ब मेहनत करिएगा! 290 00:17:03,772 --> 00:17:05,274 काश ये लेडी लिंग वेन होते। 291 00:17:05,274 --> 00:17:07,693 -जनरल “डिक“ भी प्रतिष्ठित हैं। -हाँ! 292 00:17:11,280 --> 00:17:12,865 अभी भी वक़्त है। 293 00:17:12,865 --> 00:17:15,284 एक दिन भक्त और चढ़ावे भी आएँगे। 294 00:17:22,666 --> 00:17:24,543 मुझे मरम्मत करवाने के लिए पैसा खर्च करना पड़ेगा। 295 00:17:26,003 --> 00:17:27,421 फिर... 296 00:18:31,276 --> 00:18:32,236 देवताओं की अफ़वाहें। 297 00:18:34,947 --> 00:18:36,323 भूतों के किस्से। 298 00:18:36,323 --> 00:18:37,324 अच्छी चीज़ें मिली हैं! 299 00:18:38,534 --> 00:18:40,327 इन सबसे मंदिर की मरम्मत हो जाएगी। 300 00:18:40,327 --> 00:18:43,080 मैंने अपना मंदिर बनाने के लिए पैसे खर्च किए, पर कबाड़ से पैसे कमाए भी। 301 00:18:43,080 --> 00:18:45,249 रद्दी इकट्ठा करना स्वर्ग लोक जाने से बेहतर है! 302 00:18:50,921 --> 00:18:53,382 क्या? इसमें मेरा नाम भी लिखा है? 303 00:18:54,424 --> 00:18:57,261 "सीएनले के युवराज तीन बार स्वर्ग लोक जा चुके हैं। 304 00:18:57,261 --> 00:18:59,763 एक सामरिक देवता, महामारी देवता और कबाड़ी देवता।" 305 00:19:01,431 --> 00:19:03,517 ठीक है। कम से कम मैं देवता तो हूँ। 306 00:19:03,517 --> 00:19:05,477 सामरिक और कबाड़ी देवता एक से होते हैं। 307 00:19:06,520 --> 00:19:09,982 सभी देवता समान हैं और साथ ही सभी जीव भी। 308 00:19:09,982 --> 00:19:11,900 सच में? 309 00:19:11,900 --> 00:19:14,069 लोगों को समानता की बातें करना पसंद है। 310 00:19:14,069 --> 00:19:15,571 पर यदि ऐसा हो गया, 311 00:19:15,571 --> 00:19:18,073 तो क्या देवताओं का अस्तित्व रहेगा? 312 00:19:34,339 --> 00:19:36,091 बात तो सही कही। 313 00:19:36,091 --> 00:19:39,469 जल गुरु वुडु पर पानी और संपत्ति का दायित्व है। 314 00:19:39,469 --> 00:19:43,098 जल गुरु सम्पत्ति के अधिकारी भी कैसे हो सकते हैं? 315 00:19:43,098 --> 00:19:45,684 व्यापारी अक्सर सामान जल मार्ग से ले जाते थे, 316 00:19:45,684 --> 00:19:49,146 वो अपनी सुरक्षा के लिए जल गुरु की पूजा करते थे। 317 00:19:49,146 --> 00:19:52,065 धीरे-धीरे जल गुरु सम्पत्ति के भी अधिकारी बन गए। 318 00:19:53,358 --> 00:19:56,361 ये जल गुरु काफ़ी शक्तिशाली होंगे। 319 00:19:56,361 --> 00:19:58,864 हाँ, वो जल तानाशाह है। 320 00:19:58,864 --> 00:20:00,115 “जल तानाशाह”? 321 00:20:00,115 --> 00:20:04,244 जो जहाज़ चढ़ावा नहीं देते, उन्हें वो डुबा देते हैं। 322 00:20:04,244 --> 00:20:05,996 इसलिए उन्हें “जल तानाशाह” कहा जाता है। 323 00:20:05,996 --> 00:20:07,623 अब समझा। 324 00:20:07,623 --> 00:20:10,500 तुम्हारा ज्ञान तुम्हारी उम्र के मुक़ाबले ज़्यादा है। 325 00:20:11,710 --> 00:20:13,503 मेरे पास बहुत खाली वक़्त है। 326 00:20:22,137 --> 00:20:24,056 तुम देवताओं के बारे में बहुत जानते हो। 327 00:20:24,056 --> 00:20:25,015 और भूतों के बारे में? 328 00:20:26,683 --> 00:20:27,809 कौन सा भूत? 329 00:20:39,488 --> 00:20:41,490 ख़ूनी बारिश का फूल, हुआ चेंग। 330 00:20:46,078 --> 00:20:47,621 एक मिनट रुकिए, जहाँपनाह। 331 00:20:49,081 --> 00:20:51,291 मैं नज़र नहीं करना चाहती, 332 00:20:51,291 --> 00:20:53,710 मगर जब आप मृत्युलोक में जाएंगे, 333 00:20:53,710 --> 00:20:56,255 तो शायद आप फिर से हुआ चेंग से मिलें। 334 00:20:56,255 --> 00:20:59,841 कृपया इसे याद रखें। 335 00:20:59,841 --> 00:21:02,261 हुआ चेंग माउंट टॉन्गलू से आया है, 336 00:21:02,261 --> 00:21:05,389 जहाँ हजारों भूत एक दूसरे का क़त्ल कर देते हैं। 337 00:21:05,389 --> 00:21:07,641 जो भी भूत सम्राट इस परीक्षा में सफल हुआ, 338 00:21:07,641 --> 00:21:10,936 वो बहुत धूर्त, क्रूर और चंचल है। 339 00:21:12,020 --> 00:21:14,481 शायद वो आपके प्रति मेहरबान था, 340 00:21:14,481 --> 00:21:17,025 मगर आपको हमेशा सावधान रहना होगा। 341 00:21:17,025 --> 00:21:19,319 बेहतर होगा अगर आप उससे ना मिलें। 342 00:23:11,807 --> 00:23:14,810 संवाद अनुवादक: रूपाली बोडेकर