1 00:00:06,005 --> 00:00:08,245 ‪इस सीरीज़ में ‪आत्महत्या से जुड़े दृश्य दिखाए गए हैं 2 00:00:08,325 --> 00:00:10,845 ‪जो कुछ दर्शकों को विचलित कर सकते हैं। ‪दर्शक अपने विवेक से काम लें। 3 00:00:10,925 --> 00:00:12,645 ‪अगर आप या आपका कोई परिचित इससे जूझ रहा है, 4 00:00:12,725 --> 00:00:15,925 ‪तो जानकारी और सहायता ‪www.wannatalkaboutit.com पर उपलब्ध है 5 00:00:16,125 --> 00:00:21,285 ‪NETFLIX डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 6 00:00:21,365 --> 00:00:23,165 ‪[आतिशबाज़ी हो रही है] 7 00:00:23,245 --> 00:00:24,765 ‪[लोक संगीत बज रहा है] 8 00:00:27,805 --> 00:00:30,165 ‪अब जब आपका रिश्ता जुड़ रहा है ‪आप दोनों को खुशहाल ज़िंदगी की शुभकामनाएँ 9 00:00:30,245 --> 00:00:31,205 {\an8}‪मुबारक हो 10 00:00:31,285 --> 00:00:32,565 {\an8}‪[परवीन मेहता] तो हम गए जैसे ही, 11 00:00:33,565 --> 00:00:36,485 {\an8}‪वो सब मज़े करने लगे, ‪ज़ोर-ज़ोर से चीखें मारने लगे। 12 00:00:38,365 --> 00:00:41,525 ‪वो पिंकू कहने लगी, "मामी, ‪मेरी पंजाबी जूती लेके आई है?" 13 00:00:41,605 --> 00:00:43,805 ‪मैंने कहा, "हाँ, लेके आई हूँ!" ‪मैं उसके लिए लेके गई थी। 14 00:00:47,485 --> 00:00:50,885 ‪दीदी का भी लेके गई हूँ। ‪हम इतना सारा सूखा मेवा लेकर गए हैं। 15 00:00:52,285 --> 00:00:56,325 ‪वो भी एक बहुत ही अच्छा माहौल था। ‪वैसे ही जश्न वाला माहौल था उनके घर में। 16 00:00:56,405 --> 00:00:57,765 ‪[सीटियाँ बज रही हैं] 17 00:01:00,845 --> 00:01:03,725 ‪तो फिर रात को हमने… ‪पूरी रात डांस करते रहे हम लोग। 18 00:01:04,485 --> 00:01:06,805 ‪पता ही नहीं चला दो कैसे बज गए वहाँ पे। 19 00:01:08,205 --> 00:01:10,565 ‪और ये सारा काम ललित भैया ने किया था। 20 00:01:11,165 --> 00:01:15,165 ‪फ़ोन पे भी उन्होंने ऐसे कर रखी थी तैयारी। ‪जैसे-जैसे किसी की बारी आ रही थी, 21 00:01:15,245 --> 00:01:17,005 ‪वैसे-वैसे वो वाला गाना आ रहा था। 22 00:01:22,885 --> 00:01:27,325 ‪[पंजाबी में] मैं भी उनके साथ नाचने लगी। ‪फिर सब साथ आकर नाचने लगे। 23 00:01:28,285 --> 00:01:31,765 ‪तो खुशी का दिन है, ‪पिंकू की है। मैंने कहा, "चलो, ठीक है।" 24 00:01:38,445 --> 00:01:39,685 ‪परवीन मेहता - ललित की दोस्त 25 00:01:39,765 --> 00:01:43,645 ‪जिस जगह उन्होंने अपने-आप को लटकाया था, ‪वहीं पर सबने डांस किया था। 26 00:01:45,805 --> 00:01:48,165 ‪पता नहीं था कि दस दिन बाद ‪ऐसा कुछ हो जाएगा। 27 00:01:49,085 --> 00:01:50,525 ‪सोच भी नहीं सकते। 28 00:01:51,565 --> 00:01:53,565 ‪[साइरन बज रहे हैं] 29 00:02:12,165 --> 00:02:14,405 ‪[डॉ. मोनिशा प्रधान] ‪"ऑटोप्सी" का मतलब है खुद देखना। 30 00:02:15,445 --> 00:02:17,765 ‪इसमें शवों का परीक्षण होता है। 31 00:02:18,485 --> 00:02:20,285 ‪डॉ. मोनिशा प्रधान ‪ऑटोप्सी डॉक्टर - एमएएमसी, दिल्ली 32 00:02:20,365 --> 00:02:23,525 ‪जब मैंने पहली बार यह खबर सुनी ‪कि 11 लोगों की मौत हुई है, 33 00:02:23,605 --> 00:02:25,805 ‪मैं समझ गई कि दिन मुश्किल होने वाला है। 34 00:02:28,365 --> 00:02:31,045 ‪मृतक अपनी कहानी नहीं सुना सकते। 35 00:02:31,125 --> 00:02:34,805 ‪इसलिए हम उनके प्रतिनिधि बन जाते हैं। 36 00:02:34,885 --> 00:02:40,125 ‪हमें उनके सच का पता लगाकर ‪दुनिया के सामने लाना पड़ता है। 37 00:02:43,845 --> 00:02:47,405 ‪[रचना जोहरी] मेरे खयाल से ‪हमने इस परिवार के मामले में वही देखा 38 00:02:47,485 --> 00:02:50,325 ‪जो पूरी दुनिया के परिवारों में होता है, ‪पर एक भयानक रूप में। 39 00:02:51,325 --> 00:02:54,005 ‪अक्सर परिवार खुद को… 40 00:02:54,085 --> 00:02:55,645 ‪रचना जोहरी - सायकोलॉजिस्ट 41 00:02:55,725 --> 00:02:58,525 ‪…एक खूबसूरत, खुशहाल, ‪एकजुट "भारतीय परिवार" की तरह दर्शाते हैं। 42 00:02:58,605 --> 00:03:00,605 ‪[बिजली की चरमराहट] 43 00:03:02,125 --> 00:03:03,925 ‪हर परिवार के अपने राज़ होते हैं 44 00:03:04,005 --> 00:03:06,925 ‪और उन्हें हर कीमत पर राज़ रखा जाता है। 45 00:03:07,645 --> 00:03:09,645 ‪[थीम संगीत बज रहा है] 46 00:03:28,685 --> 00:03:31,125 ‪[मनोज कुमार] साढ़े तीन से शुरू हो गया था। 47 00:03:31,205 --> 00:03:33,245 {\an8}‪11 शवों में समय तो लगेगा ही। 48 00:03:33,325 --> 00:03:34,885 {\an8}‪मनोज कुमार - स्टेशन हाउस ऑफ़िसर, 2016-2019 49 00:03:34,965 --> 00:03:37,205 {\an8}‪और वहाँ मीडिया घूम रहा है, ‪देखना, कुछ और पूछना चाह रहा है। 50 00:03:38,085 --> 00:03:40,805 ‪मुर्दाघर में ही देख लें। ‪शक्लें दिखा दें, कुछ और दिखा दें। 51 00:03:41,685 --> 00:03:44,565 ‪मैंने कहा, "जो हो सकता है, ‪हम कर रहे हैं। नतीजे आने दो।" 52 00:03:45,565 --> 00:03:47,325 ‪[मनोज तिवारी] इंजेक्शन तो नहीं लगाया? 53 00:03:47,405 --> 00:03:49,845 {\an8}‪कुछ खाने में तो नहीं गया है। ‪ये सारी संभावनाएँ हैं। 54 00:03:49,925 --> 00:03:51,445 ‪[पुरुष रिपोर्टर] दरवाज़ा कैसे खुला हुआ था? 55 00:03:51,525 --> 00:03:52,685 ‪फंदे से लटके हुए थे, चुन्नी से। 56 00:03:52,765 --> 00:03:57,085 ‪लेकिन जो परिवार की जो बुज़ुर्ग महिला है, ‪उसकी लाश कमरे में मुँह के बल पड़ी हुई थी। 57 00:03:57,165 --> 00:03:59,445 {\an8}‪…और उन्हें, कथित रूप से, ‪गला दबाकर मारा गया था। 58 00:03:59,525 --> 00:04:01,685 {\an8}‪मारा है माँ को? ‪क्या तुम अपनी माँ को मारते हो? 59 00:04:01,765 --> 00:04:02,845 {\an8}‪सुजाता नागपाल - बहन 60 00:04:02,925 --> 00:04:06,805 ‪तुमने अपनी माँ को मारा है जो मेरा परिवार ‪मारेगा? झूठा इल्ज़ाम क्यों लगा रहे हो? 61 00:04:07,285 --> 00:04:08,245 ‪[समाचार-वाचिका 1] कैसे कोई परिवार 62 00:04:08,325 --> 00:04:10,405 ‪अपनी बेटी के लिए इतने बड़े जश्न के बाद 63 00:04:10,485 --> 00:04:12,325 ‪महज 14 दिनों के अंदर आत्महत्या कर सकता है? 64 00:04:12,405 --> 00:04:14,325 {\an8}‪बिल्कुल अभी गया हूँ। ‪पाँच दिन यहाँ रहकर गया हूँ। 65 00:04:14,405 --> 00:04:15,645 {\an8}‪दिनेश चुंडावत - भाई 66 00:04:15,725 --> 00:04:16,645 {\an8}‪बीस तारीख को मैं गया हूँ यहाँ से। 67 00:04:16,725 --> 00:04:18,005 ‪अगर उनको आत्महत्या करनी होती, 68 00:04:18,085 --> 00:04:20,725 ‪तो सगाई पे तीन-चार लाख क्यों लगाते वो? 69 00:04:21,805 --> 00:04:23,325 ‪[पुरुष रिपोर्टर] अब, मौत की सही वजह 70 00:04:23,404 --> 00:04:25,725 ‪पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी। 71 00:04:26,284 --> 00:04:28,725 ‪[समाचार-वाचिका 2] पुलिस ने ‪यह केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। 72 00:04:29,485 --> 00:04:31,485 ‪सबसे बड़ा जो सुराग हमें मिला, ‪वो सीसीटीवी मिला। 73 00:04:31,565 --> 00:04:35,045 ‪उस सीसीटीवी में किसी भी बाहर के ‪आदमी को आते हुए नहीं देखा गया था। 