1 00:00:08,208 --> 00:00:10,750 [आदमी] यह है सीरियल किलर, चंद्रकांत झा। 2 00:00:11,416 --> 00:00:14,541 दो हज़ार छह और 2007 में तिहाड़ जेल के आसपास 3 00:00:14,625 --> 00:00:18,541 एक के बाद एक सिरकटी लाशों के मिलने से ख़ौफ़ फैल गया था। 4 00:00:18,625 --> 00:00:22,291 कातिल लगातार पुलिसवालों को फ़ोन पर धमकी भी दे रहा था। 5 00:00:22,375 --> 00:00:24,875 यही चूक चंद्रकांत को महँगी पड़ी… 6 00:00:24,958 --> 00:00:26,625 और चंद्रकांत पकड़ा गया। 7 00:00:27,208 --> 00:00:28,625 [रहस्यपूर्ण संगीत] 8 00:00:32,166 --> 00:00:33,833 [रहस्यपूर्ण संगीत] 9 00:00:34,875 --> 00:00:37,500 [आदमी 1] वो लड़का दिमाग़ से शातिर था… 10 00:00:38,583 --> 00:00:39,583 शुरू से ही। 11 00:00:41,791 --> 00:00:45,875 तो धीरे-धीरे कत्ल करता गया, झूठ से उसको नफ़रत थी। 12 00:00:46,666 --> 00:00:48,875 झूठ कोई भी बोलता था न, उसको वो… 13 00:00:50,208 --> 00:00:51,083 मार देता था। 14 00:00:52,083 --> 00:00:54,041 [डरावना संगीत] 15 00:00:54,125 --> 00:00:55,791 दिल्ली पुलिस ने सीरियल किलर को पेश किया 16 00:01:04,333 --> 00:01:06,000 [उत्कर्ष अंग्रेज़ी में] वो घबराया हुआ नहीं था। 17 00:01:06,083 --> 00:01:08,125 वो कोई ऐसा नहीं लगा जो बहुत बेचैन था 18 00:01:08,208 --> 00:01:10,000 या कोई ऐसा जो ज़रा भी परेशान था। 19 00:01:10,083 --> 00:01:11,750 [रहस्यपूर्ण संगीत] 20 00:01:11,833 --> 00:01:14,250 शायद, अगर मैं किसी सड़क किनारे उससे मिला होता, 21 00:01:14,333 --> 00:01:15,666 तो मुझे कभी पता नहीं चलता 22 00:01:15,750 --> 00:01:18,333 कि यह आदमी उस तरह के किसी काम में शामिल हो सकता है। 23 00:01:18,416 --> 00:01:20,166 [डरावना संगीत] 24 00:01:25,458 --> 00:01:28,333 [सुंदर सिंह] कत्ल हो गए, जाँच की रिपोर्ट आ गई… 25 00:01:28,416 --> 00:01:31,750 गिरफ्तारी हो गई, और हमारे पास है कुछ नहीं। 26 00:01:32,750 --> 00:01:34,041 [नाटकीय संगीत] 27 00:01:34,125 --> 00:01:37,833 [सुंदर सिंह] केवल कहने से यह नहीं हो जाता कि वो कत्ल के केस का मुल्ज़िम हो गया। 28 00:01:37,916 --> 00:01:39,541 उसके साथ में सबूत चाहिए न। 29 00:01:39,625 --> 00:01:41,583 [नाटकीय संगीत] 30 00:01:43,875 --> 00:01:47,500 [सुंदर] चंद्रकांत झा जो कि अपराधी था, उसके अनुभव से उसको मालूम था 31 00:01:47,583 --> 00:01:51,333 कि पुलिस के सामने दिया हुआ बयान कोर्ट में स्वीकार्य नहीं था। 32 00:01:52,750 --> 00:01:56,958 अब वो जो कहानी बताता है वो मैं आपको बता रहा हूँ। 33 00:01:58,958 --> 00:02:00,750 [रहस्यपूर्ण संगीत] 34 00:02:02,833 --> 00:02:05,000 NETFLIX डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 35 00:02:10,958 --> 00:02:12,666 [थीम संगीत जारी] 36 00:02:35,250 --> 00:02:37,208 [रहस्यपूर्ण संगीत] 37 00:02:41,250 --> 00:02:42,958 [सुंदर] मुझे बहुत ही अचम्भा हुआ 38 00:02:43,041 --> 00:02:46,000 कि जब मैंने पूछताछ के दौरान उसका नाम पूछा, 39 00:02:46,083 --> 00:02:47,833 तो उसने कहा कि आप सुंदर सिंह साहब हो? 40 00:02:47,916 --> 00:02:49,000 मैंने पूछा, "आपको कैसे मालूम?" 41 00:02:50,000 --> 00:02:53,083 उसने कहा कि आपकी मेरे से फ़ोन पर बात हुई थी और आपने कहा था, 42 00:02:53,666 --> 00:02:57,083 "तू दुष्ट मान नहीं रहा है।" आपको मेरी चुनौती थी। 43 00:02:57,166 --> 00:02:58,250 सुबह 8:45 बजे 20 अक्टूबर 2006 44 00:02:58,333 --> 00:03:01,041 "सर, मैं हारा और आप जीते। 45 00:03:01,125 --> 00:03:03,291 और मुझे अब मारना नहीं। 46 00:03:03,375 --> 00:03:05,500 नहीं तो, मैं कुछ नहीं बताऊँगा। यदि मुझे 47 00:03:05,583 --> 00:03:08,000 नहीं मारोगे तो मैं सारी बातें बता दूँगा।" 48 00:03:09,041 --> 00:03:11,791 [सुंदर] मैंने कहा, "नहीं, हमें मारने की क्या ज़रूरत है, सारी बातें बता दीजिए।" 49 00:03:13,833 --> 00:03:17,666 अब वो जो कहानी बताता है वो मैं आपको बता रहा हूँ। 50 00:03:19,083 --> 00:03:20,166 [नाटकीय संगीत] 51 00:03:21,833 --> 00:03:23,625 [चंद्रकांत की आवाज़] मेरा नाम चंद्रकांत झा है। 52 00:03:23,708 --> 00:03:24,791 आरोपी चंद्रकांत झा का बयान 53 00:03:24,875 --> 00:03:28,708 [चंद्रकांत की आवाज़] मैं बिहार के मधेपुरा में घोषई नाम का गाँव है… 54 00:03:28,791 --> 00:03:30,041 1980 का दशक, बिहार 55 00:03:30,125 --> 00:03:31,375 …वहाँ का रहने वाला हूँ। 56 00:03:33,708 --> 00:03:34,958 [हल्का संगीत] 57 00:03:35,041 --> 00:03:39,625 मेरी माँ एक शिक्षिका थी और मेरे पिता नहर विभाग में काम करते थे। 58 00:03:42,500 --> 00:03:43,708 [नाटकीय संगीत] 59 00:03:43,791 --> 00:03:46,208 [देवनारायण] यहाँ माँ के साथ आया हुआ था। 60 00:03:46,291 --> 00:03:49,041 लेकिन उनका जन्म यहाँ नहीं हुआ था। 61 00:03:50,041 --> 00:03:52,250 मेरा नाम देवनारायण पासवान है। 62 00:03:52,333 --> 00:03:55,833 हम चंद्रकांत को जानते हैं करीब-करीब… 63 00:03:55,916 --> 00:03:57,708 देवनारायण पासवान घोषई निवासी 64 00:03:58,416 --> 00:04:00,291 …जब चार-पाँच, छह साल के थे, तब से। 65 00:04:00,375 --> 00:04:04,791 हम बचपन के दोस्त थे। 66 00:04:05,375 --> 00:04:07,916 [देवनारायण] जबसे वो यहाँ रहने आए थे। 67 00:04:08,000 --> 00:04:09,666 घोषई गाँव 68 00:04:09,750 --> 00:04:12,375 [हल्का संगीत] 69 00:04:12,958 --> 00:04:16,625 [दूसरा बुजुर्ग] उसकी माँ का नाम चंपा देवी था। 70 00:04:18,708 --> 00:04:20,875 चंपा देवी के छह बेटे थे। 71 00:04:21,541 --> 00:04:24,416 सबसे बड़ा था नित्यानंद, फिर इन्द्रानंद, 72 00:04:25,041 --> 00:04:25,916 चन्द्रानंद, 73 00:04:26,541 --> 00:04:29,916 कलानंद, सदानंद, और दीपक कुमार। 74 00:04:30,916 --> 00:04:33,458 मेरा नाम अखिलेश शर्मा है। 75 00:04:35,916 --> 00:04:37,375 [अखिलेश] मैं नित्यानंद का दोस्त था। 76 00:04:40,250 --> 00:04:42,250 एक ही साथ पढ़ते थे हम दोनों। 77 00:04:42,333 --> 00:04:46,208 तो इसीलिए ज़्यादा मिलते-जुलते थे, संपर्क बना रहा करता था। 78 00:04:48,875 --> 00:04:51,625 सभी भाई लंबे, 79 00:04:52,208 --> 00:04:53,833 शरीर से बलिष्ठ थे, 80 00:04:54,583 --> 00:04:55,958 सब इसी तरह के थे। 81 00:04:56,875 --> 00:04:58,625 [चंद्रकांत] वो सब मुझे स्वार्थी लगते थे। 82 00:05:00,416 --> 00:05:04,125 मेरे माँ-बाप ने मेरी पढ़ाई लिखाई और खानपान का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा। 83 00:05:04,208 --> 00:05:08,125 पुलिस रिकॉर्ड पर आधारित ऑडियो रूपांतर 84 00:05:08,208 --> 00:05:10,750 [चंद्रकांत] इस वज़ह से मुझे उनसे नफ़रत हो गई थी। 85 00:05:10,833 --> 00:05:12,375 [नाटकीय संगीत] 86 00:05:12,458 --> 00:05:14,458 [चंद्रकांत] इसलिए मैंने गाँव छोड़ने का फैसला किया 87 00:05:16,083 --> 00:05:17,958 और वहाँ से मैं दिल्ली चला आया। 88 00:05:18,041 --> 00:05:22,333 1990 नई दिल्ली 89 00:05:31,083 --> 00:05:34,458 बिहार के 49 प्रतिशत घरों में से, 90 00:05:34,541 --> 00:05:36,541 कोई न कोई एक सदस्य प्रवासी है। 