1 00:00:14,458 --> 00:00:17,041 हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार 2 00:00:37,708 --> 00:00:42,333 हुज़ूर, चार दिन हो गए हैं। ऐसे ही बुत बनी बैठी है। 3 00:00:43,541 --> 00:00:45,375 और कुछ नहीं, तो कम से कम रो ही ले। 4 00:00:46,125 --> 00:00:48,916 कहां आपा ने इन्हें हुज़ूर बनाने का ख़्वाब देखा था। 5 00:00:49,500 --> 00:00:50,916 और इन्होंने निकाह का। 6 00:00:52,083 --> 00:00:54,125 किस्मत ने दोनों ही ख़्वाब तोड़ दिए। 7 00:00:56,500 --> 00:00:57,708 हम दरगाह जा रहे हैं। 8 00:00:58,416 --> 00:01:00,625 आलम को होश आ जाए, तो हमें ख़बर कीजिएगा। 9 00:01:02,000 --> 00:01:04,625 सत्तो, चलिए। जी, हुज़ूर। 10 00:01:07,291 --> 00:01:10,625 फत्तो बी, बच्ची को अफ़ीम चटवा दीजिए। 11 00:01:10,833 --> 00:01:12,375 ये आप क्या कह रही हैं, खाला जान? 12 00:01:12,375 --> 00:01:13,833 तर्जुबे से कह रहे हैं, बिब्बो। 13 00:01:15,458 --> 00:01:17,041 इस दर्द से कोई छुटकारा नहीं। 14 00:01:18,541 --> 00:01:19,833 कम से कम सो तो पाएगी। 15 00:01:21,083 --> 00:01:24,875 एक बार अफ़ीम का सहारा ले लिया तो ज़िंदगी भर लेना पड़ेगा। 16 00:01:25,833 --> 00:01:27,916 हम आलम को लज्जो आपा नहीं बनने देंगे। 17 00:01:29,833 --> 00:01:31,958 फत्तो बी, इकबाल से कहिए, बग्घी तैयार करे। 18 00:01:33,250 --> 00:01:34,666 आलम हमारे साथ जाएंगी। 19 00:01:36,041 --> 00:01:36,875 कहाँ? 20 00:01:49,875 --> 00:01:51,583 हम आलम को यहाँ क्यों लाए हैं? 21 00:01:52,708 --> 00:01:54,416 मोहब्बत भले ही अधूरी रह जाए, 22 00:01:55,458 --> 00:01:57,000 ग़म मुकम्मल होना चाहिए। 23 00:01:59,416 --> 00:02:03,583 एक बार रो लेंगी, तो अपनी हक़ीकत को जी पाएँगी। 24 00:02:17,708 --> 00:02:19,208 एक बार देख लीजिए 25 00:02:21,416 --> 00:02:23,000 दीवाना बना दीजे 26 00:02:24,250 --> 00:02:25,875 जलने को हैं तैयार हम 27 00:02:27,458 --> 00:02:29,000 परवाना बना दीजे 28 00:02:45,166 --> 00:02:47,291 ताजदार की मौत कैसे हुई? 29 00:02:47,541 --> 00:02:49,083 जो हुआ बहुत बुरा था। 30 00:02:49,083 --> 00:02:51,291 आपका मतलब, जिस तरह से मेरा बेटा मरा? 31 00:02:54,375 --> 00:02:57,500 नहीं। उसे मारा गया है। 32 00:02:59,250 --> 00:03:01,000 यहाँ सीने पर गोली मारी गई उन्हें। 33 00:03:02,041 --> 00:03:05,541 बड़ी संगीन ग़लती हुई हमसे, कार्टराईट साहब, जो आप पर भरोसा किया। 34 00:03:06,166 --> 00:03:07,583 दरख़्वास्त की थी हमने आपसे, 35 00:03:08,625 --> 00:03:11,458 कि आप उसको कुछ रोज़ अपनी हिफ़ाज़त में रखें। 36 00:03:12,333 --> 00:03:13,750 वो उस तवायफ को भूल जाता। 37 00:03:14,666 --> 00:03:16,041 आज़ादी के जुनून को भूल जाता। 38 00:03:16,541 --> 00:03:18,166 अशफाक, मुझे समझाने दो। 39 00:03:18,375 --> 00:03:21,750 ताजदार मेरा इकलौता बेटा था, मिस्टर कार्टराईट। 40 00:03:24,625 --> 00:03:26,208 और आपने उसे मार डाला। 41 00:03:27,250 --> 00:03:30,333 नहीं। यह बागियों का काम है। 42 00:03:30,750 --> 00:03:32,666 आपके बेटे को बागियों ने मारा। 43 00:03:36,541 --> 00:03:38,166 बागियों ने इस बार पुलिस स्टेशन पर हमला किया 44 00:03:38,166 --> 00:03:42,208 वही बागी, जिनके साथ आपका बेटा देशभक्ति के नारे लगाता था। 45 00:03:42,541 --> 00:03:44,333 उन्होंने ही उसकी जान ले ली। 46 00:03:44,791 --> 00:03:46,916 बागी अपने ही किसी साथी को क्यों मारेंगे? 47 00:03:47,500 --> 00:03:52,041 उन्हें डर था कि ताजदार अपने साथियों का नाम ना बता दे। 48 00:03:52,458 --> 00:03:53,750 इसलिए उन्होंने उसे मारा। 49 00:03:54,958 --> 00:03:58,125 इन बागियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया। 50 00:03:58,750 --> 00:04:00,750 आपके बेटे की हिफ़ाज़त करते हुए 51 00:04:00,750 --> 00:04:03,291 मेरे दो सबसे अच्छे आदमियों की जान चली गई। 52 00:04:03,541 --> 00:04:05,000 आप कहाँ थे? 53 00:04:06,083 --> 00:04:08,791 बलालगंज में दंगे हो गए थे। 54 00:04:10,000 --> 00:04:14,833 हमें जाना पड़ा। यह बागियों ने किया ताकि ताजदार तक पहुँच पाएँ। 55 00:04:15,666 --> 00:04:20,208 जानते हैं इन बागियों के पास हथियार खरीदने का पैसा कहाँ से आता है? 56 00:04:23,083 --> 00:04:23,916 आपसे। 57 00:04:25,000 --> 00:04:27,500 आप जैसे नवाब हीरामंडी में 58 00:04:28,291 --> 00:04:30,916 तवायफों पर दौलत लुटाते हैं। 59 00:04:31,541 --> 00:04:36,333 और वो तवायफें उस दौलत को बागियों तक पहुंचाती हैं। 60 00:04:37,750 --> 00:04:42,666 ये मल्लिकाजान और बिब्बोजान और वो सारी कमबख्त जान, 61 00:04:44,041 --> 00:04:45,541 वो ज़िम्मेदार हैं। 