74 00:04:35,125 --> 00:04:36,245 {\an8}‪टीना 75 00:04:37,965 --> 00:04:38,805 ‪शिवम 76 00:04:39,365 --> 00:04:41,925 {\an8}‪घर के परिवार वाले ही ‪आते-जाते दिख रहे थे उसके अंदर। 77 00:04:42,005 --> 00:04:44,085 {\an8}‪टीना - नीतू 78 00:04:44,165 --> 00:04:45,005 {\an8}‪नारायणी देवी, 80 79 00:04:45,085 --> 00:04:47,645 {\an8}‪[समाचार-वाचक] एक परिवार के ‪11 सदस्यों की यहाँ रविवार को मौत हो गई। 80 00:04:47,725 --> 00:04:51,565 {\an8}‪पर नए सीसीटीवी फुटेज से ऐसा लग रहा है 81 00:04:51,645 --> 00:04:54,365 {\an8}‪कि इसकी पूरी योजना बनाई गई थी। 82 00:04:59,605 --> 00:05:01,605 ‪[अस्पष्ट बातचीत] 83 00:05:08,765 --> 00:05:13,405 ‪[नरेश भाटिया] हमने बकायदा ‪जो उनके चार कमरे थे, बारीकी से जाँचे। 84 00:05:16,805 --> 00:05:19,325 ‪हम लोग नहीं सोच रहे थे ‪कि यहाँ कुछ भी हम छोड़ दें। 85 00:05:19,405 --> 00:05:20,805 {\an8}‪सर्वेश सिंह - फ़ोटोग्राफ़ी विभाग 86 00:05:20,885 --> 00:05:24,645 {\an8}‪हम सब जमा करना चाहते हैं। ‪हर चीज़ की जाँच करना चाह रहे थे। 87 00:05:26,445 --> 00:05:29,405 ‪मौका-ए-वारदात को ‪देखकर ही लग रहा था कि कुछ बात है। 88 00:05:32,325 --> 00:05:35,445 ‪[नरेश] बकायदा एक उन्होंने… ‪हवन कुंड मिल गया हमें। 89 00:05:38,005 --> 00:05:39,565 ‪दाग से दिख जाता है। 90 00:05:39,645 --> 00:05:41,245 ‪नरेश भाटिया - सब-इंस्पेक्टर, 2017-2020 91 00:05:41,325 --> 00:05:44,085 ‪ऐसा प्रतीत होता था कि रात को ‪उन्होंने हवन भी किया है वहाँ पर। 92 00:05:46,485 --> 00:05:49,005 ‪[वीएल नरसिम्हन] आम तौर पर, ‪आत्महत्या के मामलों में 93 00:05:49,085 --> 00:05:51,885 {\an8}‪हम मंदिर के पास देखते हैं। ‪लोग आत्महत्या का खत वहाँ रख देते हैं। 94 00:05:51,965 --> 00:05:53,085 {\an8}‪वीएल नरसिम्हन - भौतिक विज्ञान विभाग 95 00:05:53,645 --> 00:05:57,365 ‪हम लोगों ने तलाशी ली थी पूरी। ‪वहाँ मंदिर के पास एक रजिस्टर मिला हमें। 96 00:06:03,925 --> 00:06:06,765 ‪रजिस्टर हम लोगों ने देखा, उसमें पढ़ा। 97 00:06:06,845 --> 00:06:08,565 ‪सारी चीज़ साफ़ हो गई थी। 98 00:06:13,045 --> 00:06:14,205 {\an8}‪[डॉ. जॉय टिर्की] दूसरे कमरे में ‪हमें एक और मिला… 99 00:06:14,285 --> 00:06:15,325 ‪डॉ. जॉय एन टिर्की - पुलिस उपायुक्त 100 00:06:15,405 --> 00:06:17,805 ‪…फिर अपनी टीम से सारी जगह की तलाशी करवाई। 101 00:06:19,005 --> 00:06:21,405 ‪[फ़ॉरेंसिक जाँचकर्ता] ‪एक कमरे की दस बार तलाशी ली है। 102 00:06:22,405 --> 00:06:23,525 ‪दस बार। 103 00:06:25,085 --> 00:06:26,885 ‪[जॉय] हमें कुल 11 डायरियाँ मिलीं। 104 00:06:27,605 --> 00:06:30,245 ‪पहली डायरी 2007 की थी। 105 00:06:31,285 --> 00:06:34,525 ‪और आखिरी वाली घटना से ठीक पहले तक की थी। 106 00:06:35,885 --> 00:06:36,805 ‪11 साल। 107 00:06:39,525 --> 00:06:42,245 ‪एक सबसे बड़ी दिक्कत थी कि न कोई गवाह है… 108 00:06:42,325 --> 00:06:44,125 ‪विशाल आनंद - विशेष संवाददाता 109 00:06:44,205 --> 00:06:46,285 ‪…न कोई गुनहगार है और न ही कोई फ़रियादी है। 110 00:06:47,645 --> 00:06:49,725 ‪तो इस केस में 111 00:06:49,805 --> 00:06:51,485 ‪सबसे अहम कड़ी साबित हुई वो डायरी। 112 00:06:51,965 --> 00:06:54,325 ‪[लोगों का शोरगुल] 113 00:06:54,405 --> 00:06:55,445 ‪[पुरुष रिपोर्टर] ‪दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम 114 00:06:55,525 --> 00:06:57,725 ‪घटना-स्थल से निकली है, आप देख सकते हैं। 115 00:06:57,805 --> 00:07:00,885 ‪काफ़ी सारे कागज़ात और कुछ किताबें हैं, 116 00:07:00,965 --> 00:07:03,005 ‪वो यहाँ से ज़ब्त करके निकली है। 117 00:07:04,125 --> 00:07:09,605 ‪पुष्टि की जाएगी कि आखिरकार इन रजिस्टर, ‪इन कॉपी के अंदर क्या इन्होंने लिखा हुआ है। 118 00:07:11,685 --> 00:07:16,245 ‪हमारे सामने दे… हम देख रहे हैं कि छत से ‪खड़े होके कि पुलिस जो है एक-एक करके 119 00:07:17,525 --> 00:07:21,565 ‪कुछ नोट्स हैं, डायरी हैं, ‪वो लेकर जा रही है। ये हमने देखा। 120 00:07:25,125 --> 00:07:27,085 ‪[आदमी] जोगिंदर! आ बैठ जाओ। 121 00:07:27,165 --> 00:07:29,325 ‪[पुरुष रिपोर्टर 1] हाथ से क्या लिखा है, ‪सर? प्लीज़, दो-तीन बिंदु! 122 00:07:30,045 --> 00:07:32,005 {\an8}‪[पुरुष रिपोर्टर 1] क्या आपको पता है ‪कि इन डायरियों में क्या लिखा है? 123 00:07:32,085 --> 00:07:35,325 {\an8}‪थोड़ा-बहुत पता है, पर इस वक्त ‪कुछ भी कहना सही नहीं होगा। 124 00:07:36,045 --> 00:07:39,365 ‪ये बात हम पाठकों को कैसे… ‪मतलब, किस तरह से साबित करें? 125 00:07:40,165 --> 00:07:44,645 ‪रजिस्टर मिले हैं, क्या मिले हैं, क्या लिखा ‪है उसमें, इस बारे में किसी को नहीं पता था। 126 00:07:45,205 --> 00:07:48,125 ‪या वो रजिस्टर ‪क्या इस घटना से जुड़ रहे हैं? 127 00:07:48,205 --> 00:07:51,165 ‪क्या 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार ‪क्या वो रजिस्टर हैं? 128 00:07:53,245 --> 00:07:57,965 ‪सभी चाहते हैं कि… और हम पर भी ‪दबाव रहता है कि हम पहले खबर लेकर आएँ। 129 00:07:59,805 --> 00:08:03,485 ‪और कुछ क्राइम रिपोर्टरों को डाँट ‪पड़ रही थी कि जल्दी पता करो हुआ क्या है। 130 00:08:04,565 --> 00:08:07,645 ‪[प्रमोद शर्मा] मैं बिल्कुल ‪उसी घर के बाहर खड़ा होके देख रहा था। 131 00:08:08,365 --> 00:08:10,365 {\an8}‪तो अचानक मेरी नज़र पड़ी ‪कि एक सादी सी दीवार थी। 132 00:08:10,445 --> 00:08:11,685 {\an8}‪प्रमोद शर्मा - विशेष संवाददाता 133 00:08:11,765 --> 00:08:14,685 ‪उस पे कुछ निशान दिख रहे थे। 134 00:08:14,765 --> 00:08:17,845 ‪तो मैंने मोबाइल निकाला ‪और मैंने ज़ूम करके देखा। 135 00:08:19,685 --> 00:08:24,405 ‪हम दो रिपोर्टर आपस में बात कर रहे थे ‪और दीवार पर ऐसे ही पाइप लगे हुए थे। 136 00:08:24,965 --> 00:08:28,365 ‪तो हम लोग बात कर रहे थे ‪कि आखिर घर में ये पाइप कोई क्यों लगाएगा? 137 00:08:28,445 --> 00:08:31,165 ‪उसी वक्त एक चैनल जो है, ‪उसने इस बात को सुन लिया। 138 00:08:31,725 --> 00:08:36,405 {\an8}‪हैरानी की बात थी, इस तरीके से पाइप… सात ‪पाइप नीचे की तरफ़ झुके हुए थे, उनका मुँह। 139 00:08:36,485 --> 00:08:38,205 {\an8}‪और चार पाइप बिल्कुल सीधे थे। 140 00:08:39,525 --> 00:08:41,365 {\an8}‪मरने वाली सात महिलाएँ थीं 141 00:08:41,924 --> 00:08:42,804 {\an8}‪और चार पुरुष। 142 00:08:45,085 --> 00:08:46,525 {\an8}‪और उन पाइप का पैटर्न भी जो है 143 00:08:46,605 --> 00:08:50,445 ‪बिल्कुल वैसे ही था ‪जैसे कि सबकी लाश लटकी हुई थी। 144 00:08:53,125 --> 00:08:54,685 ‪[मुकेश सेंगर] बस हम लोग बात ही कर रहे थे 145 00:08:54,765 --> 00:08:57,405 ‪और उन्होंने लाइव रिपोर्टिंग में ‪यह बात बोली। 146 00:08:57,965 --> 00:08:59,525 ‪पाइप, प्लानिंग और पैटर्न। 147 00:09:01,525 --> 00:09:04,605 ‪[समाचार-वाचक 1] ये पाइप ‪और साथ के साथ मौत का पैटर्न। 