91 00:05:36,625 --> 00:05:38,000 अलख शर्मा, विकास अर्थशास्त्री 92 00:05:39,250 --> 00:05:42,791 [अलख] जब कोई प्रवास करता है, वो बिहार से करे या कहीं से करे… 93 00:05:42,875 --> 00:05:44,833 अभी बिहार की बात हम कर रहे हैं, 94 00:05:44,916 --> 00:05:46,875 किसी के माध्यम से प्रवास करता है। 95 00:05:48,791 --> 00:05:52,041 पहले से उसके गाँव के लोग रहते होंगे, आते होंगे। 96 00:05:53,250 --> 00:05:57,208 गाँव में जब लौटते हैं तो उनसे संपर्क करता है, उनके माध्यम से आता है। 97 00:05:58,000 --> 00:06:00,125 और यहाँ आने के बाद, 98 00:06:00,208 --> 00:06:03,375 जो पहले के प्रवासी हैं उन्हीं के साथ रहेगा भी। 99 00:06:03,458 --> 00:06:04,916 इसीलिए… 100 00:06:05,000 --> 00:06:08,458 एक ज़िले के, एक इलाके के, एक गाँव के प्रवासी 101 00:06:08,541 --> 00:06:11,083 आमतौर पर आप देखेंगे कि एक ही जगह रहते हैं। 102 00:06:12,208 --> 00:06:14,291 और वही लोग उनके लिए काम चुनते हैं। 103 00:06:14,375 --> 00:06:17,125 [रहस्यपूर्ण संगीत] 104 00:06:17,208 --> 00:06:20,250 आज़ादपुर मंडी 105 00:06:20,958 --> 00:06:25,541 [चंद्रकांत] दिल्ली में मुझे अपने गाँव के और ज़िले के कुछ लोग आज़ादपुर मंडी में मिले, 106 00:06:26,291 --> 00:06:29,750 और वहाँ पर मैंने पल्लेदारी और सब्जी बेचने का काम शुरू किया। 107 00:06:29,833 --> 00:06:31,833 [नाटकीय संगीत] 108 00:06:37,041 --> 00:06:40,625 जज साहब ने मुझे कॉल किया था न्याय मित्र के तौर पर यह केस करने के लिए। 109 00:06:40,708 --> 00:06:43,625 उन्होंने चंद्रकांत से मिलने को कहा, "इससे ब्रीफ ले ले।" 110 00:06:43,708 --> 00:06:46,500 इसका बचाव करने की आपको ड्यूटी दी जा रही है। 111 00:06:46,583 --> 00:06:50,083 यह पारिवारिक आदमी है, इसके पाँच बच्चे हैं, पत्नी है। 112 00:06:50,166 --> 00:06:52,416 और यह मारता है एक आदमी को और फिर वो 113 00:06:52,500 --> 00:06:55,750 उसके शव के अंगों को फेंकता है, किसी को पता भी नहीं चलता। उसके बच्चे को भी नहीं पता। 114 00:06:59,291 --> 00:07:02,250 [दीपक] गुजर-बसर के लिए जैसे एक मजदूर काम करता है, 115 00:07:02,333 --> 00:07:04,333 इसी तरह से यह काम किया करता था, अलग-अलग तरह के। 116 00:07:05,166 --> 00:07:06,250 पहले सब्जी बेची। 117 00:07:06,833 --> 00:07:10,500 सब्जी बेचने में इसको कुछ दिक्कतें आईं। वहाँ पुलिस तंग करती थी या 118 00:07:10,583 --> 00:07:13,250 इसके आरोप थे ऐसे कि उससे पुलिसवाले पैसे माँगते थे। 119 00:07:13,333 --> 00:07:16,416 तो वो इसी तरह की बातें बताता था कि आप सब्जी बेच रहे हो 120 00:07:16,500 --> 00:07:20,375 तो पुलिस आकर पूछती थी कि भई, यहाँ क्यों बैठे हो? यहाँ से उठो, सामान उठाओ। 121 00:07:22,291 --> 00:07:24,416 [दीपक] एक गरीब आदमी के लिए बड़ा मुश्किल होता है क्योंकि वो 122 00:07:24,500 --> 00:07:26,875 आज कुछ लेकर जाएगा तो घर में चूल्हा जलेगा। 123 00:07:28,375 --> 00:07:29,958 कोई स्थापित हो जाता है वहाँ पर 124 00:07:30,708 --> 00:07:33,416 अच्छा काम कर रहा है तो उससे माँगें बढ़ जाती हैं पुलिस की। 125 00:07:36,250 --> 00:07:39,416 जो सबसे निचले दर्जे के लोग हैं 126 00:07:40,250 --> 00:07:41,750 वो बिहारी प्रवासी हैं। 127 00:07:44,250 --> 00:07:48,000 [अलख] बिहार के लोगों को स्थानीय कौशल नहीं आते थे। 128 00:07:48,625 --> 00:07:50,833 तो, वे रिक्शा चलाने वाले बनते थे, 129 00:07:50,916 --> 00:07:53,416 मंडियों में पल्लेदारी का या कुली का काम करते थे, 130 00:07:53,500 --> 00:07:55,208 इसमें कोई विशेषज्ञता नहीं चाहिए। 131 00:07:56,541 --> 00:08:01,041 इसीलिए उनके प्रति पुलिस का रवैया ज़्यादा ख़राब होगा। 132 00:08:05,833 --> 00:08:06,958 [दीपक] चंद्रकांत का भी, 133 00:08:07,583 --> 00:08:12,666 फाइल के मुताबिक़ यह दावा था कि मुझसे दिवाली पर मोटरसाइकिल की माँग की गई थी। 134 00:08:13,166 --> 00:08:16,375 तो इस वज़ह से मेरे को एक और नाराज़गी 135 00:08:16,458 --> 00:08:19,666 या चिढ़ थी इस सिस्टम से। 136 00:08:22,791 --> 00:08:24,708 [नाटकीय संगीत] 137 00:08:25,458 --> 00:08:28,583 [सुंदर] आज़ादपुर मंडी में जहाँ चंद्रकांत झा काम करता था 138 00:08:28,666 --> 00:08:30,875 वहाँ पर ये जो लोग थे 139 00:08:30,958 --> 00:08:35,208 इनका रेहड़ी वालों का छोटा सा एक संगठन था जिसका पंडित नेतृत्व करता था। 140 00:08:35,291 --> 00:08:38,750 [रहस्यपूर्ण संगीत] 141 00:08:38,833 --> 00:08:41,500 और चंद्रकांत ने कहा था कि पंडित हमसे 142 00:08:41,583 --> 00:08:44,666 जब तब महीने के पैसे लेता था, सबसे लेता था। 143 00:08:44,750 --> 00:08:46,208 क्योंकि वो पंडित कहता था 144 00:08:46,291 --> 00:08:49,750 कि मैं पुलिस को देता हूँ, एमसीडी को देता हूँ, और ठेकेदारों को देता हूँ। 145 00:08:49,833 --> 00:08:51,333 खर्च करता हूँ। 146 00:08:51,416 --> 00:08:54,083 [सुंदर] और यह मुझे ज़ायज नहीं लग रहा था तो मैंने कहा, "मैं तो नहीं दूँगा। 147 00:08:55,958 --> 00:08:58,208 और इस बात पर उस पंडित को गुस्सा आ गया 148 00:08:58,291 --> 00:09:00,250 और उसने मेरे साथ में झगड़ा किया।" 149 00:09:00,333 --> 00:09:03,291 [लोगों के लड़ने की आवाज़] 150 00:09:03,791 --> 00:09:06,916 [सुंदर] "और मेरा जो सब्जी काटने वाला चाकू था, 151 00:09:07,000 --> 00:09:08,416 उसके अंगूठे के पास में लग गया।" 152 00:09:09,375 --> 00:09:11,958 "और उसने इस शिकायत को पुलिस वाले को बताया। 153 00:09:12,041 --> 00:09:15,333 मेरे ख़िलाफ पुलिस ने एक झूठा केस और लगा दिया।" 154 00:09:15,416 --> 00:09:22,208 22.01.02 को दोषी करार दिया गया 155 00:09:22,291 --> 00:09:27,750 [सुंदर] चंद्रकांत ने बोला कि इस केस में न केवल मेरे को बंद कर दिया गया, 156 00:09:27,833 --> 00:09:30,625 मेरी पत्नी को भी बंद कर दिया जबकि मेरी पत्नी वहाँ पर थी ही नहीं। 157 00:09:41,250 --> 00:09:46,000 [सुंदर] चंद्रकांत ने मुझे बतलाया था कि उसने ठान लिया था कि वह 158 00:09:46,083 --> 00:09:48,000 पंडित को मारेगा ही। 159 00:09:48,083 --> 00:09:51,458 [रहस्यपूर्ण संगीत] 160 00:09:51,541 --> 00:09:56,083 [सुंदर] और ये पंडित वही "मंगल" था जिसका 1998 में कत्ल हुआ था। 161 00:09:56,166 --> 00:09:58,583 उसने एक मंगल उर्फ़ औरंगज़ेब को मार कर 162 00:09:58,666 --> 00:10:00,291 आदर्श नगर पुलिस थाने के क्षेत्र में सनसनी फैला दी। 163 00:10:05,750 --> 00:10:06,916 मेरे पाँच बच्चे हैं। 164 00:10:07,583 --> 00:10:10,708 मेरी पत्नी और मेरे बच्चे सब अनपढ़ हैं। 165 00:10:11,458 --> 00:10:13,416 मैं उनके साथ अलीपुर में रहता हूँ। 166 00:10:15,583 --> 00:10:19,166 [सुंदर] इसने अपना जो रिहायशी मकान था वो अलीपुर में बना लिया था, 167 00:10:19,250 --> 00:10:22,875 अपने बच्चों को और अपनी पत्नी को वहाँ पर छोड़ दिया था। 