62 00:04:46,708 --> 00:04:49,458 कौन ज़िम्मेवार है, कौन नहीं, क्या फ़र्क पड़ता है। 63 00:04:50,500 --> 00:04:55,166 अपने जवान बेटे के जनाज़े को कंधा दिया है हमने। 64 00:04:58,625 --> 00:05:03,250 और दुनिया में उससे भारी बोझ कोई नहीं होता। 65 00:05:33,291 --> 00:05:34,208 आपने बुलाया? 66 00:05:36,458 --> 00:05:38,791 हाँ। बैठिए। 67 00:05:43,208 --> 00:05:44,250 आप ठीक हैं? 68 00:05:46,166 --> 00:05:48,583 - आलम के साथ जो हुआ वो-- - आलम के साथ जो हुआ, 69 00:05:49,458 --> 00:05:50,458 अच्छा नहीं हुआ। 70 00:05:51,458 --> 00:05:52,708 और उसके ज़िम्मेदार हम हैं। 71 00:05:53,541 --> 00:05:54,916 आप अकेली नहीं खाला जान। 72 00:05:56,375 --> 00:05:57,583 हम भी ज़िम्मेदार हैं। 73 00:05:59,583 --> 00:06:02,416 दूसरों की खुशी छीनकर अपनी खुशी ढूंढने चले थे। 74 00:06:06,916 --> 00:06:09,916 इसे ढूंढ रही थीं, न। शाही महल की चाबियाँ। 75 00:06:11,625 --> 00:06:12,875 आज से ये आपकी हुई। 76 00:06:18,375 --> 00:06:20,333 इन चाबियों के लिए इतनी जंग हुई। 77 00:06:21,541 --> 00:06:23,208 और आज इन्हें यूं ही दे रही हैं? 78 00:06:24,208 --> 00:06:28,625 कोई अज़ीज़ वारिस होने के लायक नहीं, तो दुश्मन को वारिस बना रहे हैं हम। 79 00:06:30,041 --> 00:06:33,416 बेशक, आप हमसे जीत नहीं पाईं। लेकिन, आपकी कोशिश... 80 00:06:35,416 --> 00:06:37,125 काबिल-ए-तारीफ़ थी। 81 00:06:38,791 --> 00:06:41,250 आलम और बिब्बो हमसे तो जनी, लेकिन... 82 00:06:42,666 --> 00:06:44,666 दिल से वो कभी तवायफ थी ही नहीं। 83 00:06:47,625 --> 00:06:50,041 हमारे बाद अगर किसी के पास, 84 00:06:50,625 --> 00:06:54,125 साज़िश, फ़रेब, चालबाज़ी और कमीनापन है, 85 00:06:56,125 --> 00:06:57,541 तो सिर्फ़ आप में। 86 00:06:57,958 --> 00:07:01,625 और क्या। शराफ़त के लिए शरीफ़ज़ादियाँ हैं, न। 87 00:07:08,541 --> 00:07:09,375 फरीदन, 88 00:07:11,041 --> 00:07:14,166 ऊपर वाले ने दोनों हाथों से दुश्मन दिए हैं। 89 00:07:14,916 --> 00:07:18,291 अंग्रेज़, नवाब, वक्त। 90 00:07:19,208 --> 00:07:20,833 सब दुश्मन बन बैठे हैं। 91 00:07:22,708 --> 00:07:24,541 इस वक्त भी हम एक न हुए, न, 92 00:07:25,791 --> 00:07:27,250 हम मिट जाएंगे। 93 00:07:28,208 --> 00:07:30,583 आप और हम मिट जाएं, हमें कोई ग़म नहीं। 94 00:07:31,083 --> 00:07:34,958 लेकिन, हीरामंडी का वजूद मिट जाए, 95 00:07:37,291 --> 00:07:38,750 ये हमें मंज़ूर नहीं। 96 00:07:40,708 --> 00:07:41,541 हमें भी नहीं। 97 00:07:48,208 --> 00:07:49,041 चाबियाँ? 98 00:07:52,041 --> 00:07:54,250 ये चाबियाँ तो आपसे छीनकर ही लेंगे। 99 00:08:09,958 --> 00:08:11,583 आपा! 100 00:08:11,958 --> 00:08:14,125 वहीदा खाला। हमारी अम्मी? 101 00:08:14,541 --> 00:08:16,083 हमारी अम्मी को क्या हुआ? 102 00:08:16,291 --> 00:08:17,500 आपा! 103 00:08:17,833 --> 00:08:23,083 सत्तो, फत्तो, वहीदा! रेहाना आपा ने ख़ुदकुशी कर ली! 104 00:08:23,708 --> 00:08:25,750 चलो। फरीदन, चलो! 105 00:08:27,291 --> 00:08:31,083 जब तक शहर का माहौल ठीक नहीं होता, छिपे रहना ही बेहतर है। 106 00:08:31,333 --> 00:08:33,166 लेकिन, ये सब हथियार लेकर हम जाएंगे कहाँ? 107 00:08:33,166 --> 00:08:36,583 हीरामंडी। वहाँ बागियों को ढूंढने पुलिस कभी नहीं आएगी। 108 00:08:36,958 --> 00:08:37,791 क्यों? 109 00:08:39,000 --> 00:08:41,291 हीरामंडी की तवायफें लाहौर की रानियां हैं। 110 00:08:41,750 --> 00:08:43,708 और रानी के महल में छापे नहीं पड़ते। 111 00:08:45,875 --> 00:08:48,250 दुनिया आपके बग़ावत के किस्से दोहराएगी। 112 00:08:49,083 --> 00:08:50,250 हम तवायफों के नहीं। 113 00:08:52,250 --> 00:08:54,583 हमारी क़ुर्बानी तारीख भले ही भूल जाए। 114 00:08:55,250 --> 00:08:57,166 ये मिट्टी हमें हमेशा याद रखेगी। 115 00:08:58,375 --> 00:08:59,541 हम आपकी कुर्बानियों का-- 116 00:08:59,541 --> 00:09:01,333 दरवाज़ा खोलो! 117 00:09:01,625 --> 00:09:03,291 खोलो दरवाज़ा! वक्त आ गया है। 118 00:09:03,958 --> 00:09:05,375 मरेंगे नहीं, मारेंगे। 119 00:09:11,000 --> 00:09:12,833 - इंकलाब! - ज़िंदाबाद! 120 00:09:23,083 --> 00:09:24,333 ले। 121 00:09:24,708 --> 00:09:26,291 अभी तो जीत गया, न? ये देख। 122 00:09:29,166 --> 00:09:31,666 अब तो आ गया, न। 123 00:09:33,458 --> 00:09:34,416 कौन है वहाँ? 124 00:09:37,291 --> 00:09:38,916 अरे, कौन है वहाँ? बाहर आओ! 125 00:09:42,291 --> 00:09:43,208 बाहर निकलो! 126 00:09:43,833 --> 00:09:45,250 आप सब लोग निकलिए। 