148 00:09:04,685 --> 00:09:07,245 ‪11 पाइप दिख रहे हैं… 149 00:09:07,325 --> 00:09:11,405 ‪[पुरुष रिपोर्टर] इन 11 पाइपों के ज़रिए ‪आत्माओं को निकलने के लिए जगह बनाई। 150 00:09:11,485 --> 00:09:15,605 {\an8}‪[विशाल आनंद] और 11 का ये फेर ‪घटना क्रम में बार-बार देखने को मिला। 151 00:09:15,685 --> 00:09:19,845 ‪[समाचार-वाचक 2] इस दरवाज़े के ऊपर ‪ये 11 लोहे की सलाखें आपको नज़र आएँगी। 152 00:09:19,925 --> 00:09:22,205 ‪[समाचार-वाचक 2] ‪11 खिड़कियाँ और 11 रोशनदान। 153 00:09:22,285 --> 00:09:27,605 ‪ये हमारा ही एक आइडिया था ‪कि ये 11 के पीछे की भी एक कहानी है। 154 00:09:27,685 --> 00:09:30,045 {\an8}‪वो उनका कोई भी ऐसा मतलब नहीं था। 155 00:09:30,125 --> 00:09:32,965 {\an8}‪बस यही था कि इधर से ‪हवा, थोड़ी रोशनी आ जाएगी। 156 00:09:33,485 --> 00:09:34,925 {\an8}‪तो उन्होंने कहा, "ये पाइप लगा दो, भई। 157 00:09:35,005 --> 00:09:37,085 {\an8}‪खिड़की लगा नहीं सकते दूसरे की तरफ़। 158 00:09:37,165 --> 00:09:39,725 ‪और पाइप लगा दो। ‪जब वे अपनी दीवार करेंगे, तब बंद कर देंगे।" 159 00:09:41,325 --> 00:09:43,845 ‪तो वो कुछ तर्कसंगत रूप से 160 00:09:43,925 --> 00:09:46,885 ‪रोशनदान जैसा लगा नहीं। ‪और हमें कुछ महसूस भी नहीं हुआ वहाँ। 161 00:09:47,365 --> 00:09:49,885 ‪लेकिन हवा के लिए पाइप का क्या मतलब था? 162 00:09:49,965 --> 00:09:52,765 ‪और हवा के लिए ‪पाइप मुड़े हुए नहीं हो सकते न? 163 00:09:58,245 --> 00:10:00,365 ‪[कँवर पाल] वो तो जितने लग गए, लग गए। 164 00:10:03,125 --> 00:10:05,445 {\an8}‪वो पाइप पड़े थे कुछ पुराने, ‪जिस पर एल्बो चढ़ी थी। 165 00:10:05,525 --> 00:10:06,645 {\an8}‪कँवर पाल सिंह - ठेकेदार 166 00:10:06,725 --> 00:10:10,085 {\an8}‪वो मिस्त्री का आलस है, उन्होंने काटा नहीं। ‪जैसे भी देखा, वैसे धर दिया। 167 00:10:10,885 --> 00:10:12,485 ‪और कोई बात नहीं जी। 168 00:10:18,125 --> 00:10:20,725 ‪[समाचार-वाचक 3] सवाल है ‪कि भाटिया परिवार में हर चीज़ 169 00:10:20,805 --> 00:10:21,925 ‪11 क्यों थी? 170 00:10:24,965 --> 00:10:26,205 ‪[हिमानी भंडारी] मेरा मानना है 171 00:10:26,285 --> 00:10:29,365 ‪कि "11" नंबर का यह चक्कर बस एक संयोग है। 172 00:10:29,885 --> 00:10:31,685 ‪उन पाइपों, नंबरों, 173 00:10:31,765 --> 00:10:34,805 ‪और 11 लोगों की ‪मौत के बीच कोई संबंध नहीं है। 174 00:10:35,485 --> 00:10:37,885 ‪पर चूँकि कहानी इतनी दिलचस्प थी 175 00:10:37,965 --> 00:10:40,165 ‪कि उसे समझना मुश्किल था। 176 00:10:40,245 --> 00:10:41,525 ‪ये लोग कौन थे? 177 00:10:42,445 --> 00:10:47,165 ‪एक 14 साल का बच्चा ‪ऐसा करने के लिए कैसे मान सकता है? 178 00:10:47,245 --> 00:10:51,445 {\an8}‪कॉमर्स में मास्टर्स डिग्री कर रही ‪एक पढ़ी-लिखी लड़की, 179 00:10:51,525 --> 00:10:53,725 {\an8}‪जो एक एमएनसी में काम करती थी, 180 00:10:53,805 --> 00:10:57,085 {\an8}‪वे यह सब करने के लिए ‪रज़ामंद कैसे हो सकते हैं? 181 00:10:57,805 --> 00:11:00,765 ‪वे वही कर रहे थे जो डायरी में लिखा था। ‪यह बात मैं मानती हूँ। 182 00:11:00,845 --> 00:11:02,925 ‪हिमानी भंडारी - क्राइम रिपोर्टर - द हिंदु 183 00:11:03,005 --> 00:11:05,845 ‪कि वे उन डायरियों में लिखी एक-एक बात 184 00:11:05,925 --> 00:11:07,445 ‪मान रहे थे। 185 00:11:10,685 --> 00:11:13,645 ‪[जॉय] वे रजिस्टर मिलने के बाद, ‪हमने उन्हें पढ़ना शुरू कर दिया। 186 00:11:13,725 --> 00:11:15,725 ‪और फिर हमें बहुत समय लग गया। 187 00:11:18,405 --> 00:11:21,205 ‪उसका हरेक शब्द मैंने खुद पढ़ा। 188 00:11:21,285 --> 00:11:24,245 ‪मैंने खुद को दफ़्तर में बंद कर दिया ‪और उन्हें पढ़ा, एक ही बार में। 189 00:11:26,885 --> 00:11:29,445 ‪लिखने आ अंदाज़ निर्देशों की तरह था। 190 00:11:30,045 --> 00:11:31,645 ‪कभी-कभी डाँटते हुए। 191 00:11:32,325 --> 00:11:34,205 ‪जैसे बातचीत की जा रही हो। 192 00:11:35,885 --> 00:11:38,005 ‪और हम तुरंत आखिरी पेज पर चले गए। 193 00:11:39,285 --> 00:11:40,245 ‪और वहाँ सब लिखा था। 194 00:11:43,605 --> 00:11:45,565 ‪[सतीश कुमार] डायरियों में जो लिखा हुआ है, 195 00:11:45,645 --> 00:11:47,725 ‪उसी के आधार पर मौके पर सारी चीज़ें मिलीं। 196 00:11:48,365 --> 00:11:50,565 {\an8}‪वही सारी प्रक्रिया दी हुई थी। 197 00:11:53,685 --> 00:11:55,965 ‪[जॉय] उन्होंने करीब ‪एक हफ़्ते पहले यह लिखा था। 198 00:11:56,045 --> 00:11:59,365 ‪उन्होंने उस पूजा विधि के बारे में लिखा है ‪जो अगले सात दिनों तक होने वाली थी, 199 00:11:59,925 --> 00:12:01,165 ‪जिसे वे "बड़ पूजा" कहते थे। 200 00:12:03,165 --> 00:12:06,805 ‪बड़ एक पेड़ है ‪जिसकी जड़ें शाखाओं से नीचे लटकती हैं। 201 00:12:07,405 --> 00:12:10,445 ‪तो लिखने के अंदाज़ से लगता है कि उन्हें 202 00:12:10,525 --> 00:12:12,485 ‪शाखाओं से लटकती जड़ों की तरह पेश आना था। 203 00:12:13,565 --> 00:12:15,205 ‪उन्होंने समय भी लिखा था। 204 00:12:15,285 --> 00:12:17,485 ‪यह सुबह के करीब एक बजे करना था। 205 00:12:24,085 --> 00:12:26,765 ‪"सात दिन बड़ पूजा लगातार करना है।" 206 00:12:26,845 --> 00:12:28,005 ‪सतीश कुमार - जाँच अधिकारी 207 00:12:32,285 --> 00:12:35,165 ‪"मंद रोशनी का प्रयोग। ‪आँखें बिल्कुल बंद होनी चाहिए।" 208 00:12:43,845 --> 00:12:45,485 ‪"शून्य के अलावा कुछ नहीं।" 209 00:12:48,405 --> 00:12:50,165 ‪"सावधान की मुद्रा में रहते हुए 210 00:12:51,005 --> 00:12:54,445 ‪यह सोचना कि बड़ की जटा ‪तुम्हारे लपेट रही हैं। 211 00:13:00,725 --> 00:13:03,005 ‪बड़ पूजा दृढ़ता से साथ करो। 212 00:13:03,085 --> 00:13:05,205 ‪प्रायश्चित में भी सहायक होगी।" 213 00:13:09,965 --> 00:13:11,725 ‪[विशाल] मैंने जिस तरह से, 214 00:13:11,805 --> 00:13:15,205 ‪जिन लोगों के ज़रिए ‪मैंने वो नोट्स हासिल किए। 215 00:13:16,965 --> 00:13:21,165 ‪एक-दो लोगों को मैंने कॉल किया, ‪तब तक किसी को पता ही नहीं था। 216 00:13:21,725 --> 00:13:28,565 ‪इतने में मैं इधर-उधर कॉल मिला ही रहा था ‪तभी उसी खबरी का मेरे पास दोबारा कॉल आया। 217 00:13:30,285 --> 00:13:33,565 ‪जब मैं नोट्स लेके… ‪जिस तरह से मैं हैरतअंगेज़ था, 218 00:13:34,325 --> 00:13:40,525 ‪क्योंकि वो नोट्स थे मेरे पास और मैं उनके ‪एक-एक लाइन को समझने की कोशिश कर रहा था। 219 00:13:40,605 --> 00:13:44,165 ‪कि इस लाइन का मकसद क्या… ‪इसके पीछे का भाव क्या है। 220 00:13:45,165 --> 00:13:48,205 ‪वजह एक ये थी ‪कि जब वो नोट्स मेरे हाथ लग गए, 221 00:13:48,685 --> 00:13:51,485 ‪मुझे अगले दिन रिपोर्ट करनी है ‪और मुझे छापनी है। 222 00:13:54,405 --> 00:13:56,565 ‪"एक्सक्लूसिव" लगके छपा। 223 00:13:59,245 --> 00:14:03,365 ‪उससे ऐसा लग रहा था ‪कि ये रोज़ लिखी जाती थी। 