168 00:10:22,958 --> 00:10:24,250 अलीपुर, परिवार की लोकेशन 169 00:10:24,333 --> 00:10:25,541 [नाटकीय संगीत] 170 00:10:25,625 --> 00:10:29,291 [सुंदर] और वो ख़ुद हैदरपुर में रह रहा था, जहाँ वो कत्ल करता था। 171 00:10:29,375 --> 00:10:31,666 हैदरपुर क़त्ल की लोकेशन 172 00:10:31,750 --> 00:10:35,791 एक उसने क़त्ल करने का पैटर्न बताया था 173 00:10:35,875 --> 00:10:39,000 वो पूछताछ का हिस्सा होता है, जैसे, "मैं इनको कैसे मारता हूँ?" 174 00:10:39,083 --> 00:10:41,250 [डरावना संगीत] 175 00:10:46,583 --> 00:10:49,666 [सुंदर] मैं इनको अपना दोस्त बनाता हूँ, 176 00:10:50,333 --> 00:10:51,416 भाई की तरह रखता हूँ, 177 00:10:53,375 --> 00:10:57,166 और भाई की तरह से रखकर के, अब वो एक-एक बात बताता है। 178 00:11:00,041 --> 00:11:02,333 [रहस्यपूर्ण संगीत] 179 00:11:02,416 --> 00:11:03,958 अक्टूबर 2006 180 00:11:04,041 --> 00:11:08,208 [सुंदर] पहला केस जो 20 अक्टूबर, 2006 को जो केस दर्ज हुआ था, 181 00:11:08,708 --> 00:11:10,666 वो अनिल मंडल के क़त्ल का केस था। 182 00:11:10,750 --> 00:11:12,416 पहला शव अनिल मंडल 183 00:11:15,500 --> 00:11:17,125 [चंद्रकांत] अनिल मेरे पैसे उड़ाता था। 184 00:11:18,083 --> 00:11:21,958 एक दिन मेरे मना करने के बावजूद, वो मेरी बेटी को बाहर ले गया। 185 00:11:23,041 --> 00:11:24,666 इस बात पर मुझे गुस्सा आया। 186 00:11:33,291 --> 00:11:35,291 [रहस्यपूर्ण संगीत] 187 00:11:37,166 --> 00:11:38,625 [हरगोबिंदर] उसने उसके हाथ-पैर बाँधे 188 00:11:39,500 --> 00:11:41,916 और उससे कहा कि वो उसे सबक सिखाएगा और उसे थप्पड़ मारा। 189 00:11:43,208 --> 00:11:46,083 लेकिन बात उससे बहुत ज़्यादा आगे निकल गई। 190 00:11:46,166 --> 00:11:47,833 [रहस्यपूर्ण संगीत] 191 00:12:12,583 --> 00:12:14,041 [रहस्यपूर्ण संगीत जारी है] 192 00:12:22,791 --> 00:12:26,916 [सुंदर] अगली सुबह उसने रेहड़ा उठाया और रेहड़े पर उस लाश को रखा, 193 00:12:27,416 --> 00:12:29,708 जो एक टोकरी में पैक की हुई थी 194 00:12:29,791 --> 00:12:32,333 और उसे लेकर के रेहड़े से वो हैदरपुर का 195 00:12:32,416 --> 00:12:34,333 जो आउटर रिंग रोड है, उसके ऊपर गया। 196 00:12:38,291 --> 00:12:40,708 आउटर रिंग रोड पर उसने डीटीसी बस पकड़ी। 197 00:12:41,791 --> 00:12:44,291 आउटर रिंग रोड की बसें तिलक नगर तक आती हैं। 198 00:12:44,375 --> 00:12:47,291 और उस फ्लाईओवर के पास में उसको उतार दिया, 199 00:12:47,833 --> 00:12:49,833 और उतारने के बाद फिर उसने रिक्शा लिया। 200 00:12:53,583 --> 00:12:57,916 और घूमकर उसने देखा, "हाँ, बलबीर वहीं पर है। और उसने उस लाश को 201 00:12:58,000 --> 00:13:01,958 वहाँ तिहाड़ जेल के गेट नंबर तीन के पास जहाँ बलबीर की ड्यूटी थी, 202 00:13:02,041 --> 00:13:04,666 वहाँ पर उसने लाश को डाल दिया। 203 00:13:04,750 --> 00:13:07,250 तिहाड़ जेल, गेट नंबर 3 204 00:13:07,333 --> 00:13:10,875 [सुंदर] उसे डालकर फिर वो नांगल राया पहुँच गया और वहाँ से उसने फ़ोन किया। 205 00:13:10,958 --> 00:13:15,041 सुबह 8:45 बजे 20 अक्टूबर, 2006 206 00:13:15,125 --> 00:13:19,458 वो कह रहा था कि जिसने जितना कर्म किया था उतना ही मैं उसको दंड दिया करता था। 207 00:13:21,125 --> 00:13:23,166 लेकिन इसका मुझे कल्याण करना था। 208 00:13:24,541 --> 00:13:27,833 और उसका कहना था कि ये जो मैं कल्याण करना कहता हूँ 209 00:13:27,916 --> 00:13:33,250 तो उनके जो सिर हैं, उनको यमुना नदी में डालता हूँ ताकि उनका कल्याण हो जाए। 210 00:13:35,708 --> 00:13:38,291 [रहस्यपूर्ण संगीत] 211 00:13:44,291 --> 00:13:48,250 धड़, तिहाड़ जेल 212 00:13:49,500 --> 00:13:53,708 सिर, यमुना 213 00:13:53,791 --> 00:13:59,083 नई दिल्ली 214 00:13:59,166 --> 00:14:00,000 अप्रैल 2007 215 00:14:00,083 --> 00:14:04,833 [सुंदर] जो दूसरा केस वह बताता है वो 25 अप्रैल, 2007 को किया था। 216 00:14:04,916 --> 00:14:06,375 वो क़त्ल उपेंद्र का था। 217 00:14:06,458 --> 00:14:08,708 दूसरा शव उपेंद्र 218 00:14:08,791 --> 00:14:11,875 [हरगोबिंदर अंग्रेज़ी में] उस आदमी को उसकी नौकरी से निकाला गया था। 219 00:14:12,458 --> 00:14:14,708 तो, वो परेशानी में था। अब, चंद्रकांत उसकी मदद करता है। 220 00:14:15,666 --> 00:14:20,458 वो उसे अपने साथ रहने देकर और अपने साथ खाना खिलाकर उसकी मदद करता है। 221 00:14:20,541 --> 00:14:22,541 लेकिन उसने कहा कि उसकी आदतें सही नहीं थीं। 222 00:14:22,625 --> 00:14:25,750 उसने चंद्रकांत के साथ फ़ोन पर झगड़ा किया था। 223 00:14:26,791 --> 00:14:28,541 [चंद्रकांत] उसका चाल चलन ठीक नहीं था। 224 00:14:29,208 --> 00:14:32,291 मैं उपेंद्र को अपने हैदरपुर वाले कमरे में लेकर आया। 225 00:14:33,125 --> 00:14:34,708 अभी कहता है कि मैं उन्हें दो मौक़े देता था। 226 00:14:34,791 --> 00:14:38,208 "या तो सुधर जा, नहीं तो तू फाइल से गया।" 227 00:14:38,291 --> 00:14:40,166 यही शब्द थे उसके। यह एक पैटर्न था। 228 00:14:40,250 --> 00:14:43,083 "जिसको मैंने कह दिया कि तू फाइल से गया, उसको मैं मार देता था।" 229 00:14:51,791 --> 00:14:54,625 [रहस्यपूर्ण संगीत] 230 00:14:54,708 --> 00:14:58,250 [चंद्रकांत] मैंने बड़े वाले चाकू से उसके हाथ, पैर और लिंग काट दिए। 231 00:14:58,833 --> 00:15:01,583 [रहस्यपूर्ण संगीत] 232 00:15:06,583 --> 00:15:08,375 [डरावना संगीत] 233 00:15:11,875 --> 00:15:14,541 [चंद्रकांत] उसकी एक टाँग शालीमार बाग मंदिर के बाहर फेंकी… 234 00:15:14,625 --> 00:15:16,041 शालीमार बाग मंदिर हिस्सा बरामद: पैर 235 00:15:16,125 --> 00:15:18,041 [चंद्रकांत] दूसरी टाँग स्वरूप नगर में फेंकी। 236 00:15:18,125 --> 00:15:20,416 स्वरूप नगर शव का हिस्सा बरामद: पैर 237 00:15:23,250 --> 00:15:25,708 [चंद्रकांत] उसका एक हाथ तीस हज़ारी कोर्ट के पास फेंका… 238 00:15:25,791 --> 00:15:26,958 तीस हज़ारी कोर्ट हिस्सा बरामद: हाथ 239 00:15:27,041 --> 00:15:28,541 यमुना नदी शव का हिस्सा बरामद: सिर 240 00:15:28,625 --> 00:15:30,833 [चंद्रकांत] और उसकी खोपड़ी को मैंने यमुना नदी में फेंक दिया। 241 00:15:34,083 --> 00:15:36,166 [हरगोबिंदर अंग्रेजी में] और पीड़ित का धड़ तिहाड़ जेल के 242 00:15:36,250 --> 00:15:38,583 गेट नंबर तीन के बाहर फेंका गया था। 243 00:15:38,666 --> 00:15:42,791 गेट नंबर 3 244 00:15:42,875 --> 00:15:46,666 [सुंदर] उसने कहा कि जब उसने उपेंद्र का क़त्ल किया 245 00:15:46,750 --> 00:15:50,916 तो उपेंद्र के क़त्ल के बाद में वो वहाँ आया। 246 00:15:52,333 --> 00:15:54,958 [रहस्यपूर्ण संगीत] 247 00:16:00,250 --> 00:16:04,708 [सुंदर] उसने कहा, "सर, आपकी आवाज़ को मैंने तुरंत पहचान लिया। सबकी पहचान लेता हूँ, 248 00:16:04,791 --> 00:16:06,666 लेकिन आप मेरी आवाज़ नहीं पहचान सके।" 249 00:16:09,500 --> 00:16:13,416 मैंने पूछा, "आप तिहाड़ जेल पर क्यों डाल रहे थे, भाई, सारी लाशों को?" 250 00:16:14,666 --> 00:16:19,166 [सुंदर] चंद्रकांत ने बोला, "जी, बलबीर नाम का जो हेड कॉन्स्टेबल था 251 00:16:19,250 --> 00:16:20,875 वो तिहाड़ जेल नंबर तीन पर था 252 00:16:20,958 --> 00:16:22,166 2003 से पहले। 