127 00:09:45,541 --> 00:09:46,875 - इन्हें मैं संभालता हूँ। - बाहर निकलो, 128 00:09:46,875 --> 00:09:48,583 - नहीं तो गोली मार दूंगा। - रिज़वान, पागल मत बन। 129 00:09:48,583 --> 00:09:50,208 - गुरदास छोड़। मैं संभालता हूँ। - रिज़वान! 130 00:09:50,208 --> 00:09:51,375 - बाहर निकलो! - छोड़ मुझे! 131 00:09:51,833 --> 00:09:53,166 - रिज़वान! इंकलाब! 132 00:09:53,875 --> 00:09:55,166 - ज़िंदाबाद! - रुक जाओ। 133 00:09:55,958 --> 00:09:58,250 इंकलाब ज़िंदाबाद! 134 00:09:58,666 --> 00:10:00,958 - इंकलाब ज़िंदाबाद! - रुक जाओ! 135 00:10:01,375 --> 00:10:03,541 इंकलाब ज़िंदाबाद! 136 00:10:04,166 --> 00:10:08,291 गोली चला देंगे, रुक जाओ! इंकलाब ज़िंदाबाद! 137 00:10:08,916 --> 00:10:11,666 अपनी जान की परवाह है तो रुक जा! चलिए, जल्दी। 138 00:10:11,666 --> 00:10:13,958 इंकलाब ज़िंदाबाद! 139 00:10:14,916 --> 00:10:16,208 - आइए। - चलिए। 140 00:10:16,375 --> 00:10:17,875 इंकलाब ज़िंदाबाद! 141 00:10:17,875 --> 00:10:19,708 जल्दी। जल्दी करिए। आइए। 142 00:10:21,541 --> 00:10:22,375 इंकलाब! 143 00:10:25,291 --> 00:10:27,000 रिज़वान! रिज़वान! 144 00:10:28,000 --> 00:10:28,833 पकड़ो इसे। 145 00:10:28,833 --> 00:10:30,000 मार दिया रिज़वान को। 146 00:10:30,000 --> 00:10:31,916 मरा नहीं है वो, शहीद हुआ है। 147 00:10:32,333 --> 00:10:33,375 शहीद हुआ है वो। 148 00:10:33,541 --> 00:10:35,875 ला इलाहा इल्लल्लाह। 149 00:10:36,833 --> 00:10:39,250 मोहम्मद-उर-रसूलल्लाह। 150 00:10:40,416 --> 00:10:44,750 ला इलाहा इल्लल्लाह, मोहम्मद-उर-रसूलल्लाह। 151 00:10:51,208 --> 00:10:52,250 आइए, जल्दी कीजिए। 152 00:10:52,583 --> 00:10:55,250 ये चोर नहीं हैं कि इन्हें तहखाने में ले जाया जाए। 153 00:10:57,125 --> 00:11:00,083 बल्कि इस मुल्क की आज़ादी के मुजाहिदीन हैं। 154 00:11:01,000 --> 00:11:03,958 इन्हें लज्जो के कमरे में ठहराइए। बाइज़्ज़त। 155 00:11:10,083 --> 00:11:11,083 सत्तो, फत्तो। 156 00:11:15,416 --> 00:11:17,125 चुप कर मरजानिए। हुज़ूर हैं। 157 00:11:17,791 --> 00:11:18,625 खाना बनाओ। 158 00:11:19,500 --> 00:11:21,041 अभी? आपके लिए? 159 00:11:22,000 --> 00:11:24,083 - आठ लोगों के लिए। - जी? 160 00:11:27,291 --> 00:11:30,333 क्या हुआ, बिब्बो? आप सब खाना क्यों नहीं खा रहे हैं? 161 00:11:32,208 --> 00:11:33,041 कैसे खाएँ? 162 00:11:34,083 --> 00:11:38,333 हमारे साथी रिज़वान की लाश बाहर गली में लावारिस पड़ी है। 163 00:11:40,208 --> 00:11:43,291 इस वक्त इस मुल्क में न जाने कितने रिज़वान 164 00:11:44,416 --> 00:11:47,208 अपनी जान मुस्कुरा कर कुर्बान कर रहे हैं। 165 00:11:48,083 --> 00:11:52,208 ये जानकर कि उनकी लगाई हुई इंकलाब की चिंगारी 166 00:11:52,875 --> 00:11:56,041 आग बनकर अंग्रेज़ी हुकूमत को राख कर देगी। 167 00:11:59,583 --> 00:12:02,750 चलिए, बिब्बो। पहला निवाला आप लीजिए। 168 00:12:11,083 --> 00:12:12,666 बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। 169 00:12:12,916 --> 00:12:14,750 बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। 170 00:12:16,750 --> 00:12:19,666 बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। 171 00:12:20,958 --> 00:12:23,208 बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम। 172 00:12:28,041 --> 00:12:29,791 हम आज से महफ़िल नहीं सजाएंगे। 173 00:12:30,333 --> 00:12:33,000 क्योंकि अब हमारा मकसद इस मुल्क की आज़ादी है। 174 00:12:33,375 --> 00:12:35,208 आप जानती भी हैं, क्या कह रही हैं? 175 00:12:36,458 --> 00:12:38,333 अंग्रेज़ इस मुल्क से कभी नहीं जाएंगे। 176 00:12:40,250 --> 00:12:41,250 यक़ीनन जाएंगे। 177 00:12:47,000 --> 00:12:48,708 अगर आप और हम साथ मिलकर-- 178 00:12:49,875 --> 00:12:52,125 नवाब और तवायफ कभी साथ नहीं चलते, फरीदन। 179 00:12:54,250 --> 00:12:56,541 हम कब्र भी औरों से ऊंची बनवाते हैं। 180 00:12:57,541 --> 00:13:01,291 जब मौत में रुतबा नहीं भूलते, तो जीते-जी कैसे भूल जाएँ। 181 00:13:02,708 --> 00:13:04,208 लेकिन, शायद आप भूल रही हैं। 182 00:13:05,291 --> 00:13:07,333 हम चौधरी साहब की तरह आपके ग़ुलाम नहीं। 183 00:13:08,458 --> 00:13:11,458 - साहब हैं, ख्वाबगाह के। - थे। 184 00:13:12,750 --> 00:13:16,083 साहब थे। आप भी और वो भी। 185 00:13:18,083 --> 00:13:20,083 मगर हमने चौधरी साहब को आज़ादी दे दी। 186 00:13:20,791 --> 00:13:21,625 और हमें? 187 00:13:24,291 --> 00:13:25,125 इजाज़त। 