224 00:14:04,325 --> 00:14:10,765 ‪कि घर का हरेक सदस्य सुबह उठके, उन वो… ‪जिस जगह रजिस्टर रहता था, उसे पढ़ता था 225 00:14:10,845 --> 00:14:13,765 ‪कि आज क्या करना है हमें। 226 00:14:13,845 --> 00:14:17,365 ‪कौन क्या करेगा, किससे क्या नाराज़गी हो गई। 227 00:14:17,445 --> 00:14:19,605 ‪"तुम्हें आज रात को ये पूजा करनी है।" 228 00:14:19,685 --> 00:14:21,805 ‪"सुबह माँ का ये काम है।" 229 00:14:22,605 --> 00:14:27,165 ‪डायरी में एक दिन लिखा है, ‪24 दिसंबर, 2017 को 230 00:14:27,805 --> 00:14:28,965 ‪जिसमें लिखा है, 231 00:14:29,045 --> 00:14:32,405 ‪"ध्रुव का फ़ोन पर बहुत ध्यान जा रहा है। 232 00:14:32,485 --> 00:14:33,325 ‪उसका ध्यान रखो।" 233 00:14:34,245 --> 00:14:39,445 ‪तो इस तरह की छोटी-छोटी बातें भी ‪उन्होंने उन डायरियों में लिखी हैं। 234 00:14:39,525 --> 00:14:42,965 ‪वे डायरियाँ उन्हें बताती हैं ‪कि उन्हें ज़िंदगी कैसे जीनी है। 235 00:14:47,245 --> 00:14:49,525 ‪कुछ अजीबो-गरीब बातें थीं उसमें लिखीं। 236 00:14:50,245 --> 00:14:57,165 ‪वो किसी तंत्र-मंत्र और तांत्रिक क्रिया की ‪तरह पूजा-पाठ से जुड़े हुए थे 237 00:14:57,645 --> 00:14:59,725 ‪और ये उसी दिशा में ये मौत हुई है। 238 00:15:02,725 --> 00:15:07,045 {\an8}‪ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई तीसरी शक्ति, 239 00:15:07,725 --> 00:15:10,285 ‪इन लोगों के अलावा कोई और है 240 00:15:10,365 --> 00:15:13,245 ‪जो लिख रहा है, इन्हें निर्देश दे रहा है 241 00:15:13,325 --> 00:15:15,085 ‪कि, "तुम्हें ये करना है। ‪तुम्हें वो करना है।" 242 00:15:16,165 --> 00:15:18,965 ‪[प्रमोद] तो अंधविश्वास में ‪इस कद्र चले गए थे। 243 00:15:19,045 --> 00:15:20,925 ‪तो यही मानकर चल रहे थे, 244 00:15:21,005 --> 00:15:26,445 ‪तो कहीं किसी तांत्रिक ने इनको बोला हो ‪उस तरीके की पूजा करना। 245 00:15:26,525 --> 00:15:28,605 ‪[पुरुष रिपोर्टर] सर, ‪कोई तांत्रिक इसमें शामिल है? 246 00:15:28,685 --> 00:15:30,245 ‪कोई गुरू शामिल है? 247 00:15:30,325 --> 00:15:31,965 ‪कोई बाबा शामिल है? 248 00:15:32,045 --> 00:15:33,925 ‪[नरेश] और वो हमसे तहकीकात ‪करवाता रहा ज़बरदस्ती। 249 00:15:34,005 --> 00:15:35,485 ‪जैसे अखबार में आ गया तांत्रिक का। 250 00:15:35,565 --> 00:15:37,205 ‪हमारे अफ़सर ने कहा तांत्रिक ढूँढ़ो। 251 00:15:37,285 --> 00:15:40,605 ‪प्लंबर की जो बेटी है, ‪वो मेरे खयाल से वैसे ही… 252 00:15:40,685 --> 00:15:42,845 ‪उसका इंटरव्यू कर दिया ‪कि यही तांत्रिक लग रही है, 253 00:15:42,925 --> 00:15:44,965 ‪लाल कपड़े पहनके और ये सब कुछ कर रही है। 254 00:15:45,445 --> 00:15:50,005 ‪गीता माता आई थीं बीच में। जो ठेकेदार था ‪जिन्होंने उनके मकान का काम, 255 00:15:50,085 --> 00:15:53,845 ‪चल ही रहा था मकान का काम भी, ‪उनकी बेटी थी वो। 256 00:15:54,925 --> 00:16:00,885 ‪तो मीडिया ने उसमें उछाला कि, "मैंने उनको ‪समझाया था। या मेरे कहने पर चलते थे।" 257 00:16:00,965 --> 00:16:05,045 {\an8}‪दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ‪बुराड़ी मौतों के मामले में 258 00:16:05,125 --> 00:16:06,125 {\an8}‪तांत्रिक गीता माता से पूछताछ कर रही है। 259 00:16:06,205 --> 00:16:09,485 ‪[समाचार-वाचक] गीता माँ को ‪बुराड़ी इलाके के उसके घर से पकड़ा गया। 260 00:16:09,565 --> 00:16:11,885 ‪[गीता] मेरा कोई भी लेना-देना किसी से नहीं। 261 00:16:11,965 --> 00:16:16,045 ‪मैं यही कहूँगी। और मैं कुछ नहीं कहूँगी। ‪मैं किसी चीज़ के बारे में कुछ नहीं जानती। 262 00:16:17,725 --> 00:16:19,645 ‪मेरे बाप के पाँच ठेके चलते, 263 00:16:19,725 --> 00:16:22,485 ‪तो क्या मैं हर कामवाले के ‪मालिक से मिलके आऊँगी? 264 00:16:23,085 --> 00:16:25,845 ‪मीडिया वाले तो आप जानते हो, ‪राई का पहाड़ बनाने वाले होते हैं। 265 00:16:25,925 --> 00:16:28,245 ‪अपनी खबर बेचने के लिए ‪कुछ भी कह सकते हैं वो तो। 266 00:16:28,885 --> 00:16:30,405 ‪ये बिना मतलब की दिक्कत हुई है हमें। 267 00:16:30,485 --> 00:16:31,805 ‪गीता - ठेकेदार की बेटी 268 00:16:31,885 --> 00:16:33,205 ‪कि हमारा चलाया गया, 269 00:16:34,205 --> 00:16:36,165 ‪और इतना बुरा-बुरा बोला गया। 270 00:16:37,125 --> 00:16:39,085 ‪मैंने उससे… मीडिया वाले से भी बोला, 271 00:16:39,165 --> 00:16:41,525 ‪लेकिन मेरी तो उसमें कोई भूमिका ही नहीं थी। 272 00:16:43,125 --> 00:16:45,165 ‪मेरे बच्चे तीन दिन भूखे रहे हैं, मैडम। 273 00:16:45,245 --> 00:16:48,005 ‪मेरे घर में कोई खाना नहीं बना ‪क्योंकि एक तो तनाव, 274 00:16:48,085 --> 00:16:50,525 ‪ऊपर से कभी उधर बुला रहे हैं, ‪कभी उधर बुला रहे हैं। 275 00:16:50,605 --> 00:16:53,045 ‪शरीफ़ आदमी का ‪दिल दुखाना अच्छी बात नहीं है। 276 00:16:55,925 --> 00:16:59,965 ‪[जॉय] हम एक ऐसा इंसान ढूँढ़ रहे थे ‪जो धार्मिक, आध्यात्मिक इंसान हो 277 00:17:00,045 --> 00:17:02,365 ‪और इस परिवार के संपर्क में रहा हो। 278 00:17:03,205 --> 00:17:07,085 ‪देर रात के कॉल, रोज़ आने वाले मेसेज वगैरह। 279 00:17:08,125 --> 00:17:10,405 ‪हमें ऐसा कोई इंसान नहीं मिला। 280 00:17:11,205 --> 00:17:12,124 ‪एक भी नहीं। 281 00:17:13,364 --> 00:17:15,805 ‪अगला सवाल यह था ‪कि रजिस्टर में वह सब कौन लिखता था? 282 00:17:15,885 --> 00:17:17,445 ‪[कबूतर गुटर गूँ कर रहे हैं] 283 00:17:22,324 --> 00:17:25,285 ‪[अनीता आनंद] भारत में ‪एक आम संयुक्त परिवार में 284 00:17:25,364 --> 00:17:28,565 ‪कई पीढ़ियाँ एक छत के नीचे रहती हैं 285 00:17:29,405 --> 00:17:31,805 ‪और घर का एक मुखिया होता है, ‪एक प्रधान पुरुष। 286 00:17:31,885 --> 00:17:33,005 ‪अनीता आनंद - क्लिनिकल हिप्नोथेरापिस्ट 287 00:17:33,084 --> 00:17:35,965 ‪और वही सारे फ़ैसले लेता है। 288 00:17:39,765 --> 00:17:44,485 ‪पर पिता के गुज़र जाने के बाद, ‪परिवार में एक खालीपन आ जाता है। 289 00:17:46,605 --> 00:17:47,765 {\an8}‪भोपाल सिंह 290 00:17:47,845 --> 00:17:51,205 {\an8}‪[हिमानी] परिवार पर भोपाल सिंह का ‪बहुत गहरा प्रभाव था। 291 00:17:51,285 --> 00:17:53,325 {\an8}‪वह एक दमदार शख्सियत थे। 292 00:17:55,725 --> 00:17:57,685 {\an8}‪[मनोज] भोपाल सिंह उतने अमीर नहीं थे। 293 00:17:58,645 --> 00:18:00,605 {\an8}‪नारायणी देवी के पिता के पास 294 00:18:00,685 --> 00:18:01,685 ‪वो काम के लिए आए। 295 00:18:05,525 --> 00:18:09,565 ‪इनको काम बहुत अच्छा लगा उसका ‪और लगा बड़ा शरीफ़ आदमी है। 296 00:18:11,165 --> 00:18:13,245 ‪तो इन्होंने उसको कहा ‪कि हमारी बेटी बैठी है, 297 00:18:13,325 --> 00:18:14,565 ‪तू घर जमाई बन जा। 298 00:18:15,725 --> 00:18:18,965 ‪और इसीलिए शायद उपनाम ‪सब बच्चों का "भाटिया" ही रखा उसने। 299 00:18:20,325 --> 00:18:22,045 ‪पहला "चुंडावत" छोड़ दिया गया। 