253 00:16:23,208 --> 00:16:26,791 [सुंदर] और उसने जेल के अंदर मेरे साथ में ज़्यादती की थी। 254 00:16:27,625 --> 00:16:29,666 मुझे रोटी और खाना कम दिया करता था, 255 00:16:29,750 --> 00:16:32,083 मुझे नंगा कर दिया था दूसरे क़ैदियों के सामने। 256 00:16:33,000 --> 00:16:35,375 इसलिए मैंने सोचा था कि इसको मैं परेशान करूँगा। 257 00:16:35,458 --> 00:16:37,458 तो मैं यह ज़रूर देखता था 258 00:16:37,541 --> 00:16:41,958 कि हेड कॉन्स्टेबल बलबीर की ड्यूटी कहाँ पर है। वहीं पर मैं लाश डालता था।" 259 00:16:42,041 --> 00:16:46,416 केंद्रीय जेल नंबर 3 तिहाड़ दिल्ली पुलिस 260 00:16:46,500 --> 00:16:49,166 वो पुलिस से बहुत चिढ़ा हुआ था। 261 00:16:49,250 --> 00:16:52,541 तो पुलिस से चिढ़ा हुआ था तो वह न केवल 262 00:16:52,625 --> 00:16:55,625 पुलिस को एक तरह से मक्कार साबित करना चाहता था 263 00:16:55,708 --> 00:17:00,458 और वो यह दिखा रहा था कि मैं यह कर सकता हूँ। 264 00:17:00,541 --> 00:17:03,458 और मैं, एक अपराधी जो हूँ, एकदम सटीक काम करता हूँ, 265 00:17:03,541 --> 00:17:06,208 लेकिन पुलिस वाले बिल्कुल ग़लत काम करते हैं 266 00:17:06,291 --> 00:17:09,375 और काम नहीं करते हैं या ईमानदारी से काम नहीं करते। 267 00:17:09,458 --> 00:17:11,250 वो दिखाना चाह रहा था कि जहाँ पर… 268 00:17:11,333 --> 00:17:15,166 साथ ही पुलिस के ख़िलाफ में एक माहौल बनाने की कोशिश करने की चाह थी उसकी शायद, 269 00:17:15,250 --> 00:17:19,333 कि इनको मैं यह दिखाऊँ कि जहाँ-तहाँ मैं लाश डाल रहा हूँ और यह मुझे पकड़ नहीं पा रहे। 270 00:17:19,416 --> 00:17:21,916 तिहाड़ जेल के गेट पर एक और सिरकटी लाश कातिल की पुलिसवालों को चुनौती 271 00:17:22,000 --> 00:17:23,041 सिर के अलावा, 272 00:17:23,125 --> 00:17:25,375 लाश के हाथ, पैर और निजी अंग भी ग़ायब थे। 273 00:17:25,458 --> 00:17:27,375 पुलिस ने कहा मृतक की लाश बस एक अंगवस्त्र में मिली थी। 274 00:17:27,958 --> 00:17:30,250 [हरगोबिंदर अंग्रेज़ी में] और आखिरी वाला एक दलीप नाम का लड़का था। 275 00:17:31,583 --> 00:17:33,375 तीसरा शव दलीप 276 00:17:33,458 --> 00:17:36,666 [हरगोबिंदर अंग्रेज़ी में] वो 15-16 दिनों से चंद्रकांत के साथ ही रह रहा था। 277 00:17:36,750 --> 00:17:38,125 लेकिन वो कहता है कि 278 00:17:38,208 --> 00:17:42,625 उन 15-16 दिनों में उसका भरोसा पूरी तरह टूट गया था क्योंकि वो झूठ बोलने लगा था। 279 00:17:42,708 --> 00:17:45,708 और इस सबका नतीजा यह हुआ 280 00:17:45,791 --> 00:17:47,416 कि चंद्रकांत ने उसे अपने यहाँ रहने बुला लिया। 281 00:17:51,583 --> 00:17:53,166 ताज़ा फल 282 00:17:57,958 --> 00:18:00,208 [सुंदर] जो तीसरा क़त्ल था दलीप का, 283 00:18:00,291 --> 00:18:03,583 उसके बीच के भाग को उसने तिहाड़ जेल के बाहर फेंक दिया था। 284 00:18:03,666 --> 00:18:05,625 तिहाड़ जेल, धड़ 285 00:18:05,708 --> 00:18:10,375 और दोनों हाथों और लिंग को उसने तीस हज़ारी कोर्ट के गेट के पास फेंका था। 286 00:18:10,458 --> 00:18:11,916 तीस हज़ारी कोर्ट, हाथ और लिंग 287 00:18:12,000 --> 00:18:15,041 [सुंदर] दोनों पैरों को उसने किशनगंज नाला में फेंका था। 288 00:18:15,125 --> 00:18:16,500 किशनगंज नाला, पैर 289 00:18:16,583 --> 00:18:19,958 और आख़िर में, सिर को उसने गाज़ियाबाद में फेंका था। 290 00:18:22,375 --> 00:18:24,166 [डरावना संगीत] 291 00:18:25,083 --> 00:18:31,083 [अंग्रेज़ी में] वो कहता है कि उसने लाश पर अपनी बेटी की एक छोटी स्कर्ट लपेटी थी, 292 00:18:31,708 --> 00:18:34,708 और उसके ऊपर एक लाल कपड़ा लपेटा था। 293 00:18:34,791 --> 00:18:36,958 उसने उसे एक पॉलीथीन के थैले में रखा और फेंक दिया 294 00:18:37,041 --> 00:18:40,250 और उसे आईएसबीटी के पास यमुना नदी के दक्षिण की ओर बहने दिया। 295 00:18:49,458 --> 00:18:53,958 [अंग्रेजी में] देखिए, जिस तरह से उसने लाश के अंगों को ठिकाने लगाया, 296 00:18:54,041 --> 00:18:57,541 और जिस तरह से उसने क़बूल किया कि अतीत में उसने उनका क़त्ल किया था, 297 00:18:58,125 --> 00:19:02,125 और फिर अगला वाक्य यह कहा कि मैं भविष्य में इन चीज़ों को दोहराऊँगा। 298 00:19:02,916 --> 00:19:07,125 क्योंकि पिछले पीड़ितों को मारने के अनुभव ने 299 00:19:07,750 --> 00:19:12,875 उसके दिमाग़ में इन ज्ञानेन्द्रिय छवियों को पैदा किया होगा, 300 00:19:13,666 --> 00:19:15,583 [डॉ. एसएल अंग्रेज़ी में] जो कि बेहद परेशान करने वाला है। 301 00:19:16,083 --> 00:19:19,916 यह बहुत तेज़ गुस्से में बदल जाता है और जिससे वो कहता है, 302 00:19:20,666 --> 00:19:23,125 "मेरे ऐसा करने के लिए तुम जिम्मेदार हो।" 303 00:19:23,208 --> 00:19:25,125 [डॉ. एसएल] "तुम्हारी वज़ह से ही मैंने ऐसा किया है।" 304 00:19:27,958 --> 00:19:29,666 अब, वो बुरे एहसास को कैसे संबोधित करता है? 305 00:19:29,750 --> 00:19:32,625 क्योंकि वो यह भी जानता है कि आप एक बहुत ही काबिल अधिकारी हैं। 306 00:19:32,708 --> 00:19:36,083 अगर मैं बताऊँ, "आपने मेरे साथ दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा बर्ताव किया है।" 307 00:19:36,708 --> 00:19:38,000 आप सोचेंगे, "तुम इसी के लायक हो।" 308 00:19:38,083 --> 00:19:39,750 आप मुझे यही बताएँगे। 309 00:19:39,833 --> 00:19:43,916 यह जानते हुए भी कि मैं इसके लायक हूँ, आशा करूँगी आप मेरे साथ इंसानियत दिखाएं। 310 00:19:44,000 --> 00:19:47,833 अगर आपने ऐसा नहीं किया है, मेरा गुस्सा जायज़ है। 311 00:19:48,458 --> 00:19:51,791 लेकिन मैं साथ ही ऐसा किए बिना भी नहीं रह सकता, 312 00:19:51,875 --> 00:19:54,458 और यही वज़ह है कि वो कहता है कि वो भविष्य में ऐसा करेगा। 313 00:19:55,041 --> 00:19:58,041 [चंद्रकांत] आगे फिर तोहफ़ा समय पर भेज दूँगा। 314 00:19:58,125 --> 00:20:01,833 तुम लोगों का जीजाजी और दामाद, सीसी। 315 00:20:01,916 --> 00:20:03,375 [रहस्यपूर्ण संगीत] 316 00:20:03,458 --> 00:20:07,500 जब पूछताछ में ये बात मैंने पूछी थी उससे कि भई, तुम जो है 317 00:20:07,583 --> 00:20:10,291 ये "सी.सी." क्यों लिख रहे थे? 318 00:20:11,625 --> 00:20:14,541 [सुंदर] तो उसने कहा कि मैं अपने आप को चंद्र समझता हूँ, 319 00:20:15,125 --> 00:20:17,333 और सीसी का मतलब "चंद्र ही चंद्र" है। 320 00:20:19,541 --> 00:20:23,666 [अंग्रेज़ी में] उसका अपनी ख़ुद की पहचान विकसित करने को संबोधन का मुख्य उद्देश्य 321 00:20:23,750 --> 00:20:27,333 हमें चुनौती देना, यह देखना कि कानून प्राधिकरण उसकी काबिलियत 322 00:20:27,833 --> 00:20:30,375 और कौशल को पहचाने कि वो जो कर रहा था 323 00:20:30,458 --> 00:20:31,916 उसे बहुत ही कुशलता से कर रहा था, 324 00:20:32,500 --> 00:20:33,416 वो विफल हो गया था। 325 00:20:33,500 --> 00:20:36,625 तो वही वो समय था जब उसे यह साबित करने की ज़रूरत महसूस हुई। 