188 00:13:26,875 --> 00:13:29,666 ताल्लुक तोड़ने के बाद, अगर आप हमसे नफ़रत करना चाहें, 189 00:13:30,541 --> 00:13:32,041 तो हमारी इजाज़त है। 190 00:13:32,583 --> 00:13:35,041 जिस जंग का हिस्सा आप बनने जा रही हैं, 191 00:13:36,000 --> 00:13:37,875 उसमें आपकी जीत नामुमकिन है। 192 00:13:39,250 --> 00:13:41,958 फिर भी, आपकी जीत की दुआ करेंगे। 193 00:13:49,041 --> 00:13:49,875 ख़ुदा-हाफ़िज़। 194 00:13:54,458 --> 00:13:58,875 आलम बीबी, क्या कहूं दो दिनों से न दवाई खाई, न बिस्तर से उठीं 195 00:13:59,291 --> 00:14:01,458 बस तुम्हारे नाम की रट लगाए बैठी हैं। 196 00:14:01,791 --> 00:14:05,750 मैं तो कह कह के थक गई हूँ। रब की सौं। मेरा तो जी ही नहीं लगता। 197 00:14:06,583 --> 00:14:12,458 अच्छा हुआ आप आने को राज़ी हो गई आलम बीबी। कुदसिया बेगम दिनभर आलम-आलम पुकारती हैं। 198 00:14:19,625 --> 00:14:22,208 सुबह आपके जाने से पहले अगर किसी ने आपको देख लिया, 199 00:14:23,500 --> 00:14:25,625 तो कहिएगा, आप हमारे दोस्त सरफ़राज़ की बहन हैं। 200 00:14:29,208 --> 00:14:31,541 और सरफ़राज़ की बहन का नाम क्या है? 201 00:14:36,625 --> 00:14:39,750 आलमज़ेब कैसा रहेगा? 202 00:14:41,041 --> 00:14:41,875 बहुत अच्छा। 203 00:14:46,625 --> 00:14:47,458 आलम बीबी। 204 00:15:00,125 --> 00:15:00,958 दादी जान। 205 00:15:04,250 --> 00:15:05,083 आलम? 206 00:15:07,708 --> 00:15:10,541 - कैसी हैं? - हम अच्छे हैं दादी जान। 207 00:15:11,583 --> 00:15:13,958 लेकिन, आप अच्छी होने से परहेज़ क्यों कर रही हैं? 208 00:15:15,083 --> 00:15:17,916 बताइए, दवाई खाने का क्या लेंगी आप? 209 00:15:18,833 --> 00:15:21,875 लेंगे नहीं... देंगे। 210 00:15:23,333 --> 00:15:25,708 शराफ़त, वो दीजिए हमें। 211 00:15:33,500 --> 00:15:34,333 पुश्तैनी है। 212 00:15:35,583 --> 00:15:37,666 ताजदार की बेग़म के लिए संभाल कर रखी थी। 213 00:15:38,250 --> 00:15:40,125 सोचा था, निकाह के बाद देंगे। 214 00:15:42,791 --> 00:15:43,625 ये अब आपकी हुई। 215 00:15:48,166 --> 00:15:53,833 आपको देख लिया। आपको आपकी अमानत सौंप दी। बस। 216 00:15:55,541 --> 00:15:57,375 अब हम चैन से जा सकते हैं। 217 00:15:57,666 --> 00:15:59,375 आप कहीं नहीं जाएंगी दादी जान। 218 00:16:00,000 --> 00:16:02,875 आपको तो ठीक होना है। ताजदार के लिए। 219 00:16:03,750 --> 00:16:05,958 आपको कुदसिया बुलाने वाले 220 00:16:07,333 --> 00:16:08,541 फिर से आने वाले हैं। 221 00:16:21,875 --> 00:16:24,458 अंग्रेज़ सोच रहे हैं कि हीरामंडी की आड़ में, 222 00:16:24,458 --> 00:16:26,541 हम नवाब उनके खिलाफ़ बग़ावत कर रहे हैं। 223 00:16:28,083 --> 00:16:31,000 इससे पहले कि वो हमारी जायदाद ज़ब्त करना शुरू कर दें, 224 00:16:32,500 --> 00:16:34,916 हमें हीरामंडी से अपना ताल्लुक खत्म कर लेना चाहिए। 225 00:16:35,208 --> 00:16:37,375 इतनी बेरहमी की क्या ज़रूरत है, अशफाक साहब? 226 00:16:38,333 --> 00:16:40,916 आख़िर हीरामंडी हम नवाबों ने ही बसाई है। 227 00:16:40,916 --> 00:16:43,958 इसलिए नहीं बसाई है कि खुद ही उजड़ जाएं। 228 00:16:46,166 --> 00:16:47,958 वो औरतें उन बागियों का साथ दे रही हैं। 229 00:16:49,166 --> 00:16:51,416 कांच की गुड़िया से हाथ कटने लगे, 230 00:16:53,083 --> 00:16:54,541 तो उसे फेंकना पड़ता है। 231 00:16:56,041 --> 00:17:00,125 मैंने अपना फैसला कर लिया। चलिए, हीरामंडी का बॉयकॉट करते हैं। 232 00:17:01,333 --> 00:17:04,833 आज से कोई नवाब हीरामंडी नहीं जाएगा। 233 00:17:06,833 --> 00:17:08,166 न क़द्रदान बनकर। 234 00:17:10,375 --> 00:17:11,500 ना हमदर्द बनकर। 235 00:17:18,708 --> 00:17:20,833 हुज़ूर, ये क्या कर रही हैं आप? 236 00:17:21,333 --> 00:17:24,833 वहीदा को सजा रहे हैं। महफ़िल का वक्त हो गया है। ये देखिए। 237 00:17:25,291 --> 00:17:26,833 किस तरह की महफ़िल, हुज़ूर? 238 00:17:27,625 --> 00:17:29,666 चार रोज़ से हीरामंडी वीरान पड़ी है। 239 00:17:29,958 --> 00:17:32,750 कोठे सूने। आप... आप ये झरोखे देखें। 240 00:17:32,875 --> 00:17:35,333 कल तक जहां लौंडिया नाचती थी, सब बंद पड़े हैं। 241 00:17:35,708 --> 00:17:37,166 मेरा तो कलेजा मुंह को आ रहा है। 242 00:17:37,833 --> 00:17:41,208 कोई आए न आए, शाही महल की शमा जलती रहनी चाहिए। 243 00:17:41,916 --> 00:17:46,208 हुज़ूर, हम दर-दर पे दस्तक देकर आ रहे हैं। कोई नवाब नहीं आना चाहता। 244 00:17:48,458 --> 00:17:50,833 नवाब नहीं आए, तो जीना छोड़ दें हम? 245 00:17:52,833 --> 00:17:54,625 हम तवायफ हैं, उस्तादजी। 246 00:17:55,875 --> 00:18:00,000 सजना, महफ़िल सजाना, हमारा पेशा है। और हम आखिरी दम तक करेंगे। 