300 00:18:26,285 --> 00:18:28,605 ‪उनके गुज़र जाने के बाद हालात बदलने लगे। 301 00:18:30,885 --> 00:18:33,725 ‪[सतीश] जब पिता थे ‪तो पूरे परिवार को वही चलाते थे। 302 00:18:33,805 --> 00:18:38,045 ‪सबका मार्गदर्शन करते थे, किसको क्या ‪करना है, बच्चों की पढ़ाई कैसे करानी है। 303 00:18:38,685 --> 00:18:42,165 ‪बचत कैसे करनी है, कारोबार कैसे बढ़ाना है। ‪ये सारी चीज़ें वहीं तय करते थे। 304 00:18:43,765 --> 00:18:44,845 {\an8}‪तो पिता के जाने के बाद 305 00:18:44,925 --> 00:18:48,085 {\an8}‪इन्होंने सोचा कि, "भई, ‪अब इस परिवार को कौन संभालेगा?" 306 00:18:50,285 --> 00:18:52,285 ‪[इंजन की आवाज़] 307 00:18:57,405 --> 00:19:02,125 {\an8}‪टोहाना, हरियाणा 308 00:19:05,605 --> 00:19:09,965 ‪[चंदर मेहता] 1988 से 2018, ‪30 साल की हमारी… 309 00:19:11,685 --> 00:19:15,125 ‪दिल्ली तो वो 90 के दशक में गए हैं। ‪उससे पहले इधर ही रहे। 310 00:19:16,045 --> 00:19:18,005 {\an8}‪तो वहाँ पर उन्होंने ज़ीरो से शुरू किया था। 311 00:19:18,085 --> 00:19:21,645 {\an8}‪तो तबसे आज तक दिल्ली ‪उनकी वजह से ही आना-जाना था। 312 00:19:23,805 --> 00:19:26,525 {\an8}‪सबसे बड़े भैया शुरू से ही ‪बाहर रहे, कोटा में। 313 00:19:26,605 --> 00:19:27,685 {\an8}‪दिनेश, 61 314 00:19:27,765 --> 00:19:29,165 {\an8}‪दिनेश भैया हैं। 315 00:19:29,765 --> 00:19:31,925 {\an8}‪छोटे भैया भूपी थे, वो बड़ा चुपचाप रहते थे। 316 00:19:32,005 --> 00:19:32,845 {\an8}‪भुवनेश, 53 317 00:19:32,925 --> 00:19:35,645 {\an8}‪काम भी करते सुबह निकलते, ‪रात को आते। नौकरी करते थे कहीं। 318 00:19:37,845 --> 00:19:41,845 {\an8}‪हालाँकि सबसे छोटा था, ‪पर सब लोग मानते थे उसकी। 319 00:19:41,925 --> 00:19:43,205 {\an8}‪ललित, 47 320 00:19:43,285 --> 00:19:45,285 ‪कुछ वो उसकी जो समझदारी थी, 321 00:19:45,365 --> 00:19:47,965 ‪उसकी वजह से सभी उसकी मानते थे। 322 00:19:48,045 --> 00:19:51,965 ‪[परवीन, पंजाबी में] समझ में नहीं आता था कि ‪भैया छोटे होने के बावजूद इतने समझदार कैसे? 323 00:19:52,045 --> 00:19:53,325 ‪सबका ध्यान क्यों रखते हैं? 324 00:19:53,405 --> 00:19:55,565 {\an8}‪मम्मी से लेकर छोटे बच्चे तक का ‪ध्यान रखते थे। 325 00:19:55,645 --> 00:19:56,645 {\an8}‪परवीन मेहता - ललित की दोस्त 326 00:19:59,205 --> 00:20:01,805 ‪[चंदर, हिंदी में] वो जगह जो थी, ‪पापा वाली, वो ले ली थी। 327 00:20:01,885 --> 00:20:06,405 ‪उसने जो बोला है वो पत्थर की लकीर बस। ‪परिवार वाले ऐसे ही पेश आते थे उससे। 328 00:20:08,485 --> 00:20:11,125 ‪[परवीन, पंजाबी में] ‪इनसे मेरी शादी से पहले से ही ये दोस्त थे। 329 00:20:11,685 --> 00:20:14,765 ‪मुझे बहुत अच्छे लगते थे। ‪भैया ऐसे लगते थे जैसे मेरे बड़े भैया हैं। 330 00:20:14,845 --> 00:20:17,525 ‪बहुत अच्छे से, प्यार से समझाते थे। 331 00:20:18,085 --> 00:20:20,605 ‪कि, "तू इसकी बात पर ध्यान न दिया कर। 332 00:20:20,685 --> 00:20:23,085 ‪इसका स्वभाव ऐसा ही है। ‪आज से नहीं है, शुरू से है।" 333 00:20:23,165 --> 00:20:25,045 ‪जब ये साथ में बैठते थे न, 334 00:20:25,125 --> 00:20:27,325 ‪ये लोग हमेशा मज़ाक करते रहते थे। 335 00:20:31,205 --> 00:20:34,765 ‪[चंदर, हिंदी में] जैसे हमारा परिवार है, ‪मिडिल क्लास परिवार के लोग हैं हम। 336 00:20:37,405 --> 00:20:39,965 ‪इनको ऐसे अभी भी इजाज़त नहीं है। 337 00:20:40,045 --> 00:20:42,045 ‪पहले पापा जी की इजाज़त चाहिए। 338 00:20:42,125 --> 00:20:45,125 ‪पापा जी की… ‪कभी भी मना नहीं किया उन्होंने। 339 00:20:45,605 --> 00:20:48,125 ‪और अगर मना करने का हक है ‪तो वो पिताओं के पास है। 340 00:20:49,405 --> 00:20:51,885 ‪इसीलिए 25 साल हो गए, अब तक तो लड़े नहीं। 341 00:20:51,965 --> 00:20:53,805 ‪-अब तक तो लड़े नहीं। ‪-[दोनों हँस रहे हैं] 342 00:20:56,405 --> 00:20:59,005 {\an8}‪[प्रितपाल कौर] सारे उसकी ‪बात को मानते थे, ललित की। 343 00:20:59,485 --> 00:21:01,165 ‪जो ललित ने कह दिया, तो वो ठीक है। 344 00:21:01,245 --> 00:21:02,085 ‪प्रितपाल कौर - पड़ोसी 345 00:21:02,165 --> 00:21:04,125 ‪दिवाली वगैरह पे भी हमने देखा जैसे… 346 00:21:04,205 --> 00:21:05,205 ‪अमरीक सिंह - पड़ोसी 347 00:21:05,285 --> 00:21:08,805 ‪…पटाखे चलाने जाएँगे बच्चे, तो ललित ‪जाएगा साथ। तब सड़क पर जाएँगे बच्चे। 348 00:21:08,885 --> 00:21:13,485 ‪पीछे से बच्चा एक भी पटाखा भी नहीं जलाएगा, ‪जब तक ललित साथ नहीं होगा। 349 00:21:13,565 --> 00:21:16,085 ‪जैसे, '97-'98 में हम यहाँ आए हैं। 350 00:21:16,165 --> 00:21:18,805 ‪मगर छह-सात साल तक ‪इनके घर में ऐसा कुछ नहीं था। 351 00:21:18,885 --> 00:21:21,765 ‪इसके पिता की मौत के बाद ‪ऐसा क्यों शुरू हुआ? 352 00:21:26,325 --> 00:21:28,885 ‪ज़िंदा में भले ही न हो, ‪हमें पता नहीं कि था या नहीं था, 353 00:21:28,965 --> 00:21:33,245 ‪लेकिन उनकी मौत के बाद, ‪जो लगाव एक बेटे का अपने पिता से होता है, 354 00:21:33,325 --> 00:21:34,685 ‪वो शायद बढ़ता गया। 355 00:21:38,645 --> 00:21:42,525 ‪[हिमानी] मेरे नोट्स के हिसाब से, ‪पहली एंट्री सितंबर, 2007 में की थी। 356 00:21:42,605 --> 00:21:44,965 ‪भोपाल सिंह की मृत्यु के तुरंत बाद। 357 00:21:45,045 --> 00:21:46,365 ‪भोपाल सिंह की मृत्यु - 6 अगस्त, 2006 358 00:21:46,445 --> 00:21:47,925 ‪पहली डायरी एंट्री - सितंबर, 2007 359 00:21:48,005 --> 00:21:52,085 ‪उन जितने भी डायरी के पन्ने थे, ‪उनमें ललित के बारे में ज़्यादा ज़िक्र था। 360 00:21:52,885 --> 00:21:56,645 ‪"ललित को तुम लोग बहुत परेशान करते हो।" 361 00:21:57,245 --> 00:22:01,885 {\an8}‪कि, "ललित को ज़्यादा दबाया जा रहा है। ‪ललित की बात नहीं मानोगे तो अनर्थ हो जाएगा। 362 00:22:01,965 --> 00:22:05,565 ‪तुम्हें उन समस्याओं से छुटकारा पाना है 363 00:22:05,645 --> 00:22:08,405 ‪तो तुम्हें जो ललित कह रहा है, ‪वही करना होगा।" 364 00:22:11,285 --> 00:22:13,925 ‪[मुकेश] जब पुलिस को थोड़े और रजिस्टर मिले, ‪और कहानियाँ सामने आईं। 365 00:22:14,005 --> 00:22:16,445 ‪तब पता चला कि ये 2007 से, 366 00:22:16,525 --> 00:22:20,925 ‪ये जो ललित है, उसके पिता के ‪सपने उसको आ रहे थे। 367 00:22:21,005 --> 00:22:23,405 ‪जिसमें वो पिता से बात करता था, 368 00:22:23,485 --> 00:22:25,085 ‪पिता जो कहते थे, वो मानता था। 369 00:22:25,645 --> 00:22:30,645 ‪और जो बात करता था, उन बातों को ‪वो परिवार में बताता गया धीरे-धीरे। 370 00:22:34,205 --> 00:22:36,325 ‪[विशाल] नीतू ने पड़ोसियों को भी बताया था 371 00:22:36,405 --> 00:22:40,805 ‪कि, "भई, काकू के अंदर ‪पापा की आत्मा आती है। 372 00:22:41,325 --> 00:22:42,845 ‪और वो हमें रास्ता दिखाती है।" 373 00:22:46,685 --> 00:22:50,725 ‪कि जब भी ऐसा कुछ होता था, ‪तो ललित की आवाज़ बदल जाती थी। 