326 00:20:38,166 --> 00:20:39,541 मैंने एक लाश तिहाड़ जेल 327 00:20:39,625 --> 00:20:41,750 के गेट नंबर 3 के ठीक सामने रखी है। 328 00:20:41,833 --> 00:20:44,625 सुबह 8:45 बजे 20 अक्टूबर 2006 329 00:20:44,708 --> 00:20:46,750 [अंग्रेज़ी में] ये सभी छोटे संकेत अप्रत्यक्ष तरीका है 330 00:20:47,791 --> 00:20:50,875 यह बताने का, "मैं ख़ुद को क़ाबू करने में नाकाम रहा।" 331 00:20:50,958 --> 00:20:54,625 अब, आपको बहुतों में से वो सक्षम प्राधिकारी होना चाहिए 332 00:20:54,708 --> 00:20:56,541 जो मुझे ख़ुद को क़ाबू करने में मदद कर सके। 333 00:20:57,208 --> 00:20:59,208 तो, कृपया मुझे क़ाबू में कीजिए। 334 00:20:59,291 --> 00:21:00,458 [रहस्यपूर्ण संगीत] 335 00:21:00,541 --> 00:21:05,083 [चंद्रकांत] "तुम लोगों का बाप और जीजाजी, सीसी।" 336 00:21:05,166 --> 00:21:10,125 [अंग्रेजी में] इसके साथ ही वो बहुत ही वंचित भावनात्मक माहौल, 337 00:21:10,208 --> 00:21:11,833 वंचित सामाजिक माहौल से है, 338 00:21:12,416 --> 00:21:15,083 और उसका अपने माता-पिता के साथ 339 00:21:15,625 --> 00:21:18,583 उसके पारिवारिक संबंधों में बहुत ही कम सामंजस्य है। 340 00:21:18,666 --> 00:21:22,500 मेरी माँ एक शिक्षिका थी लेकिन उसने मेरी पढ़ाई 341 00:21:22,583 --> 00:21:24,500 और जीवन की बाकी ज़रूरतों का ध्यान नहीं रखा। 342 00:21:27,083 --> 00:21:28,333 [अखिलेश] उसकी माँ शिक्षिका थी। 343 00:21:29,208 --> 00:21:31,833 लेकिन वो भी झगड़ालू स्वभाव की थी। 344 00:21:33,541 --> 00:21:35,500 हमेशा विवाद खड़ा करना, 345 00:21:37,333 --> 00:21:39,791 उसकी आप मदद भी कर रहे हैं, 346 00:21:39,875 --> 00:21:41,250 तब भी वो आपको नहीं छोड़ती। 347 00:21:42,000 --> 00:21:45,625 समय पर वो आप पर मुकदमा दायर कर देगी। 348 00:21:49,125 --> 00:21:50,583 [अखिलेश] उसका स्वभाव ही ऐसा था। 349 00:21:52,208 --> 00:21:54,125 वो ऐसी थी कि उधर किसी को डराना, 350 00:21:54,208 --> 00:21:57,750 उधर जबरदस्ती करना, उधर कुछ करना। 351 00:21:57,833 --> 00:21:59,625 वो योजना बनाती रहती थी। 352 00:22:00,375 --> 00:22:03,375 बच्चे सब अपने आप ही संभल गए। 353 00:22:03,458 --> 00:22:04,708 वो देखभाल क्या करेगी। 354 00:22:08,000 --> 00:22:09,166 [अखिलेश] तो बच्चे ख़ुद ही 355 00:22:09,875 --> 00:22:12,583 कुछ न कुछ करके खाते-पीते थे। भूखे भी रहते थे। 356 00:22:13,250 --> 00:22:14,791 [हल्का संगीत] 357 00:22:16,583 --> 00:22:18,250 [अखिलेश] उसके बाद वो चला गया… 358 00:22:19,750 --> 00:22:20,583 दिल्ली। 359 00:22:21,166 --> 00:22:22,666 कमाने-खाने के इरादे से। 360 00:22:24,166 --> 00:22:26,125 [नाटकीय संगीत] 361 00:22:33,666 --> 00:22:36,208 [अखिलेश] वहाँ भी थोड़े उलटे-सीधे काम करना शुरू किया। 362 00:22:37,791 --> 00:22:39,416 एक अपराधी को भी वहाँ मारा। 363 00:22:41,083 --> 00:22:44,625 जो वहाँ का हीरो था न, मोहल्ले का। 364 00:22:45,583 --> 00:22:47,041 होता है न, अपने-अपने क्षेत्र का, 365 00:22:47,833 --> 00:22:49,666 [अखिलेश] उस क्षेत्र का हीरो था। 366 00:22:50,833 --> 00:22:52,791 तो उससे उसकी लड़ाई हुई। 367 00:22:52,875 --> 00:22:54,625 [रहस्यपूर्ण संगीत] 368 00:22:55,958 --> 00:22:58,000 तो जो चूल्हा होता है न, भट्टी, 369 00:22:58,833 --> 00:23:01,333 खाना बनाने वाले की भट्टी। 370 00:23:01,875 --> 00:23:04,083 तो उसी को मारना शुरू किया। 371 00:23:05,250 --> 00:23:07,458 तो ये चंद्रकांत गया और पूछा, "इसे क्यों मार रहे हो?" 372 00:23:08,458 --> 00:23:12,875 [अखिलेश] तो इसी बात पर, जो अपराधी दिमाग का आदमी है वो तो सीधा सोचता नहीं 373 00:23:13,541 --> 00:23:14,875 तो बस चंद्रकांत के छुरा मार दिया। 374 00:23:17,041 --> 00:23:18,833 यहाँ से लेकर यहाँ तक ऐसे खींच दिया। 375 00:23:23,166 --> 00:23:24,583 [चीरने की आवाज़] 376 00:23:28,916 --> 00:23:31,166 [देवनारायण] हमने कहा, "पार्टनर, तुम बच कैसे गए? 377 00:23:31,250 --> 00:23:34,000 उसकी आंत सब ज़मीन पर गिर गई थीं। 378 00:23:34,083 --> 00:23:36,875 "उसको हमने हाथ से उठाया 379 00:23:36,958 --> 00:23:40,500 उठा के इसमें घुसाया, हमने गमछा से उसको बाँधा।" 380 00:23:41,541 --> 00:23:45,250 "गमछा से बाँध के, तब गए डॉक्टर के पास।" 381 00:23:45,833 --> 00:23:49,000 "तब डॉक्टर ने वहाँ उसे अंदर किया, उसको जगह पर रखा 382 00:23:49,083 --> 00:23:51,083 [देवनारायण] तब उसका ऑपेरशन हुआ। 383 00:23:52,166 --> 00:23:54,666 [रहस्यपूर्ण संगीत] 384 00:23:55,500 --> 00:23:58,458 तो जब वो बच गया न, फिर उसने कराटे सीखे। 385 00:24:00,791 --> 00:24:04,083 [अखिलेश] वो जूडो कराटे की ट्रेनिंग लेकर आया। 386 00:24:07,083 --> 00:24:09,166 तब उस पर हमला करने वाले उन तीनों लोगों को ढूंढकर मारा। 387 00:24:10,208 --> 00:24:13,958 तब ही से उसने यह सब खून-खराबा शुरू किया। 388 00:24:14,041 --> 00:24:15,250 [रहस्यपूर्ण संगीत] 389 00:24:15,333 --> 00:24:18,166 [अखिलेश] उससे पहले, वो अपने खाने-कमाने के चक्कर में रहता था। 390 00:24:21,875 --> 00:24:23,541 वो दिल्ली में रहता था। 391 00:24:25,041 --> 00:24:29,958 तो आप लोग समझेंगे या नहीं, वो पल्लेदार का काम करता था। 392 00:24:30,583 --> 00:24:34,333 आज़ादपुर मंडी 393 00:24:35,166 --> 00:24:39,166 [अखिलेश] मान लीजिए चार किलोमीटर का बाज़ार है। 394 00:24:42,541 --> 00:24:46,000 यहाँ से वहाँ तक सामान वाले ट्रकों की लाइन लगी हुई है। 395 00:24:48,375 --> 00:24:50,000 महँगी सब्जी जिसमें होती थी 396 00:24:51,166 --> 00:24:53,208 उसी ट्रक के नज़दीक वह रूकता था। 397 00:24:54,041 --> 00:24:55,708 बाकी सब पल्लेदार तो सामान उतार रहे हैं 398 00:24:55,791 --> 00:24:58,333 लेकर जा रहे हैं, गोदाम में दे रहे हैं। 399 00:25:00,375 --> 00:25:01,958 [अखिलेश] और यह सब्जी का बोरा लेता था, 400 00:25:02,041 --> 00:25:03,791 और उसे लेकर चल देता था। 401 00:25:05,041 --> 00:25:06,666 [रहस्यपूर्ण संगीत] 402 00:25:08,666 --> 00:25:11,833 उसका आदमियों के साथ जुगाड़ रहता था। 403 00:25:11,916 --> 00:25:15,291 उसके पास जाकर पीठ पर से बोरा गिरा देता था। 404 00:25:17,791 --> 00:25:20,208 [रहस्यपूर्ण संगीत] 405 00:25:27,250 --> 00:25:30,208 [अखिलेश] रात में, उसको बिकवा देता था। 406 00:25:32,875 --> 00:25:36,833 जो उसके साथ में रहता था उसको दे देता था कि इसको बेचकर ले आ। 407 00:25:37,666 --> 00:25:40,375 रात में बिक गया, पैसा सब इसके पास आता था। 408 00:25:41,583 --> 00:25:43,375 [अखिलेश] जो भी खाना है खाओ, 409 00:25:44,708 --> 00:25:46,333 पैसा किसी को नहीं देता था। 410 00:25:49,333 --> 00:25:51,708 [रहस्यपूर्ण संगीत] 411 00:25:57,875 --> 00:26:00,958 [हरगोबिंदर अंग्रेज़ी में] तो, ज़ाहिर है, हम उसका इरादा जानना चाहते थे। 