247 00:18:02,583 --> 00:18:06,166 अरे... ये देखिए। 248 00:18:07,875 --> 00:18:11,666 पटियाला के महाराज ने हमें दी थी। फ़िदा हो गए थे हम पर। 249 00:18:13,416 --> 00:18:14,458 ये... ये रखिए। 250 00:18:17,458 --> 00:18:18,583 ठीक है, हुज़ूर। 251 00:18:19,666 --> 00:18:21,333 अगर आपकी यही मर्ज़ी है, 252 00:18:22,875 --> 00:18:26,333 तो फिर वो दिन दूर नहीं जब लाहौर के अफ़सर, मुंशी, दरोगा, 253 00:18:26,666 --> 00:18:28,500 ये ही सब आएंगे मुजरा देखने। 254 00:18:29,291 --> 00:18:32,041 अशर्फ़ियों की जगह, कौड़ियां लुटाएंगे। 255 00:18:34,000 --> 00:18:36,458 हुज़ूर, हीरामंडी को आप ही बचा सकती हैं। 256 00:18:37,541 --> 00:18:40,416 - एक दफ़े जुल्फिकार साहब से बात तो कर-- क्यों? 257 00:18:41,750 --> 00:18:42,875 ख़ुद को ज़लील करवाने? 258 00:18:44,625 --> 00:18:46,958 आपा जुल्फिकार साहब के पास हरगिज़ नहीं जाएंगी। 259 00:18:49,500 --> 00:18:52,958 महफ़िल का वक्त हो गया है। चलिए, उस्तादजी। 260 00:18:55,083 --> 00:18:56,708 क़द्रदान तो आप लाए नहीं। 261 00:18:57,875 --> 00:18:59,833 कम से कम शमा बुझाने आ जाइए। 262 00:19:33,333 --> 00:19:37,833 {\an8}मुबारक मंज़िल 263 00:19:50,083 --> 00:19:50,916 कहिए? 264 00:19:54,000 --> 00:19:55,333 सलाम, नसरीन बेग़म। 265 00:19:56,125 --> 00:19:56,958 यहाँ क्यों आई हैं? 266 00:19:57,625 --> 00:19:59,791 हमारा जुल्फिकार साहब से मिलना बहुत ज़रूरी है। 267 00:20:00,750 --> 00:20:02,250 नवाब साहब आपसे नहीं मिल सकते। 268 00:20:03,791 --> 00:20:05,875 शरबत खत्म हो जाए, तो चली जाइएगा। 269 00:20:06,125 --> 00:20:07,000 बेग़म साहिबा। 270 00:20:08,208 --> 00:20:11,791 नवाब हीरामंडी नहीं आए, तो हम सब तबाह हो जाएंगे। 271 00:20:13,000 --> 00:20:16,250 सिर्फ़ जुल्फिकार साहब हैं, जो बाकी नवाबों को समझा सकते हैं। 272 00:20:17,125 --> 00:20:18,875 और हीरामंडी को बचा सकते हैं। 273 00:20:23,333 --> 00:20:27,333 जो मर्द अपनी बीवी का न हो सका, वो तवायफ का क्या होगा। 274 00:20:28,875 --> 00:20:33,166 ख़ान बहादुर जुल्फिकार के सिर्फ़ नाम में बहादुर है, फ़ितरत में नहीं। 275 00:20:33,583 --> 00:20:35,166 तो आप समझाइए न उन्हें। 276 00:20:35,875 --> 00:20:40,250 हम पर नहीं, हीरामंडी की तमाम औरतों पर तरस कीजिए। 277 00:20:40,791 --> 00:20:44,541 आज तक किसी तवायफ को किसी बीवी पे तरस नहीं आया। 278 00:20:46,083 --> 00:20:48,791 तो आज एक बीवी को तवायफ पे तरस क्यों आए? 279 00:20:51,000 --> 00:20:52,208 घर जाइए, मल्लिका। 280 00:20:55,833 --> 00:20:58,250 मर्दों से बिस्तर की रस्में पूरी नहीं होती। 281 00:20:59,375 --> 00:21:01,541 तो, कसमें क्या ख़ाक पूरी होंगी। 282 00:21:02,750 --> 00:21:04,208 अरे, हम तो पहले से जानते थे, 283 00:21:05,166 --> 00:21:06,958 कोई नवाब हमारे साथ नहीं होगा। 284 00:21:07,291 --> 00:21:10,708 मर्द साथ छोड़ देते हैं, मिट्टी नहीं छोड़ती। 285 00:21:12,208 --> 00:21:14,458 तो एक बार मिट्टी का साथ देकर देखते हैं। 286 00:21:14,708 --> 00:21:17,666 ये बग़ावत का फ़ितूर अपने सिर से उतार दो, फरीदन! 287 00:21:17,916 --> 00:21:21,541 बग़ावत फ़ितूर नहीं, फ़र्ज़ है। 288 00:21:28,458 --> 00:21:29,791 हम भी इस मुल्क का हिस्सा हैं। 289 00:21:30,750 --> 00:21:35,041 और जब मुल्क जल रहा हो, तो महफ़िल सजाकर नहीं बैठा जाता। 290 00:21:36,625 --> 00:21:39,000 आज़ादी की क़ीमत हमसे ज़्यादा कौन जानता है। 291 00:21:40,083 --> 00:21:42,666 शराफ़त हमने छोड़ दी, मोहब्बत ने हमें छोड़ दिया। 292 00:21:43,625 --> 00:21:46,916 अब सिर्फ़ बग़ावत हमारी ज़िंदगी को मायने दे सकती है। 293 00:21:47,666 --> 00:21:53,583 बस एक बार... बस एक बार मुजरे वाली नहीं, मुल्क वाली बनकर सोचिए। 294 00:21:54,666 --> 00:21:55,750 क्यों फैलाएं हम हाथ? 295 00:21:57,125 --> 00:22:00,375 इतनी भरी पड़ी हैं हमारी तिजोरियां। कोई यहाँ भूखा नहीं रहेगा! 296 00:22:03,916 --> 00:22:07,500 आज से हीरामंडी का सिर किसी के सामने नहीं झुकेगा। 297 00:22:09,250 --> 00:22:12,750 हीरामंडी की कोई औरत, कोई बच्चा किसी का ग़ुलाम नहीं रहेगा। 298 00:22:13,875 --> 00:22:15,583 न अंग्रेज़ों का, न नवाबों का। 299 00:22:18,333 --> 00:22:22,000 हमीद साहब, समझने की कोशिश कीजिए। हमें इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा। 300 00:22:22,458 --> 00:22:25,500 इम्पीरियल पुलिस के जलसे में हेंडर्सन तकरीर करने वाला है। 301 00:22:25,750 --> 00:22:28,833 - बाहर पहरा भी कम होगा। बलराज और हम आसानी-- - हम जानते हैं, नवाज़। 