374 00:22:53,405 --> 00:22:57,405 ‪[रचना] वह जिस आवाज़ में बात करता था, ‪वह उसके पिता की आवाज़ थी। 375 00:23:00,405 --> 00:23:04,485 ‪वह यकीनन ऐसा पल रहा होगा, ‪जिसमें सबको कुछ हुआ। 376 00:23:06,485 --> 00:23:09,165 ‪वह अपने पिता की आत्मा के लिए ‪एक ज़रिया बन गया 377 00:23:09,245 --> 00:23:11,725 ‪और वह अपने पिता की तरह बोलता ‪और बर्ताव करता। 378 00:23:15,685 --> 00:23:17,685 ‪[तिलक राज भाटिया] वैसे तो ‪उनकी मम्मी लगती थी नारायणी देवी, 379 00:23:18,165 --> 00:23:19,565 ‪लेकिन वो "नारायणी" कहते थे… 380 00:23:19,645 --> 00:23:20,805 ‪तिलक राज भाटिया - पारिवारिक मित्र 381 00:23:20,885 --> 00:23:23,325 ‪…जैसे भोपाल अंकल उनको बुलाया करते थे। 382 00:23:24,525 --> 00:23:27,965 ‪इनके पिता की आत्मा इन पर आती थी। ललित पर। 383 00:23:28,445 --> 00:23:30,125 ‪और जो ललित लिखते थे, 384 00:23:30,205 --> 00:23:34,245 ‪वो ऐसा माना जाता, पूरे परिवार का, ‪कि वो पिता जी का आदेश है। 385 00:23:55,205 --> 00:23:56,845 ‪[विशाल] नोट की लाइन पर गौर करें। 386 00:23:56,925 --> 00:23:59,965 ‪कि, "मंगल, वीर, शनि, इतवार फिर आऊँगा।" 387 00:24:03,125 --> 00:24:06,125 ‪[भोपाल] अपनी मर्ज़ी की बजाय ‪कॉपियों की मर्ज़ी से चलो। 388 00:24:08,805 --> 00:24:11,685 ‪ये न सोचो कि इसका क्या फ़ायदा है? 389 00:24:12,725 --> 00:24:15,645 ‪जब होगा, तब तुम्हारी आँख खुलेगी। 390 00:24:27,125 --> 00:24:29,645 ‪[अनीता] ललित जिस तरह की ‪भाषा इस्तेमाल कर रहा था, 391 00:24:29,725 --> 00:24:32,885 ‪वह यह नहीं कह रहा था कि, ‪"मैं चाहता हूँ कि तुम ऐसा करो।" 392 00:24:32,965 --> 00:24:36,125 ‪ऐसा लगता था जैसे पिता ने कहा है ‪कि ललित को यह करना होगा। 393 00:24:36,805 --> 00:24:39,365 ‪पिता की मौत हो चुकी है। 394 00:24:39,445 --> 00:24:41,325 ‪तो कह सकते है कि एक मरा हुआ इंसान… 395 00:24:42,405 --> 00:24:45,965 ‪अजीब बात है कि, ‪एक तरह से, एक मरा हुआ इंसान 396 00:24:46,045 --> 00:24:50,285 ‪परिवार से और ज़्यादा हक की, ‪और ज़्यादा आदर की माँग कर रहा है। 397 00:24:51,605 --> 00:24:54,165 ‪तो यहाँ परिवार के नौ-दस लोग हैं 398 00:24:55,085 --> 00:24:59,085 ‪जो ललित की बात सुनने को तैयार हैं ‪जो उनके पिता के आदेश हैं। 399 00:25:01,885 --> 00:25:06,245 {\an8}‪सविता दीदी, मुझे नहीं लगता था ‪कि उनके अपने कोई शौक हैं या कुछ है। 400 00:25:06,325 --> 00:25:09,325 ‪मतलब, उनका एक ही काम था, रसोई संभालना। 401 00:25:10,965 --> 00:25:13,445 ‪[अमरीक सिंह] हम सोचते थे ‪कि यह रसोई में क्यों रहती है बेचारी। 402 00:25:14,285 --> 00:25:17,445 ‪लेकिन शायद उनके बारे में भी लिखा हुआ है ‪कि उनको रसोई में ही काम करना है। 403 00:25:29,485 --> 00:25:30,645 ‪सविता, 50 404 00:25:42,405 --> 00:25:43,765 {\an8}‪टीना, 43 - प्रतिभा, 59 405 00:25:58,285 --> 00:25:59,125 {\an8}‪प्रियंका, 33 - नीतू, 25 406 00:26:06,525 --> 00:26:09,965 ‪[प्रितपाल] ललित की पत्नी टीना को, ‪वैसे तो स्वभाव से बहुत अच्छी थी, 407 00:26:10,045 --> 00:26:16,045 ‪लेकिन जब ललित की बात सब मान रहे हैं, ‪परिवार का मुखिया बना हुआ है, 408 00:26:16,125 --> 00:26:20,605 ‪तो उसको लगता होगा ‪कि मेरे लिए आसान है इस घर में रहना। 409 00:26:20,685 --> 00:26:22,325 ‪जैसे बहुओं के लिए मुश्किल होता है। 410 00:26:22,805 --> 00:26:25,565 ‪जो बात उसने कहनी है, ललित ने, ‪वही टीना बोलती थी। 411 00:26:26,405 --> 00:26:28,445 ‪दो खड़े तो हैं, लेकिन उनकी बात एक ही है। 412 00:26:29,725 --> 00:26:33,045 ‪तो वो उसकी बात मानने लगी, ‪"अच्छी बात है। हाँ, आप ये करो, ठीक है।" 413 00:26:33,125 --> 00:26:36,165 ‪तो उसको फ़ायदा होता होगा। ‪मुझे लगता है वह इसीलिए उसकी बात मानने लगी। 414 00:26:37,765 --> 00:26:40,445 ‪[अमरीक] ललित से ज़्यादा हैरानी होती, ‪ललित की पत्नी तो… 415 00:26:40,525 --> 00:26:42,445 ‪उसने तो समाजशास्त्र में एमए की हुई थी। 416 00:26:45,525 --> 00:26:47,005 ‪वो भी साथ ही? 417 00:27:07,685 --> 00:27:09,365 ‪[अनीता] 11 साल बहुत लंबा समय है। 418 00:27:10,565 --> 00:27:14,525 ‪क्या परिवार वालों ने कभी उसका विरोध किया? 419 00:27:14,605 --> 00:27:19,045 ‪क्या किसी ने उसे चुनौती दी? ‪क्या किसी ने इससे दूर जाने की कोशिश की? 420 00:27:19,125 --> 00:27:20,125 ‪बिल्कुल नहीं। 421 00:27:20,885 --> 00:27:23,365 ‪ताली दोनों हाथों से बजती है। 422 00:27:23,445 --> 00:27:26,005 ‪ऐसे लोग होने चाहिए जो कहें, 423 00:27:26,085 --> 00:27:28,885 ‪"ठीक है, मैं तुम्हारे ‪अधीन रहने को तैयार हूँ।" 424 00:27:32,365 --> 00:27:33,725 ‪[डॉ. वीरेंद्र सिंह] ‪जिस दिन ये केस जमा हुआ, 425 00:27:33,805 --> 00:27:36,485 ‪उस दिन करीब आठ से दस डायरियाँ ‪जो पुलिस ने हमारे यहाँ जमा की थीं… 426 00:27:36,565 --> 00:27:38,045 ‪डॉ. वीरेंद्र सिंह - हस्तलेख विभाग 427 00:27:38,125 --> 00:27:41,005 ‪…उसके साथ ‪कुछ स्टैंडर्ड डायरियाँ जमा की थीं। 428 00:27:41,565 --> 00:27:44,565 ‪सवाल था कि मिलाना था कि वे डायरियाँ 429 00:27:44,645 --> 00:27:47,365 ‪स्टैंडर्ड डायरियों से मिलती हैं या नहीं। 430 00:27:51,165 --> 00:27:55,485 ‪तो हमें ये लगा कि ललित ही ‪ये सारे जो नोट्स लिखता होगा। 431 00:27:57,725 --> 00:28:02,485 ‪लेकिन जो फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट होती है, ‪हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट होती है, 432 00:28:02,565 --> 00:28:06,365 ‪उसमें अब ये सामने आया है ‪कि प्रतिभा की बेटी, प्रियंका, 433 00:28:08,365 --> 00:28:11,885 ‪और भुवनेश की बेटी नीतू, ‪ये लोग नोट्स लिखते थे। 434 00:28:14,205 --> 00:28:18,765 ‪तो आप ये मानिए कि कितना ताज्जुब होता है ‪कि ललित के कहने पर 435 00:28:19,365 --> 00:28:23,005 ‪तीसरी पीढ़ी के बच्चे नोट्स लिख रहे हैं। ‪वो कितने प्रभावित थे ललित से। 436 00:28:25,525 --> 00:28:29,845 ‪कि किसी भी परिवार के सदस्य ने ‪घर के बाहर ये बात कभी बताई नहीं। 437 00:28:29,925 --> 00:28:31,685 ‪ये नियंत्रण था। 438 00:28:31,765 --> 00:28:35,085 ‪आप इसे खुशी बोल दीजिए, ‪या विश्वास बोल दीजिए। डर बोल दीजिए। 439 00:28:35,165 --> 00:28:36,165 ‪लेकिन ये था। 440 00:28:37,365 --> 00:28:40,085 ‪-[अस्पष्ट बातचीत] ‪-उनका मतलब कि इतना अच्छा नहीं था, 441 00:28:40,165 --> 00:28:41,725 ‪टाइम पास ही होता था, घर का टाइम पास। 442 00:28:41,805 --> 00:28:45,325 ‪लेकिन जैसे ही वो पाठ-पूजा करने लगे ‪पापा के जाने के बाद, 443 00:28:45,405 --> 00:28:48,565 ‪तब उनकी काफ़ी तरक्की होने लगी। 444 00:28:48,645 --> 00:28:53,245 ‪उनको लगता था कि हमारा काम बढ़ रहा है। ‪जैसे भैया की दुकान हो गई, 445 00:28:53,325 --> 00:28:54,725 ‪पिंकू की भी नौकरी हो गई, 446 00:28:55,485 --> 00:28:58,685 ‪सब मतलब स्थिर होने लग गए थे, ‪अपनी-अपनी जगह पे। 