412 00:26:02,208 --> 00:26:04,791 क्योंकि उसके सभी शिकार 413 00:26:05,666 --> 00:26:07,833 या तो उसके जन्म स्थान से थे, 414 00:26:08,375 --> 00:26:11,833 या फिर वो उसे दिल्ली में रहने के दौरान मिले थे, 415 00:26:12,416 --> 00:26:14,291 या वो उसे तिहाड़ जेल में मिले थे, 416 00:26:14,833 --> 00:26:21,041 या वो उसे उसकी सुनवाई के दिनों में मिले थे जब उसे कोर्ट में पेश किया जाता था। 417 00:26:21,125 --> 00:26:25,708 उनमें से कुछ बहुत ज़रूरतमंद थे, और कुछ बिल्कुल ही बेसहारा थे। 418 00:26:25,791 --> 00:26:29,833 इस तरह, कि उनके पास खाने को खाना तक नहीं था। 419 00:26:29,916 --> 00:26:33,166 तो, वो उन्हें खाने पर बुलाता था, उनसे दोस्ती करता था, 420 00:26:35,833 --> 00:26:40,458 [हरगोबिंदर] खास बात है कि यह कभी इस इरादे से शुरू नहीं हुआ कि वो उनका क़त्ल करेगा। 421 00:26:44,375 --> 00:26:48,250 [अंग्रेजी में] यह तो खासतौर से उसके 422 00:26:48,333 --> 00:26:50,916 उनके साथ जान-पहचान के दौरान, उनके साथ संगति के दौरान था, 423 00:26:51,000 --> 00:26:57,041 कि वो उन पीड़ितों की कुछ खास आदतों से नाराज़ हो जाता था। 424 00:27:01,208 --> 00:27:06,958 [हरगोबिंदर अंग्रेजी में] और वो, बेशक़, कुछ और छोटे ग़लत कदमों को बढ़ावा देता था 425 00:27:07,041 --> 00:27:09,791 जो पीड़ित उठाता था, जो और खराब होता था, 426 00:27:09,875 --> 00:27:12,625 और जहाँ उसकी उन लोगों के ख़िलाफ बहुत मज़बूत राय होती थी। 427 00:27:14,125 --> 00:27:17,500 [हरगोबिंदर] जहाँ उसे यह लगने लगता था कि यह इंसान 428 00:27:17,583 --> 00:27:20,750 इस ग्रह पर बस जैसे एक बोझ है, 429 00:27:20,833 --> 00:27:22,416 जब वो उस स्थिति पर पहुँचता था। 430 00:27:23,458 --> 00:27:25,041 [डरावना संगीत] 431 00:27:25,875 --> 00:27:28,416 [अंग्रेज़ी में] तो, यह जघन्य अपराध है। 432 00:27:35,375 --> 00:27:39,125 [अंग्रेजी में] जिस तरह से वो लाशों को यहाँ से वहाँ ले जाता था वो बहुत ही असाधारण था। 433 00:27:39,208 --> 00:27:43,791 दिल्ली की सड़कों पर 15 किलोमीटर दूर लाशों को ले जाना कोई आसान काम नहीं है। 434 00:27:44,791 --> 00:27:46,708 [हरगोबिंदर] भले ही वो तड़के सुबह का समय था… 435 00:27:46,791 --> 00:27:51,291 इसका कोई तय पैटर्न नहीं था। जैसे कोई मौसम, कोई ख़ास महीना। 436 00:27:52,083 --> 00:27:55,083 लेकिन यह जोखिम भरा था क्योंकि उसकी जाँच हो सकती थी। 437 00:27:59,958 --> 00:28:02,666 बीस मई 2007 जॉँच का तीसरा दिन 438 00:28:02,750 --> 00:28:06,125 इक्कीस - गिरफ्तारी के दूसरे दिन 439 00:28:10,416 --> 00:28:12,500 [लोगों की अस्पष्ट आवाज़ें] 440 00:28:12,583 --> 00:28:15,041 तिहाड़ जेल के बाहर इसलिए फेंकता था 441 00:28:15,125 --> 00:28:17,666 क्योंकि वो इसे सनसनी बनाना चाहता था। 442 00:28:17,750 --> 00:28:22,000 [अमित] संयुक्त आयुक्त के द्वारा एक प्रेस वार्ता की गई थी। 443 00:28:22,083 --> 00:28:26,541 तो उन्होंने प्रेस वार्ता में यह दावा किया कि जो भी तिहाड़ जेल के बाहर 444 00:28:27,291 --> 00:28:29,791 सीरियल किलिंग होकर जो लाशें मिल रही थीं 445 00:28:29,875 --> 00:28:31,750 वो केस हमने सुलझा लिए हैं। 446 00:28:31,833 --> 00:28:35,916 और यह जो क़ातिल है इसने 1998 में भी एक क़त्ल किया था, 447 00:28:36,000 --> 00:28:37,958 हालाँकि उसमें यह बरी हो चुका है। 448 00:28:38,833 --> 00:28:41,958 [अमित] पुलिस के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी उस समय 449 00:28:42,041 --> 00:28:43,583 कि इस तक पहुँच गई। 450 00:28:43,666 --> 00:28:45,708 [रहस्यपूर्ण संगीत] 451 00:28:47,916 --> 00:28:54,625 सीरियल किलर ने जघन्य अपराध को स्वीकारा 452 00:28:55,208 --> 00:28:57,375 [सुंदर] हमें तीन लाशें मिली थीं, 453 00:28:57,458 --> 00:28:59,833 जिनमें पहला क़त्ल अनिल मंडल का था, 454 00:28:59,916 --> 00:29:01,750 जो बीस अक्टूबर 2006 को किया गया था। 455 00:29:02,250 --> 00:29:06,541 दूसरी लाश उपेंद्र की थी जो 25 अप्रैल 2007 को मिली थी। 456 00:29:06,625 --> 00:29:11,625 और तीसरी लाश दलीप की थी, जो 18 मई 2007 को मिली थी। 457 00:29:13,166 --> 00:29:15,208 और उसने इसके अलावा बताया था 458 00:29:15,291 --> 00:29:19,250 कि 1998 में, उसने पंडित उर्फ़ मंगल को मारा था। 459 00:29:19,333 --> 00:29:22,250 सन 2003 में उसने शेखर को मारा था। 460 00:29:22,333 --> 00:29:25,750 और 2003 में ही उसने उमेश को मारा था। 461 00:29:25,833 --> 00:29:30,416 इसके बाद, 2005 में, उसने गुड्डू का क़त्ल किया था। 462 00:29:30,500 --> 00:29:32,166 [रहस्यपूर्ण संगीत] 463 00:29:33,916 --> 00:29:37,125 [सुंदर] और जब हमने उस अवधि, तारीख, समय, 464 00:29:37,208 --> 00:29:40,833 और जगह का पता लगाया तो वहाँ पर हमने पता किया, ये तीनों ही केस… 465 00:29:40,916 --> 00:29:42,416 2003 का तो हमें मालूम हो गया था। 466 00:29:42,500 --> 00:29:43,958 लेकिन जो दो केस थे, 467 00:29:44,041 --> 00:29:48,916 जो मुखमेलपुर नाला वाला और जो सुलभ शौचालय मंगोलपुरी बता रहा था, 468 00:29:49,000 --> 00:29:52,916 वो भी हमें मौजूद मिले और वो अनट्रेस्ड केस हो चुके थे। 469 00:29:53,000 --> 00:29:55,791 उनकी कोई शिनाख्त भी नहीं हुई थी और न ही कोई पकड़ा गया था, 470 00:29:55,875 --> 00:29:57,500 तो ये केस उसने हमें बता दिए। 471 00:29:57,583 --> 00:30:03,541 पुलिस का कहना है कि उसने सात लोगों का क़त्ल किया है 472 00:30:03,625 --> 00:30:08,916 जल्दबाज़ी में कही गई कहानी में कई मोड़ 473 00:30:09,000 --> 00:30:13,166 अब यहाँ तो केवल हमने उसको पकड़ लिया, अब पकड़ने के बाद वो कह रहा है तो 474 00:30:13,250 --> 00:30:16,916 केवल कहने से यह नहीं हो जाता कि वो क़त्ल के केस का मुल्ज़िम हो गया। 475 00:30:17,000 --> 00:30:18,666 इसके साथ में सबूत चाहिए न। 476 00:30:20,041 --> 00:30:22,208 [रहस्यपूर्ण संगीत] 477 00:30:22,833 --> 00:30:25,416 [आदमी अंग्रेज़ी में] पुलिस के सामने दिए गए बयान स्वीकार्य नहीं हैं 478 00:30:25,500 --> 00:30:30,541 जब तक कि उन बयानों से किसी एक विशेष वस्तु का पता न लग सके। 479 00:30:30,625 --> 00:30:33,083 फिर वो स्वीकार्य बन जाता है। केवल वही हिस्सा होता है। 480 00:30:33,166 --> 00:30:34,625 यह नियम है सबूत का… 481 00:30:34,708 --> 00:30:36,458 प्रकटीकरणों का। 482 00:30:36,541 --> 00:30:37,875 यह कुछ ऐसा है जो 483 00:30:37,958 --> 00:30:40,333 जाँच करने वाले अफसर की जानकारी में नहीं है 484 00:30:40,416 --> 00:30:42,875 जो जाँच करने वाले अफसर की जानकारी में आता है 485 00:30:42,958 --> 00:30:44,333 केवल खुलासे पर… 486 00:30:44,416 --> 00:30:47,125 यह जानकारी केवल आरोपी के लिए गुप्त थी। 487 00:30:47,208 --> 00:30:48,500 केवल उसे ही मालूम हो सकता था। 488 00:30:49,083 --> 00:30:51,000 [रहस्यपूर्ण संगीत] 489 00:30:51,791 --> 00:30:56,166 [सुंदर] अब, बात यह आई कि क़त्ल हो गए, 490 00:30:56,250 --> 00:30:59,833 और जाँच की रिपोर्ट आ गई, गिरफ्तारी हो गई, 491 00:30:59,916 --> 00:31:02,375 और हमारे पास में है कुछ नहीं। 492 00:31:02,458 --> 00:31:06,458 कि है कुछ नहीं कि यह सबूत का हिस्सा होता है, जो दिखाई दे तो वह मिला नहीं। 