302 00:22:29,791 --> 00:22:31,791 लेकिन, हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं। 303 00:22:33,416 --> 00:22:34,666 ताजदार, रिज़वान। 304 00:22:35,625 --> 00:22:37,541 और किसी साथी को खोना नहीं चाहते हैं हम। 305 00:22:38,208 --> 00:22:40,416 तो क्या हम यहाँ मुजरिमों की तरह छुपे बैठे रहेंगे? 306 00:22:41,500 --> 00:22:43,916 हेंडर्सन पर हमला करना कोई मज़ाक नहीं है, उमेश। 307 00:22:46,625 --> 00:22:48,625 हमें सही मौके का इंतज़ार करना होगा। 308 00:22:49,000 --> 00:22:51,500 इंतज़ार क्यों, हमीद साहब? मौका हमारे सामने है। 309 00:22:53,083 --> 00:22:56,208 हेंडर्सन हमारा आशिक है। और उसने हमें जलसे में बुलाया है। 310 00:22:56,500 --> 00:22:59,125 - गोली कौन चलाएगा? आप? - हाँ। 311 00:23:00,833 --> 00:23:01,708 हम उसे मारेंगे। 312 00:23:02,416 --> 00:23:04,125 आप जानती भी हैं, आप क्या कह रही हैं? 313 00:23:05,333 --> 00:23:06,583 इसका अंजाम सिर्फ़ मौत है। 314 00:23:07,291 --> 00:23:09,500 इस मुल्क के लिए कुर्बानी सिर्फ़ बेटे ही क्यों, 315 00:23:10,791 --> 00:23:12,083 हम बेटियाँ भी दे सकती हैं। 316 00:23:14,625 --> 00:23:17,458 क्राउन ने अपनी कॉलोनियों के लिए 317 00:23:17,583 --> 00:23:19,375 जो किया है, वह कोई और शासक नहीं कर सकता। 318 00:23:19,375 --> 00:23:22,625 आज के भारत को देखिए, हम शिक्षा, 319 00:23:23,041 --> 00:23:26,958 रेलमार्ग और पोस्टल सेवा इस युद्ध से ग्रस्त देश में लेकर आए। 320 00:23:27,250 --> 00:23:31,333 और, आप हिटलर की यातनाओं से बचे हुए हैं, 321 00:23:31,583 --> 00:23:34,375 क्योंकि आपको ब्रिटिश सुरक्षा मिली हुई है। 322 00:23:35,833 --> 00:23:40,125 हालांकि, पश्चिमी दुनिया में अब भी अन्याय हो रहा है। 323 00:23:40,500 --> 00:23:42,583 तो, हमें साथ मिलकर लड़ना चाहिए। 324 00:23:43,333 --> 00:23:47,708 इसलिए, भारतीय सैनिक हमारी सेना के साथ मिलकर लड़ेंगे। 325 00:23:47,916 --> 00:23:50,916 ताकि हम फ़ासिस्ट नाज़ियों को हरा सकें! 326 00:23:55,541 --> 00:23:57,583 कार्टराईट, इसे गिरफ़्तार करो! 327 00:24:14,166 --> 00:24:15,458 हमीद साहब! 328 00:24:16,583 --> 00:24:18,208 हमीद साहब! 329 00:24:19,500 --> 00:24:21,416 गोली मत मारना! उसे ज़िंदा रखो! 330 00:24:24,625 --> 00:24:27,125 हमीद साहब। हमीद साहब! 331 00:24:28,500 --> 00:24:30,541 इंकलाब ज़िंदाबाद! 332 00:24:30,916 --> 00:24:33,125 इंकलाब ज़िंदाबाद! 333 00:24:46,791 --> 00:24:49,583 हुज़ूर, जनरल हेंडर्सन का कत्ल हो गया है। 334 00:24:49,750 --> 00:24:51,458 क्या? हेंडर्सन का कत्ल? 335 00:24:51,458 --> 00:24:53,958 हुज़ूर! ऊपर वाले ने हमारी सुन ली। 336 00:24:54,208 --> 00:24:57,583 - इन अंग्रेज़ों का तो ऐसे ही-- - उसका तो बहुत पहले कत्ल हो जाना चाहिए था। 337 00:24:58,583 --> 00:25:01,833 आज शाम को फ़कीरों में खाना बाटेंगे। 338 00:25:01,833 --> 00:25:04,416 - कत्ल हमारी बिब्बो ने किया है। 339 00:25:04,541 --> 00:25:06,291 गोली सीधा सीने में लगी। 340 00:25:06,291 --> 00:25:08,666 हाय रब्बा। गिरफ़्तार करके ले गए उसे। 341 00:25:13,541 --> 00:25:17,375 जो बच्ची चींटी नहीं मार सकती थी, 342 00:25:17,375 --> 00:25:19,875 उसने अंग्रेज़ों के अफ़सर को मारा है। 343 00:25:22,916 --> 00:25:24,833 दिलेर बच्ची है हमारी। 344 00:25:25,250 --> 00:25:30,458 उसकी ये दिलेरी हीरामंडी की एक-एक तवायफ़ पे भारी पड़ेगी। 345 00:25:31,666 --> 00:25:34,166 बाल पकड़ के घसीटते हुए ले जाएंगे सबके। 346 00:25:35,708 --> 00:25:37,541 बंद करवा देंगे ये कोठे अंग्रेज़। 347 00:25:38,666 --> 00:25:39,583 तो करवा दें। 348 00:25:41,666 --> 00:25:47,000 अब हीरामंडी में महफ़िल शब-ए-आज़ादी पर ही सजेगी। 349 00:26:02,333 --> 00:26:05,458 ये ब्रिटिश मेहमाननवाज़ी खूब जंच रही है तुम पर तवायफ। 350 00:26:08,500 --> 00:26:11,083 सज़ा-ए-मौत से बचने का एक ही रास्ता है। 351 00:26:13,375 --> 00:26:14,250 सब बता दो! 352 00:26:15,666 --> 00:26:18,291 तुम्हारे फ़रार साथियों के नाम क्या हैं? 353 00:26:20,500 --> 00:26:21,333 आज़ादी। 354 00:26:25,458 --> 00:26:27,666 हमीद मोहसिन का असली मकसद क्या था? 355 00:26:30,166 --> 00:26:31,000 आज़ादी। 356 00:26:34,958 --> 00:26:40,500 तुम जानती हो, तुम्हारी इस बग़ावत का अंजाम क्या होगा? 357 00:26:44,833 --> 00:26:45,666 आज़ादी। 358 00:26:53,791 --> 00:26:56,625 फरीदन, क्या हुआ? 359 00:26:58,916 --> 00:27:01,458 अंग्रेज़ कल रात बिब्बोजान को सज़ा-ए-मौत देने वाले हैं। 360 00:27:01,583 --> 00:27:03,041 क्या? 