447 00:28:59,845 --> 00:29:02,485 ‪तो उनको लगता था कि अगर पापा ने हमको बताया, 448 00:29:02,565 --> 00:29:04,925 ‪ये हम कर रहे हैं ‪तो हमारे को उसका फल मिल रहा है। 449 00:29:06,205 --> 00:29:09,765 ‪वो जो उसने बताया उससे काम बन गया। ‪उससे उनकी कमाई शुरू हो गई। 450 00:29:09,845 --> 00:29:12,485 ‪आर्थिक स्थिति इनकी बढ़िया होती गई। 451 00:29:13,685 --> 00:29:17,405 ‪श्रेय का अगर देखें, तो लड़की की ‪शादी का श्रेय भी खुद ले रहा है। 452 00:29:17,885 --> 00:29:20,845 ‪"ये सब इसी की वजह से हो रहा है, ‪किताब की वजह से। तुम उसे मान रहे हो।" 453 00:29:23,725 --> 00:29:25,085 ‪[अमरीक] प्रियंका की सगाई में सारे गए थे। 454 00:29:26,005 --> 00:29:27,205 ‪हम पूरा परिवार थे। 455 00:29:28,165 --> 00:29:30,445 ‪इन्होंने खुद ही सारा किया था। ‪जैसा आप लोगों ने वीडियो में देखा हो, 456 00:29:30,525 --> 00:29:32,445 ‪तो बच्चों ने जो किया था, इन्होंने बकायदा 457 00:29:32,525 --> 00:29:36,565 ‪कोरियोग्राफ़र है पीछे, उसको बुलाकर ‪अपने घर में पूरा तैयार किया है। कैसे करा। 458 00:29:36,645 --> 00:29:38,045 ‪[आवाज़ बंद] 459 00:29:39,565 --> 00:29:42,365 ‪पुलिस की जाँच में ‪और प्रियंका के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से 460 00:29:42,445 --> 00:29:44,365 ‪जो जानकारी निकलके सामने आ रही है, 461 00:29:44,445 --> 00:29:49,085 ‪एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर ‪एक्ज़ेक्यूटिव के तौर पर काम करती थी। 462 00:29:49,165 --> 00:29:50,965 ‪दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की हुई है। 463 00:29:54,165 --> 00:29:57,245 ‪[हिमानी] जब मैंने उसके दफ़्तर के ‪एक अधिकारी से बात की, 464 00:29:59,085 --> 00:30:02,045 ‪उन्होंने कहा कि वह एक दूरी बनाकर रखती थी। 465 00:30:04,245 --> 00:30:06,405 ‪बल्कि, मुझे यह बताया गया है 466 00:30:06,485 --> 00:30:09,565 ‪कि उसने दफ़्तर में ‪अपनी सगाई की बात बताई ही नहीं थी। 467 00:30:09,645 --> 00:30:11,645 ‪[आवाज़ बंद है] 468 00:30:18,605 --> 00:30:21,685 ‪[चंदर] देवियों जैसी लड़कियाँ, ‪बिल्कुल भली, साफ़ दिल की। 469 00:30:22,405 --> 00:30:23,845 ‪क्या कसूर था उन लड़कियों का? 470 00:30:25,325 --> 00:30:29,645 ‪मन में टीस बड़ी उठती है। ‪वो छोटे-छोटे बच्चे थे, उन्होंने क्या देखा? 471 00:30:29,725 --> 00:30:31,725 ‪मस्ती करने का समय था उनका। 472 00:30:36,965 --> 00:30:39,645 ‪[भोपाल] लिखी गई कॉपियों की अवहेलना न करो। 473 00:30:41,485 --> 00:30:43,685 ‪गलती करने के बावजूद भी शाम को 474 00:30:43,765 --> 00:30:45,605 ‪यहाँ आके कहते हो कि गलती नहीं की। 475 00:30:47,205 --> 00:30:51,925 ‪ध्यान रखो, पिछली गलती की ‪कंपन खत्म नहीं होती। 476 00:30:53,005 --> 00:30:54,365 ‪वो पीछा करते हैं। 477 00:30:56,085 --> 00:30:59,165 ‪बार-बार प्रभु की चेतावनी को न समझा जाए, 478 00:31:00,165 --> 00:31:03,085 ‪तो प्रभु अच्छे व्यक्ति को ‪अपने पास बुला लेते हैं। 479 00:31:04,485 --> 00:31:06,445 ‪[रचना] वे बहुत पढ़े-लिखे बच्चे थे। 480 00:31:07,005 --> 00:31:08,085 ‪जवान हैं। 481 00:31:08,165 --> 00:31:11,365 ‪उनकी उम्र ऐसी थी ‪जब उन्हें सवाल करने चाहिए। 482 00:31:11,445 --> 00:31:15,365 ‪खासकर सबसे छोटी पीढ़ी को। ‪कहने को वे "आधुनिक" थे। 483 00:31:16,285 --> 00:31:17,765 ‪मुझे नहीं लगता कि मैं जानती हूँ 484 00:31:18,525 --> 00:31:23,565 ‪कि इंसानों में जो उत्सुकता ‪सहज रूप से होती है, 485 00:31:24,125 --> 00:31:28,445 ‪उसे पूरी तरह से ‪चुप कैसे करवा दिया गया होगा? 486 00:31:29,805 --> 00:31:31,045 {\an8}‪ताज़ा खबर 487 00:31:31,125 --> 00:31:33,045 {\an8}‪[समाचार-वाचक] ‪एक ताज़ा खबर से शुरुआत करते हैं। 488 00:31:33,125 --> 00:31:35,685 {\an8}‪[समाचार-वाचिका] पोस्ट मॉर्टम ‪रिपोर्ट से अब यह पुष्टि हो गई है 489 00:31:35,765 --> 00:31:38,645 {\an8}‪कि दस परिवार वालों की मौत ‪फाँसी पर लटकने से हुई। 490 00:31:38,725 --> 00:31:42,125 {\an8}‪परिवार की सबसे बुज़ुर्ग सदस्या, ‪उनकी दादी की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट 491 00:31:42,205 --> 00:31:46,565 ‪अभी नहीं आई है। 492 00:31:49,925 --> 00:31:51,685 ‪[मोनिशा] जब हम शव परीक्षण कर रहे होते हैं 493 00:31:51,765 --> 00:31:53,885 ‪तब हम भावनाओं को किनारे रख देते हैं। 494 00:31:54,605 --> 00:31:56,965 ‪क्योंकि हमें तकनीकी नज़रिए से ‪उनकी जाँच करनी होती है। 495 00:31:58,605 --> 00:32:00,605 ‪दादी, जो सबसे बुज़ुर्ग सदस्या थीं, 496 00:32:01,165 --> 00:32:03,445 ‪उनके मामले को अधूरी फाँसी कह सकते हैं। 497 00:32:05,685 --> 00:32:08,845 ‪[मुकेश] पलंग के साथ जो खाली जगह थी, ‪वहाँ पर वो लेटी हुई पाई गई थीं। 498 00:32:10,125 --> 00:32:13,925 ‪और अलमारी के हैंडल में बाँधकर ही इसने… 499 00:32:16,365 --> 00:32:19,045 ‪[मनोज] वो कागज़ात वगैरह मिला, ‪उसमें सब लिखा हुआ था। 500 00:32:20,365 --> 00:32:22,805 ‪माता जी क्योंकि भारी हैं, उम्र ज़्यादा है, 501 00:32:22,885 --> 00:32:26,405 ‪वह स्टूल पर खड़े होकर ‪ये क्रिया नहीं कर सकती। 502 00:32:27,365 --> 00:32:29,365 ‪तो वो लेटकर इस तरीके से ही करेंगी। 503 00:32:32,605 --> 00:32:37,125 ‪[विशाल] जैसे नारायणी देवी, ‪जबरन कराया गया या आसानी से कराया गया? 504 00:32:37,605 --> 00:32:40,565 ‪जो इनकी माता जी थीं, ‪उन पर चोट के निशान हैं। 505 00:32:41,485 --> 00:32:44,485 ‪वो तो पकड़ने से हो सकते हैं, ‪ज़्यादा कसकर पकड़ने से भी। 506 00:32:47,405 --> 00:32:49,805 ‪[मोनिशा] हमारे लिए ‪यह समझना बहुत मुश्किल था 507 00:32:49,885 --> 00:32:51,685 ‪क्योंकि यह केस बहुत अलग था। 508 00:32:52,685 --> 00:32:56,965 ‪उन सबने नकाब पहने थे, ‪मुँह बंद थे, आँखों पर पट्टी बँधी थी। 509 00:32:57,045 --> 00:32:59,405 ‪यह सबने किया था। कान में रूई थी। 510 00:32:59,965 --> 00:33:02,325 ‪रूमाल मुँह में ठूँसा गया था। 511 00:33:02,405 --> 00:33:04,565 ‪उनके बेटों में से एक। 512 00:33:06,085 --> 00:33:08,005 ‪सबसे छोटा बेटा। 513 00:33:10,645 --> 00:33:13,445 {\an8}‪डायरी के एंट्री नोट्स से 514 00:33:13,525 --> 00:33:16,245 {\an8}‪हमें इसके बारे में बहुत सी जानकारी मिली, 515 00:33:16,325 --> 00:33:20,765 ‪और वे बातें पोस्ट मॉर्टम के ‪नतीजों से मेल खाती थीं। 516 00:33:23,005 --> 00:33:24,885 ‪[भोपाल] बंधन मज़बूत होने चाहिए। 517 00:33:25,845 --> 00:33:27,805 ‪ईश्वर को लगे तपस्या सच्ची है। 518 00:33:29,445 --> 00:33:31,805 ‪मुख में गीली पट्टी की व्यवस्था करो। 519 00:33:32,485 --> 00:33:36,005 ‪नहीं कर सकते हो, ‪तो मुँह पर डॉक्टर पट्टी लगानी है। 520 00:33:38,525 --> 00:33:39,445 ‪[मनोज] मुझे नहीं लगता 521 00:33:39,525 --> 00:33:42,445 ‪कि इस दुनिया में कोई होगा ‪जो बच्चों को मना ले, "तू आत्महत्या कर ले।" 