493 00:31:07,583 --> 00:31:09,583 लाश, पता नहीं किसने डाल दी, मैंने तो डाली नहीं। 494 00:31:09,666 --> 00:31:11,833 मुझे तो पीट करके तुमने रिकॉर्ड करवा लिया। 495 00:31:11,916 --> 00:31:13,458 यह कोर्ट तो हमारी बातों को 496 00:31:13,541 --> 00:31:16,375 जब मानती है, जब मैंने कहा निर्णायक सबूत आ जाता है। 497 00:31:16,958 --> 00:31:18,916 अब मुख्य बात आ गई कि 498 00:31:19,000 --> 00:31:24,000 लाशों के सारे हिस्से तो मिल गए हैं, पर खोपड़ी तीनों की नहीं मिल रही हैं। 499 00:31:24,083 --> 00:31:25,833 [रहस्यपूर्ण संगीत] 500 00:31:28,833 --> 00:31:32,458 [सुंदर] उसने बतलाया था कि खोपड़ियाँ उसने यमुना नदी में डाली हैं। 501 00:31:33,083 --> 00:31:35,083 और वो भी हमें बरामद करनी हैं। 502 00:31:37,458 --> 00:31:39,125 तो, हमें फिर वहाँ इंतज़ाम करना पड़ा। 503 00:31:39,208 --> 00:31:41,458 हमें नावें लेनी पड़ीं, गोताखोर लेने पड़े। 504 00:31:41,541 --> 00:31:44,416 बहुत मेहनत की हमने जहाँ उसने बताया था। 505 00:31:44,500 --> 00:31:46,333 [रहस्यपूर्ण संगीत] 506 00:31:47,958 --> 00:31:50,125 [सुंदर] चंद्रकांत हमें एक जगह ले गया 507 00:31:50,208 --> 00:31:52,625 जहाँ से उसने बतलाया कि यहाँ से उसने खोपड़ी फेंकी थी। 508 00:31:53,541 --> 00:31:55,041 इसका अंदाज़ लगाने के लिए… 509 00:31:55,125 --> 00:31:59,125 यहाँ तक कि हमने उस वज़न के पत्थर को फेंक कर देखा कि यहाँ तक जा सकता है। 510 00:31:59,208 --> 00:32:01,000 ज़्यादा से ज़्यादा यह वहाँ तक फेंक सकता है। 511 00:32:01,916 --> 00:32:04,166 [सुंदर] वहाँ से नाव में शुरूआत की। 512 00:32:04,250 --> 00:32:06,333 [चिड़ियाओं के फड़फड़ाने और चहचहाने की आवाज़] 513 00:32:07,791 --> 00:32:09,208 [रहस्यपूर्ण संगीत] 514 00:32:12,875 --> 00:32:14,833 मैं यहाँ एक बात बताऊँ 515 00:32:14,916 --> 00:32:16,833 कि वास्तव में 516 00:32:16,916 --> 00:32:19,791 वो बहुत सतर्क था। यह मैंने जाँच में आगे पाया। 517 00:32:19,875 --> 00:32:22,875 कि वो हमें बता भी रहा था। 518 00:32:24,125 --> 00:32:26,125 [सुंदर] वहाँ मुझे सबूत जुटाना था, 519 00:32:26,208 --> 00:32:28,875 और वह मुझे चीज़ें बताने के साथ-साथ बहका भी रहा था। 520 00:32:30,166 --> 00:32:32,041 [रहस्यपूर्ण संगीत] 521 00:32:33,791 --> 00:32:36,458 दो-तीन दिन तक हम, मतलब आप यह कहेंगे 522 00:32:36,541 --> 00:32:40,958 कि निरपवाद रूप से एक-एक कण को हम ढूँढ़ रहे थे। 523 00:32:41,041 --> 00:32:43,041 [सुंदर] लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। 524 00:32:44,541 --> 00:32:46,125 [लोगों की अस्पष्ट आवाज़ें] 525 00:32:48,625 --> 00:32:53,083 [सुंदर] और मच्छर और गंदगी चारों तरफ यमुना नदी के, बहुत ज़्यादा बदबू। 526 00:32:54,041 --> 00:32:56,333 पानी भी बहुत कम हो गया था। 527 00:32:57,541 --> 00:33:01,250 वहाँ एक-दो कुत्ते तैरते हुए आए। 528 00:33:01,333 --> 00:33:05,625 [सुंदर] और वो एक तरफ से पानी में तैरते हुए दूसरी तरफ निकल गए। 529 00:33:05,708 --> 00:33:07,708 [रहस्यपूर्ण संगीत] 530 00:33:07,791 --> 00:33:09,708 मेरे दिमाग़ में यह आया… 531 00:33:09,791 --> 00:33:13,125 यह बात कि ये कुत्ते जब यहाँ इस पानी में घुस सकते हैं 532 00:33:13,208 --> 00:33:15,500 तो क्या कुत्ते खोपड़ी को लेकर नहीं जा सकते? 533 00:33:16,208 --> 00:33:17,666 [रहस्यपूर्ण संगीत] 534 00:33:20,291 --> 00:33:23,083 [सुंदर] हमने वो नदी के पास नागफनी होती हैं 535 00:33:23,166 --> 00:33:25,416 उन पौधों में तलाश करना शुरू कर दिया। 536 00:33:25,500 --> 00:33:28,666 तलाश करना शुरू किया तो साँप निकल रहे हैं, कुछ निकल रहा है, लेकिन हमने जारी रखा। 537 00:33:29,500 --> 00:33:31,125 [रहस्यपूर्ण संगीत] 538 00:33:31,208 --> 00:33:34,875 [सुंदर] तो इतने में लड़कों ने शोर मचाया, "मिल गई!" 539 00:33:35,416 --> 00:33:38,875 तो हम जल्दी ख़ुश होकर वहाँ पहुँचे, वहाँ देखा 540 00:33:38,958 --> 00:33:41,375 [सुंदर] तो जो चीज़ें उसने बताई थी वो चीज़ें उसके साथ में ही थीं। 541 00:33:42,333 --> 00:33:44,791 [रहस्यपूर्ण संगीत] 542 00:33:52,875 --> 00:33:54,583 तेईस मई 2007 तीसरी लाश मिलने के पाँच दिन बाद 543 00:33:54,666 --> 00:33:56,166 [सुंदर] मैं यहाँ बता रहा हूँ 544 00:33:56,250 --> 00:33:59,125 कि वो मुझे फिर धोखा दे रहा था, मुझे बेवकूफ़ बना रहा था। 545 00:33:59,208 --> 00:34:01,541 यह जो खोपड़ी बरामद की थी 546 00:34:01,625 --> 00:34:05,833 अठारह मई को जो क़त्ल किया था दलीप का, उसकी खोपड़ी बता रहा था। 547 00:34:06,666 --> 00:34:08,958 [रहस्यपूर्ण संगीत] 548 00:34:09,041 --> 00:34:10,666 [सुंदर] यह दलीप वाली खोपड़ी कैसे 549 00:34:10,750 --> 00:34:12,708 हो सकती है क्योंकि यह सूखी खोपड़ी है। 550 00:34:14,125 --> 00:34:18,833 उसमें कोई मांस, मज्जा, खून कुछ नहीं। बाल-वाल कुछ नहीं थे। 551 00:34:18,916 --> 00:34:21,291 अब दलीप वाले केस की तो बिल्कुल ताज़ी खोपड़ी थी। 552 00:34:21,375 --> 00:34:24,750 कहने का मतलब यह कि 18 मई की बात है न। 553 00:34:24,833 --> 00:34:26,833 पाँच दिन में ही कुत्ते भी खा लेंगे, 554 00:34:26,916 --> 00:34:29,291 तो खून और मज्जा थोड़े-थोड़े तो रहते ही रहते हैं। 555 00:34:29,375 --> 00:34:30,791 लेकिन वो तो बिल्कुल सूखी खोपड़ी थी। 556 00:34:30,875 --> 00:34:32,916 [रहस्यपूर्ण संगीत] 557 00:34:33,583 --> 00:34:38,041 [सुंदर] मैंने वहाँ अपना दिमाग लगाया जब यह खोपड़ी हमें बरामद नहीं हो सकी, 558 00:34:38,125 --> 00:34:39,250 बहुत प्रयास किए गए। 559 00:34:40,333 --> 00:34:42,750 लेकिन मैंने कहा, "हम एक निवेदन करेंगे। 560 00:34:43,708 --> 00:34:48,750 उन्हें एक निवेदन किया जाए कि सभी अंगों, 561 00:34:48,833 --> 00:34:54,583 लाशों, और उनकी खोपड़ियों, और इनके सबके डीएनए की जाँच की जाए। 562 00:34:54,666 --> 00:34:56,625 [रहस्यपूर्ण संगीत] 563 00:34:57,333 --> 00:35:02,208 [सुंदर] तीनों ही केसों को अब हम संयुक्त जाँच मानकर यहाँ से लेकर चल रहे थे। 564 00:35:02,291 --> 00:35:04,500 और यह फॉरेंसिक लैब में हमने जमा कर दिया। 565 00:35:07,875 --> 00:35:12,791 [अंग्रेज़ी में] डीएनए मिलान सुनने में बहुत कूल लगता है, लेकिन … 566 00:35:13,708 --> 00:35:15,791 अगर आपको एक अज्ञात शव मिलता है, 567 00:35:16,375 --> 00:35:19,625 आपको उस इंसान का डीएनए पता चल जाएगा। 568 00:35:19,708 --> 00:35:21,458 आप इसे भविष्य के लिए सहेज कर रखेंगे। 569 00:35:21,541 --> 00:35:24,500 मान लीजिए आपको एक लाश मिली। 570 00:35:24,583 --> 00:35:27,416 लेकिन आपके पास डीएनए का राष्ट्रीय डेटाबसेस नहीं है। 571 00:35:27,500 --> 00:35:32,166 जहाँ आप इसका मिलान कर सकें, और इंसान की पहचान का पता लगा सकें। 572 00:35:32,250 --> 00:35:36,708 लेकिन यह तभी था जब आखिरकार चंद्रकांत झा को पकड़ा गया 573 00:35:36,791 --> 00:35:38,666 और जब उससे पूछताछ की गई, 574 00:35:39,166 --> 00:35:44,208 और वह जो कुछ बता रहा था हम उससे उसका मिलान कर सकते थे। 