361 00:27:03,041 --> 00:27:05,666 हाय, रब्बा! बेड़ा गर्क हो इन अंग्रेज़ों का! 362 00:27:05,666 --> 00:27:08,250 - नस्लें बर्बाद हों इनकी! दोज़ख में जाएँ! फातिमा! 363 00:27:09,166 --> 00:27:11,250 चुप कर! बैठ जा! 364 00:27:11,625 --> 00:27:14,666 इन कमीनों को रब कभी माफ़ न करे। 365 00:27:15,000 --> 00:27:16,125 बग्घी निकलवाओ सत्तो। 366 00:27:17,000 --> 00:27:19,416 हम शहर के सबसे बड़े वकीलों के पास जाएंगे। 367 00:27:20,291 --> 00:27:23,458 - आपा सबसे ऊंची अदालत में जाकर-- कोई सुनवाई नहीं होगी! 368 00:27:24,375 --> 00:27:26,166 हमने कोशिश की, हमें मिलने तक नहीं दिया। 369 00:27:26,916 --> 00:27:29,166 नवाबों को चुप कराने के लिए ताजदार को मिसाल बनाया। 370 00:27:29,166 --> 00:27:31,166 और हमें चुप कराने के लिए बिब्बो-- 371 00:27:34,166 --> 00:27:35,708 खाला, अब हमें ही कुछ करना होगा। 372 00:27:37,958 --> 00:27:40,416 कर तो रहे हैं। फ़ख़्र। 373 00:27:41,791 --> 00:27:46,708 हमारी बच्ची हीरामंडी की... पहली शहीद कहलाई जाएगी। 374 00:27:47,958 --> 00:27:50,916 आज तक हम सिर्फ़ तवायफें थीं। 375 00:27:52,458 --> 00:27:56,000 आज के बाद, हम वतनपरस्त भी हैं। 376 00:27:57,291 --> 00:28:01,333 खाला जान, इसलिए हमारा फ़र्ज़ है कि हम बिब्बो के पास जाएँ। 377 00:28:02,083 --> 00:28:04,750 उसे इस वक्त मालूम होना चाहिए कि वो अकेली नहीं। 378 00:28:04,916 --> 00:28:05,958 लेकिन, जाएंगे कैसे? 379 00:28:06,958 --> 00:28:08,541 शहर में तो कर्फ्यू लगा है। 380 00:28:08,958 --> 00:28:10,000 तोड़ कर जाएंगे! 381 00:28:10,333 --> 00:28:12,791 ओ मरजानिए, अंग्रेज़ गोलियों से भून देंगे! 382 00:28:13,083 --> 00:28:16,875 हाँ, तो भूनने दो! जान ही तो है। मिट्टी पे वार देंगे! 383 00:28:18,291 --> 00:28:20,458 बग़ावत करने का वक़्त आ गया है, मल्लिका। 384 00:28:21,208 --> 00:28:22,708 रानियां बग़ावत नहीं, 385 00:28:25,083 --> 00:28:26,291 जंग करती हैं। 386 00:28:27,500 --> 00:28:30,583 अब लाहौर की रानियां सड़कों पर उतरेंगी। 387 00:28:41,708 --> 00:28:43,291 - कौन? हम हैं, उस्ताद। 388 00:28:45,333 --> 00:28:46,500 आलम, दरवाज़ा खोलो। 389 00:28:49,083 --> 00:28:50,083 आप यहाँ? इस वक्त? 390 00:28:50,291 --> 00:28:52,583 आप अंदर चलो, सब बताते हैं। आओ। 391 00:28:56,750 --> 00:28:58,375 क्या हुआ, उस्तादजी? सब ख़ैरियत? 392 00:28:58,583 --> 00:28:59,833 बहुत बुरा वक्त है, बीबी। 393 00:29:00,666 --> 00:29:01,916 मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा। 394 00:29:02,333 --> 00:29:04,250 शाही महल की शमें बुझी पड़ी हैं। 395 00:29:05,041 --> 00:29:08,583 अब इस अंधेरे को रौशन करने का ज़िम्मा, इस चांद पर। 396 00:29:08,875 --> 00:29:10,375 क्या चांद, उस्तादजी? 397 00:29:11,125 --> 00:29:13,958 बीबी, कद्रदान तो अब रहे नहीं। 398 00:29:14,416 --> 00:29:17,458 ख़रीदार हैं। तुम्हारे लिए एक ख़रीदार लाया हूँ। 399 00:29:18,875 --> 00:29:19,708 कार्टराईट। 400 00:29:21,708 --> 00:29:24,666 बस एक रात के लिए आपको खरीदना चाहता है। 401 00:29:26,083 --> 00:29:30,166 सौ सूअर मरे होंगे, तब जाके आप पैदा हुए हैं, उस्तादजी। 402 00:29:31,833 --> 00:29:34,916 इससे पहले कि हम आप पे हाथ उठाएं, यहाँ से चले जाइए। 403 00:29:35,083 --> 00:29:37,708 बीबी, आप मेरी बात नहीं समझ रही हैं। मैं-- 404 00:29:39,333 --> 00:29:42,458 उस कार्टराईट ने हमारे ताजदार की जान ली है। 405 00:29:42,666 --> 00:29:44,916 और आप चाहते हैं कि हम आपकी बात समझें? 406 00:29:45,666 --> 00:29:50,083 हमारी अम्मी को बेआबरू किया है और आप चाहते हैं कि हम आपकी बात समझें? 407 00:29:50,250 --> 00:29:53,250 - बीबी, आप-- - हमारी बिब्बो आपा को फांसी होने वाली है। 408 00:29:53,250 --> 00:29:56,041 और आप चाहते हैं कि हम आपकी बात समझें? 409 00:29:56,250 --> 00:29:58,750 - बेबी, मैं चाहती-- - हम पेट से हैं, उस्तादजी। 410 00:29:58,750 --> 00:30:02,791 और आप चाहते हैं कि हम उस कार्टराईट का बिस्तर गर्म करें? 411 00:30:03,708 --> 00:30:05,125 - जाइए यहाँ से! - बीबी, आप-- 412 00:30:06,291 --> 00:30:09,875 कहीं और जाके सौदा कीजिए। हीरामंडी में जिस्मों की कमी नहीं है। 413 00:30:14,583 --> 00:30:18,375 लेकिन, बीबी, आपके पास जिगरा है। 414 00:30:20,208 --> 00:30:22,541 आलम, इंतकाम ले अब। 415 00:30:26,708 --> 00:30:29,958 ये ही सही रास्ता है, कार्टराईट के पास जाने का। 416 00:30:32,041 --> 00:30:33,375 दोज़ख का कीड़ा। 417 00:30:34,375 --> 00:30:35,958 दो कौड़ी का दलाल। 418 00:30:35,958 --> 00:30:37,708 हाँ। मैं हूँ। 