522 00:33:43,645 --> 00:33:47,565 ‪और इसीलिए उनको कसकर बाँधा गया ‪कि, यार, इनसे करवाना ही करवाना है। 523 00:33:53,845 --> 00:33:55,845 ‪बच्चों को देखके बहुत होता है। 524 00:33:59,205 --> 00:34:00,405 ‪[कुलदीप सिंह] सटकवाया था 525 00:34:00,485 --> 00:34:02,845 ‪या ज़बरदस्ती खुद उसने किया? 526 00:34:03,685 --> 00:34:08,445 ‪अगर वो ज़िंदा होता, तो उस वक्त पता नहीं ‪हमारा क्या क्या हाल होता उसके साथ। 527 00:34:08,525 --> 00:34:10,245 ‪कि हम कुछ गलत कर बैठते। 528 00:34:13,244 --> 00:34:19,765 ‪इस केस ने मेरी अपनी मान्यताओं ‪और समाज के बारे में बहुत से सवाल खड़े किए। 529 00:34:20,724 --> 00:34:24,005 ‪विश्वास और अंधविश्वास के बीच ‪एक हल्की सी लकीर का अंतर होता है। 530 00:34:24,085 --> 00:34:27,125 ‪कहाँ विश्वास खत्म होता है ‪और अंधविश्वास शुरू होता है, है न? 531 00:34:27,925 --> 00:34:29,204 ‪वह हद कहाँ है? 532 00:34:34,485 --> 00:34:39,005 ‪[कुलदीप] जब मैं सीढ़ी से ऊपर चढ़के गया ‪तो सभी एक घेरे में खड़े हुए थे। 533 00:34:40,605 --> 00:34:43,605 ‪मैं वहाँ दो मिनट खड़ा होकर ये सोचता रहा कि 534 00:34:44,765 --> 00:34:46,204 ‪सच है या क्या है? 535 00:34:47,605 --> 00:34:52,965 ‪जो सबसे बाद में, जो मुझे लगता है, ‪जो आत्महत्या की है, वो ललित ने की है। 536 00:34:53,045 --> 00:34:54,485 ‪जहाँ तक मेरा अपना मानना है। 537 00:34:54,565 --> 00:34:59,965 ‪क्योंकि उसके हाथों में जो रस्सियाँ थीं, ‪वो कोई तार जैसा था। 538 00:35:00,045 --> 00:35:03,005 ‪तो वो ऐसा नहीं था ‪जैसे और लोगों के बँधा हुआ था। 539 00:35:06,205 --> 00:35:07,525 ‪[मनोज] ललित और टीना, 540 00:35:08,325 --> 00:35:10,885 ‪क्योंकि उनके हाथ ‪इतने ज़्यादा नहीं बँधे हुए थे, 541 00:35:10,965 --> 00:35:12,325 ‪और पैर खुले हुए थे, 542 00:35:12,405 --> 00:35:15,645 ‪तो लगता है कि उन्होंने ‪उनकी मदद की बाँधने में। 543 00:35:15,725 --> 00:35:18,765 ‪अपने आप को पीछे नहीं बाँध सकता कोई। ‪किसी और ने ही बाँधा होगा। 544 00:35:24,565 --> 00:35:26,125 ‪टीना उसमें जानती होगी 545 00:35:26,205 --> 00:35:28,405 ‪क्योंकि टीना से कुछ नहीं छिपा था। ‪मुझे पता है। 546 00:35:28,885 --> 00:35:32,645 ‪और किसी को पता हो न हो… जैसा मैंने ‪पहले ही बोला, और किसी को पता हो न हो, 547 00:35:33,565 --> 00:35:36,725 ‪इन दोनों को तो पता था कि ऐसा कुछ होगा। 548 00:35:38,485 --> 00:35:41,005 ‪परिवार के सारे सदस्य ऐसे हो सकते हैं। 549 00:35:46,485 --> 00:35:50,525 ‪[रचना] जैसे एक माँ का ‪अपने बच्चे की रक्षा करने का जज़्बा 550 00:35:51,405 --> 00:35:52,765 ‪खत्म हो गया था। 551 00:35:55,165 --> 00:35:58,685 ‪हम अकसर सुनते हैं कि औरतें, और कुछ नहीं, 552 00:35:58,805 --> 00:36:01,285 ‪तो अपने बच्चों की रक्षा के लिए ‪लड़ पड़ती हैं। 553 00:36:04,205 --> 00:36:07,845 ‪[बरखा दत्त] मेरे लिए इसने ‪ताकत से जुड़े सवाल उठाए। 554 00:36:08,925 --> 00:36:10,685 ‪क्या अंत में घर की औरतें, 555 00:36:10,765 --> 00:36:13,365 ‪और मर्दों से ज़्यादा औरतें मारी गईं… 556 00:36:13,925 --> 00:36:17,045 ‪क्या घर की औरतों को उस रस्म में ‪शामिल होने से मना करने का हक था? 557 00:36:17,125 --> 00:36:19,765 ‪और अगर ऐसा नहीं था, ‪तो क्या इसे आत्महत्या कहा जा सकता है? 558 00:36:19,845 --> 00:36:21,245 ‪या इसे हत्या कहना चाहिए? 559 00:36:21,325 --> 00:36:23,325 ‪[साइरन बज रहे हैं] 560 00:36:26,285 --> 00:36:28,725 ‪[विशाल] जिस दिन ये हुआ, 30 जून का, 561 00:36:29,725 --> 00:36:32,725 ‪ये तो आठ दिन पहले ही ‪पूजा-पाठ इनकी शुरू हो चुकी थी 562 00:36:32,805 --> 00:36:35,445 ‪क्योंकि उन पन्नों में वो लिखा हुआ था। 563 00:36:36,485 --> 00:36:39,605 ‪इस अनुष्ठान में पिता जी आएँगे। 564 00:36:46,805 --> 00:36:50,485 ‪और इसी बात पे सारा परिवार राज़ी था ‪कि भई, अगर हम ये बड़ तपस्या कर लेंगे, 565 00:36:51,405 --> 00:36:53,925 ‪तो हमारा और भला हो जाएगा। 566 00:36:54,485 --> 00:36:56,165 ‪और ये दस-15 मिनट का ही खेल है सारा। 567 00:36:57,445 --> 00:37:00,565 ‪उन्हें यकीन दिलाया गया, ‪"मैं आऊँगा और तुम सबको छुड़ा दूँगा। 568 00:37:00,645 --> 00:37:02,525 ‪तुम्हें कुछ नहीं होगा। बहुत अच्छा होगा।" 569 00:37:08,845 --> 00:37:11,485 ‪मेरा नाम जतिन है। ‪मैं ध्रुव और शिबू का दोस्त था। 570 00:37:11,565 --> 00:37:14,045 ‪वो मेरे पड़ोसी थे। ‪वो पीछे वाले घर में रहते थे। 571 00:37:14,125 --> 00:37:19,445 ‪मैं उनसे रात को भी मिला था। ‪मैं कुछ सामान लेकर आ रहा था खाने का, 572 00:37:19,525 --> 00:37:20,805 ‪तो वे दुकान पे खड़े थे। 573 00:37:20,885 --> 00:37:22,565 ‪आपस में ऐसे ही हँसी-मज़ाक कर रहे थे। 574 00:37:22,645 --> 00:37:23,685 ‪एक ने ऐसे करके मारा था। 575 00:37:25,005 --> 00:37:28,045 ‪मैंने पूछा भी था, "आज खेलोगे?" ‪तो बोले, "नहीं, आज नहीं।" मना कर रहे थे। 576 00:37:31,885 --> 00:37:33,965 ‪साढ़े दस बजे के आस-पास की बात थी वो भी। 577 00:37:47,405 --> 00:37:52,885 ‪इस पूरे मामले में जो एक वाक्य ‪हमेशा मुझे याद रहेगा, वह है, 578 00:37:52,965 --> 00:37:54,685 ‪"पापा के आने का समय हो गया है।" 579 00:37:56,205 --> 00:37:57,925 ‪रोंगटे खड़े हो गए थे। 580 00:38:05,165 --> 00:38:08,085 ‪[रचना] और ज़ाहिर है ‪कि उस पल का जादू ही ऐसा था 581 00:38:08,165 --> 00:38:11,445 ‪कि उन्हें यकीन था, "हम नहीं मरेंगे। 582 00:38:12,085 --> 00:38:13,925 ‪और हम पूरा विश्वास कर सकते हैं।" 583 00:38:21,125 --> 00:38:23,245 ‪[भोपाल] ईश्वर इस बात से खुश है 584 00:38:27,085 --> 00:38:31,525 ‪कि 11 बंदे एक भावना लिए, ‪एक लाइन में खड़े हैं। 585 00:38:35,605 --> 00:38:38,285 ‪बड़ तपस्या में घबराना नहीं। 586 00:38:40,045 --> 00:38:42,765 ‪चाहे धरती हिले या आकाश हिले, 587 00:38:44,045 --> 00:38:45,845 ‪यह भ्रम पैदा करती है। 588 00:38:47,365 --> 00:38:51,485 ‪बच्चों को समझाओ कि मानसिक जाप करते रहेंगे। 589 00:38:53,085 --> 00:38:56,045 ‪पाँच से 15 मिनट का जाप हो सकता है। 590 00:38:57,285 --> 00:38:59,485 ‪जब तक जाप खत्म नहीं होता, 591 00:39:00,645 --> 00:39:02,965 ‪ललित सबकी सुरक्षा का काम करेगा। 592 00:39:05,805 --> 00:39:09,125 ‪गले में बंधन बाँधने का काम ‪एक व्यक्ति का हो। 593 00:39:11,685 --> 00:39:14,325 ‪सुरक्षा के लिए जब सारे बंधन बँध जाएँ, 594 00:39:15,485 --> 00:39:18,765 ‪तो ललित ने एक छोटी सी ‪छड़ी से इशारा करना है। 595 00:39:19,965 --> 00:39:22,885 ‪एक जल की कटोरी बाहर रखनी है। 596 00:39:24,725 --> 00:39:27,165 ‪जब जल का रंग बदल जाए, 597 00:39:27,245 --> 00:39:28,725 ‪तब मैं आऊँगा। 598 00:39:46,805 --> 00:39:48,805 ‪[थीम संगीत बज रहा है]