575 00:35:44,291 --> 00:35:46,458 [रहस्यपूर्ण संगीत] 576 00:35:49,833 --> 00:35:51,291 [सुंदर] एक तरकीब यह भी होती है 577 00:35:51,375 --> 00:35:55,583 कि आरोपी को ही मजबूर करते हैं तू बोल रहा है सच बोल रहा है, साबित कर। 578 00:35:55,666 --> 00:35:57,208 तो यह तरकीब भी आज़माई। 579 00:35:58,166 --> 00:35:59,333 अब यहाँ, वो, 580 00:35:59,416 --> 00:36:04,500 मैं फिर बता रहा हूँ कि सारी चीज़ें बिल्कुल सबूत के साथ बता रहा था। 581 00:36:04,583 --> 00:36:07,916 लेकिन मुझे यह भी ज्ञान था कि यह यहाँ तो बता रहा है, 582 00:36:08,000 --> 00:36:10,500 लेकिन कोर्ट में और सबूत के लिहाज़ से ये पलटेगा। 583 00:36:10,583 --> 00:36:12,833 क्योंकि पहले अपराधी रह चुका है। 584 00:36:12,916 --> 00:36:15,541 तो, वहाँ उसने हमें रास्ता दिखाया 585 00:36:15,625 --> 00:36:18,500 और फिर हम हैदरपुर कॉलोनी में गए। हम सारी टीम को ले गए। 586 00:36:18,583 --> 00:36:21,583 [रहस्यपूर्ण संगीत] 587 00:36:22,875 --> 00:36:26,041 हैदरपुर कॉलोनी 588 00:36:26,125 --> 00:36:28,000 [रहस्यपूर्ण संगीत] 589 00:36:28,083 --> 00:36:32,416 [सुंदर] वो मकान ऐसा था जहाँ पर 20-30 कमरे बने हुए थे। 590 00:36:33,416 --> 00:36:36,083 उस समय पर कोई लोग वहाँ पर नहीं थे। 591 00:36:36,750 --> 00:36:39,041 हो सकता है वो मजदूर लोग होंगे, वो आठ-नौ बजे के बाद में 592 00:36:39,125 --> 00:36:41,625 अपने मजदूर कारखाने में काम करने आए होंगे। 593 00:36:42,333 --> 00:36:45,416 राम सीता 594 00:36:45,500 --> 00:36:48,708 सीता राम 595 00:36:51,250 --> 00:36:53,791 [सुंदर] अंदर जाकर देखते हैं कि एक बहुत ही 596 00:36:54,625 --> 00:36:56,958 अजीब ही तरह की बदबू आ रही थी। 597 00:36:57,041 --> 00:37:00,541 बहुत गंदी बदबू आ रही थी। गंदा, मैला-कुचला सा मकान था। 598 00:37:00,625 --> 00:37:03,000 और वहाँ पर तीन चाकू गिरे हुए थे। 599 00:37:03,083 --> 00:37:06,458 हथियार (चाकू) 600 00:37:06,541 --> 00:37:08,416 [सुंदर] जब उन चाकुओं को हमने उठाया, 601 00:37:08,500 --> 00:37:11,875 तो वहाँ कुछ बूँदें हमें खून की दिखाई दे रही थीं। 602 00:37:12,458 --> 00:37:14,791 [रहस्यपूर्ण संगीत] 603 00:37:17,958 --> 00:37:20,333 [सुंदर] सारे खून की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई। 604 00:37:21,625 --> 00:37:24,666 चाकू को सील और जब्त फॉरेंसिक वालों ने किया। 605 00:37:24,750 --> 00:37:28,291 जहाँ पर खून लगा हुआ था उस फर्श को तोड़कर के नमूना लिया। 606 00:37:30,666 --> 00:37:33,041 [रहस्यपूर्ण संगीत] 607 00:37:33,125 --> 00:37:35,833 रूई से उनको घिस-घिस करके जहाँ भी 608 00:37:35,916 --> 00:37:39,458 संभावित खून हो सकता था उनका नमूना लिया। 609 00:37:39,541 --> 00:37:43,291 इसके बाद उसने एक मोबाइल फ़ोन बताया जो अलमारी में रखा हुआ था, 610 00:37:43,375 --> 00:37:45,583 उस अलमारी में से मोबाइल फ़ोन लिया हमने। 611 00:37:45,666 --> 00:37:48,875 फिर एक दीवार पर जो है उसने नाम लिखे हुए थे दो-तीन। 612 00:37:48,958 --> 00:37:50,958 [रहस्यपूर्ण संगीत] 613 00:37:51,041 --> 00:37:52,625 [सुंदर] तो उससे पूछा, "ये कौन हैं?" 614 00:37:52,708 --> 00:37:56,625 बोला, "ये जानकार हैं, इनके भी जानकार हैं। मेरे भी जानकार हैं। उनके फ़ोन नंबर हैं।" 615 00:37:58,000 --> 00:38:01,416 और साथ में, इसका मोबाइल फ़ोन, ख़ुद का मोबाइल फ़ोन नंबर था 616 00:38:01,500 --> 00:38:06,791 हमें वो फ़ोन भी मिला जो हम ट्रैक कर रहे थे। 617 00:38:06,875 --> 00:38:09,791 [रहस्यपूर्ण संगीत] 618 00:38:13,416 --> 00:38:15,916 अब हमारे पास में 619 00:38:16,666 --> 00:38:19,541 गिरफ्तारी के लिए बहुत सारे सबूत आ चुके थे। 620 00:38:20,333 --> 00:38:22,750 पहले क्या होता है कि हमें एफआईआर दर्ज करने से पहले 621 00:38:22,833 --> 00:38:25,416 घटक देखने पड़ते हैं। वो एफआईआर में हो चुका। 622 00:38:25,500 --> 00:38:27,750 उसके बाद गिरफ्तारी से पहले… 623 00:38:27,833 --> 00:38:29,375 ऐसे नहीं कि जिसको चाहे गिरफ्तार कर लिया। 624 00:38:29,458 --> 00:38:31,916 जब तक गिरफ्तारी के ठोस कारण नहीं आएँगे तब तक गिरफ्तार नहीं होता। 625 00:38:32,000 --> 00:38:35,291 अब मेरे पास गिरफ्तारी के कारण आ चुके थे, उसकी पूछताछ से 626 00:38:35,375 --> 00:38:38,583 और साक्ष्य मूल्यों से कि हाँ, यह मोबाइल फ़ोन उसी का है। 627 00:38:38,666 --> 00:38:44,125 [सुंदर] वो जो तीन चाकू हैं, वो पड़े हुए हैं, खून भी मिल चुका है। 628 00:38:44,208 --> 00:38:48,500 और इसने जो बताया, उन चीज़ों में हमें समानताएँ मिल रही हैं। 629 00:38:48,583 --> 00:38:52,166 कहने का मतलब, उस समय पर, गिरफ्तारी के कारण थे। 630 00:38:52,250 --> 00:38:54,041 [लोगों की अस्पष्ट आवाज़ें] 631 00:38:56,208 --> 00:38:57,625 -यहाँ आओ। -पीछे हो जाओ। 632 00:38:57,708 --> 00:38:59,791 -अरे, हमने ख़ुद बात करनी थी… -[पत्रकार] माइक! 633 00:38:59,875 --> 00:39:01,125 -मैं यह… -[पत्रकार] चंद्रकांत, बताओ। 634 00:39:01,208 --> 00:39:04,291 मैं मीडिया से यह पूछना चाहता हूँ कि आप लोग ग़लत ख़बर क्यों छापते हो? 635 00:39:04,375 --> 00:39:07,750 -[पत्रकार] नहीं, पहले बताओ। यह सब सच है! -आप पहले मेरे सवाल का जवाब दो न। 636 00:39:07,833 --> 00:39:09,875 -मैं तो सच ही बता रहा हूँ शुरू से। -[पत्रकार] सच क्या है? 637 00:39:09,958 --> 00:39:14,416 पहले आप यह बताओ, हमारे सवाल का जवाब दो कि आप लोग… 638 00:39:14,500 --> 00:39:18,666 [पत्रकार] तुमको लगता है ख़बर ग़लत चल रही है तो यह तुम्हारी गलती है तुमने सच नहीं बोला! 639 00:39:18,750 --> 00:39:20,333 आपने तब मुझसे पूछ कर छापा था? 640 00:39:20,416 --> 00:39:23,833 मैं कहाँ से पकड़ाया हूँ यह आपको मालूम है या मुझे मालूम है, यह बताओ? 641 00:39:23,916 --> 00:39:27,291 -[पत्रकार] सच क्या है? -मैं कहाँ से पकड़ाया हूँ यह मुझे मालूम है। 642 00:39:27,375 --> 00:39:29,833 -[पत्रकार] तुमने ये चारों क़त्ल क्यों किए? -क्या? 643 00:39:29,916 --> 00:39:33,291 क़त्ल हो सकता है हमने चार से भी ज़्यादा किये हों, आपको कैसे मालूम चार ही हैं? 644 00:39:33,375 --> 00:39:34,750 [पत्रकार] तो जानकारी दो अपनी कुछ। 645 00:39:34,833 --> 00:39:36,500 वो मैं कोर्ट को बताऊँगा या आपको बताऊँगा? 646 00:39:39,458 --> 00:39:42,208 [रहस्यपूर्ण संगीत] 647 00:39:52,375 --> 00:39:54,791 अगली तस्वीरें कथित रूप से चंद्रकांत के कैमरे से ली गई थीं। 648 00:39:54,875 --> 00:39:56,833 और घोषई के बाहर वाले किसी भी इंसान ने कभी नहीं देखीं। 649 00:39:56,916 --> 00:39:59,125 यहाँ तक कि पुलिस ने भी नहीं। 650 00:39:59,208 --> 00:40:01,541 [कैमरे के फ्लैश की आवाज़] 651 00:40:05,208 --> 00:40:07,208 [कैमरे के फ्लैश की आवाज़ जारी] 652 00:40:54,208 --> 00:40:56,500 [थीम संगीत] 653 00:42:54,083 --> 00:42:55,833 संवाद अनुवादक: प्रीति भारद्वाज