419 00:30:38,833 --> 00:30:41,750 लेकिन, शाही महल का वफ़ादार हूँ। 420 00:30:42,791 --> 00:30:45,625 इतनी-इतनी सी थी। तब से तुम्हें पाला है। 421 00:30:45,833 --> 00:30:49,125 निवाले अपने हाथों से, यहाँ सुलाया है। 422 00:30:50,916 --> 00:30:56,125 तुम सब की सब हरामज़ादियाँ, मेरे यहाँ रहती हो। समझी? 423 00:30:57,458 --> 00:30:59,833 कल तैयार रहना। मैं लेने आऊंगा। 424 00:32:23,166 --> 00:32:28,208 बिब्बोजान। उठो। जाने का समय हो गया। 425 00:32:31,666 --> 00:32:35,291 चलो। समय हो गया। कोई आखिरी ख्वाहिश? 426 00:32:44,500 --> 00:32:49,333 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 427 00:32:49,750 --> 00:32:54,750 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 428 00:32:54,875 --> 00:33:00,416 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 429 00:33:23,250 --> 00:33:28,166 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 430 00:33:28,416 --> 00:33:33,375 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 431 00:33:33,708 --> 00:33:38,750 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 432 00:33:38,958 --> 00:33:43,666 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 433 00:33:43,666 --> 00:33:49,166 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 434 00:33:59,166 --> 00:34:04,208 ♪ मिट जाएगा नाम इस ज़ुलमत का ♪ 435 00:34:04,208 --> 00:34:09,541 ♪ लहराएगा परचम मोहब्बत का ♪ 436 00:34:14,291 --> 00:34:19,250 ♪ मिट जाएगा नाम इस ज़ुलमत का ♪ 437 00:34:19,625 --> 00:34:24,916 ♪ लहराएगा परचम मोहब्बत का ♪ 438 00:34:24,916 --> 00:34:29,875 ♪ शहरों-शहरों, गांवों-गांवों में ♪ 439 00:34:29,875 --> 00:34:35,041 ♪ हमें इश्क-ए-आज़ादी देखनी है ♪ 440 00:34:35,041 --> 00:34:40,291 ♪ हमें सुबह-ए-आज़ादी देखनी है ♪ 441 00:34:40,291 --> 00:34:45,666 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 442 00:35:16,583 --> 00:35:21,083 ♪ सब ताज पड़े बेसुध होंगे ♪ 443 00:35:21,375 --> 00:35:26,291 ♪ हम अपने हाकिम ख़ुद होंगे ♪ 444 00:35:31,708 --> 00:35:36,791 ♪ सब ताज पड़े बेसुध होंगे ♪ 445 00:35:36,791 --> 00:35:42,041 ♪ हम अपने हाकिम ख़ुद होंगे ♪ 446 00:35:42,041 --> 00:35:46,791 ♪ भारत माँ की अज़मत को हमें ♪ 447 00:35:46,791 --> 00:35:52,166 ♪ बनते शहज़ादी देखनी है ♪ 448 00:35:52,166 --> 00:35:57,333 ♪ हमें सुबह-ए-आज़ादी देखनी है ♪ 449 00:35:57,333 --> 00:36:02,375 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 450 00:36:02,375 --> 00:36:07,500 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 451 00:36:07,500 --> 00:36:13,041 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 452 00:36:59,916 --> 00:37:01,750 अपनी जगहें लो! 453 00:37:08,083 --> 00:37:09,583 निशाना लगाओ! 454 00:37:13,291 --> 00:37:14,833 इंकलाब! 455 00:37:16,250 --> 00:37:17,875 ज़िंदाबाद! 456 00:37:20,333 --> 00:37:22,375 और, फ़ायर! 457 00:37:33,875 --> 00:37:38,708 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 458 00:37:38,875 --> 00:37:44,083 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 459 00:37:44,208 --> 00:37:49,208 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 460 00:37:49,375 --> 00:37:54,208 ♪ हर हाल में हमें देखनी है ♪ 461 00:37:54,458 --> 00:37:59,791 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪ 462 00:38:04,583 --> 00:38:07,375 सोने के पिंजरों में क़ैद इन तवायफों को 463 00:38:08,125 --> 00:38:10,500 आज़ादी की कीमत समझानी नहीं पड़ी। 464 00:38:12,166 --> 00:38:14,416 इन्होंने आज़ादी के लिए बग़ावत की। 465 00:38:15,708 --> 00:38:18,625 जंग लड़ी। कुर्बानियां दीं। 466 00:38:19,958 --> 00:38:22,708 मगर वक्त ने इनकी कुर्बानियों को भुला दिया। 467 00:38:24,541 --> 00:38:27,291 जो समाज औरत को जायदाद में हिस्सा नहीं दे पाता, 468 00:38:28,250 --> 00:38:30,083 वो तारीख में जगह क्या देता। 469 00:38:31,000 --> 00:38:33,458 पंद्रह अगस्त 1947 को 470 00:38:33,875 --> 00:38:35,833 आज़ादी की जंग खत्म हो गई। 471 00:38:37,583 --> 00:38:39,541 मगर औरत की जंग कभी खत्म नहीं होती। 472 00:38:40,875 --> 00:38:43,750 इन तवायफों की भी एक नई जंग शुरू हुई। 473 00:38:44,250 --> 00:38:47,208 एक नई दुनिया में सिर उठा के जीने की जंग। 474 00:38:48,625 --> 00:38:51,333 इनकी ज़िंदगी की अगली लड़ाई। 475 00:38:51,500 --> 00:38:54,000 ♪ हमें देखनी है आज़ादी ♪